पुणे में आरअलर्ट: अत्यधिक भारी बारिश से जलभराव
पुणे और इसके आस-पास के क्षेत्रों में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अत्यधिक भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट जारी किया है। इस बारिश ने अधिकांश भाग में कमर-से-गहरे जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है। निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि खड़कवासला डैम अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच चुका है और मुंथा नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इस जलनिकासी के कारण नदी किनारे बसे लोगों को भी अलर्ट किया गया है।
शहर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में जलभराव के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया है। जिला कलेक्टर सुहास दीवासे ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। पिछले सप्ताह में मौसम के पूर्वानुमान ने ज्यादातर बादल छाए रहने और बार-बार होने वाली बारिश की संभावना जताई है। 26 जुलाई को तापमान 23 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और मध्यम बारिश की उम्मीद है। यह सिलसिला 30 जुलाई तक जारी रहने की उम्मीद है।
बाढ़ की स्थिति
पिछले कुछ दिनों में खड़कवासला डैम के अलावा वॉरासगांव, पानशेत और टेमघर डैम में भी जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। शहर ने 567.2 मिमी बारिश दर्ज की है, जो सामान्य 420.1 मिमी से अधिक है। ये भारी बारिश शहर में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थितियों को और बढ़ाती जा रही है।
खड़कवासला डैम से पानी छोड़े जाने के बाद मुंथा नदी के किनारे बसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। प्रशासन ने उनको सुरक्षित स्थानों पर जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि से बचा जा सके।
जलभराव के कारण सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे यातायात बाधित हो गया है। प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक घर से बाहर न निकलने की और सुरक्षित रहने की अपील की है।
अन्य क्षेत्रों में जलभराव
सिर्फ पुणे ही नहीं, बल्कि आस-पास के कई क्षेत्रों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वॉरासगांव, पानशेत और टेमघर डैम में जलस्तर बढ़ने से आस-पास के ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है। कुछ क्षेत्रों में घरों में पानी घुस जाने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।
वहीं, कई क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा, बारिश के कारण जलभराव से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
मौसम का पूर्वानुमान
अगले कुछ दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान भी लगातार बारिश की तरफ इशारा कर रहा है। IMD ने यह संभावना जताई है कि 26 से 30 जुलाई तक शहर में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। तापमान 23 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा।
प्रशासन की तरफ से नागरिकों से अपील है कि वे सुरक्षित स्थानों पर बने रहें और बारिश के दौरान किसी भी जोखिम भरे कार्यों से बचें। इसके साथ ही जलभराव वाले क्षेत्रों में अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई है।
पानी के विस्तार और जलभराव की समस्या से निपटने के लिए राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है और विभिन्न एजेंसियाँ लगातार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं। मंगलवार को जारी हुए आंकड़ों के अनुसार, पुणे शहर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कुल 567.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से काफी अधिक है।
लोगों की प्रतिक्रिया
भारी बारिश और जलभराव के चलते लोगों में घबराहट का माहौल है। कई लोगों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना करते हुए अपने मन की बात कही। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार और प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई है।
खड़कवासला डैम के पास रहने वाले एक निवासी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे इलाके में हमेशा बाढ़ का खतरा बना रहता है। इस बार प्रशासन ने अच्छे से तैयारी की है, मगर डर तो बना ही रहता है।"
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने अपने घर में जरूरत के सभी वस्त्र और आवश्यक सामान सुरक्षित स्थान पर रख लिए हैं ताकि आपातकालीन स्थिति में आसानी हो सके।
सावधानियाँ और राहत कार्य
नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रशासन लगातार सतर्क है और समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रहा है। जलभराव के चलते यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पुलिस और सरकारी अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं भी पूरी तरह से मुस्तैद हैं। अति आवश्यक सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की स्थिति का तुरन्त समाधान किया जा सके।
कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं और पशुधन को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का कार्य जारी है।
स्वास्थ्य संबंधी उपाय
तुरंत पानी से होने वाली बीमारियों और जानवरों से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई कदम उठाए हैं। जलजनित बीमारियों को रोकने के लिए पानी के स्रोतों को शुद्ध करने के लिए क्लोरिन और अन्य रसायनों का वितरण किया जा रहा है।
मेडिकल कैंप और मोबाइल क्लीनिक भी स्थापित किए गए हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सके। लोगों को स्वच्छ पानी के उपयोग के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, पुणे और उसके आसपास के क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश ने कई समस्याओं को जन्म दिया है, लेकिन प्रशासन और सुरक्षा बलों की तत्परता और समर्पण से स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है। नागरिकों से सहयोग और सतर्कता की अपील की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
Hitender Tanwar
जुलाई 26, 2024 AT 05:56pritish jain
जुलाई 27, 2024 AT 02:05Gowtham Smith
जुलाई 28, 2024 AT 12:37Shivateja Telukuntla
जुलाई 30, 2024 AT 03:52Ravi Kumar
जुलाई 30, 2024 AT 23:01rashmi kothalikar
अगस्त 1, 2024 AT 06:03vinoba prinson
अगस्त 1, 2024 AT 06:59Shailendra Thakur
अगस्त 1, 2024 AT 07:41Muneendra Sharma
अगस्त 2, 2024 AT 09:00Anand Itagi
अगस्त 3, 2024 AT 17:22Sumeet M.
अगस्त 4, 2024 AT 19:31Kisna Patil
अगस्त 4, 2024 AT 23:11ASHOK BANJARA
अगस्त 5, 2024 AT 21:44