जब आप IPO (प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव) को देखते हैं, तो यह किसी कंपनी का पहला कदम होता है जिसमें वह जनता को शेयर बेचती है। इस प्रक्रिया में स्टॉक मार्केट, एक मंच जहाँ शेयर खरीदे‑बेचे जाते हैं मुख्य भूमिका निभाता है, जबकि SEBI (सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया) नियामक संस्था है जो IPO की मंजूरी और पारदर्शिता देखती है। साथ ही निवेशक (शेयरधारक) वो लोग हैं जो इस ऑफ़र में भाग लेकर कंपनी के भागीदार बनते हैं। इस प्रकार IPO एक आर्थिक घटना है जिसमें कंपनी, बाजार, नियामक और निवेशक आपस में जुड़े होते हैं। यह संबंध कई बार “IPO ↔ स्टॉक मार्केट ↔ SEBI ↔ निवेशक” के रूप में एक सन्दर्भ त्रिभुज बनाता है, जिससे पूँजी बाजार में नई कंपनियों का प्रवेश सुगम हो जाता है।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ को 90‑के दशक की मारुति जैसा अवसर बताया गया; Nipun Lodha और Narendra Solanki ने बुलेट और बेयर केस पेश किए।
और अधिक जानेंLG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 7‑9 अक्टूबर 2025 को ₹11,607 करोड़ की ऑफ़‑फॉर‑सेल IPO लॉन्च की, जिससे भारतीय टेक‑सेक्टर में नई लिक्विडिटी और निवेश अवसर उत्पन्न हुए।
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