दिल्ली में 24 घंटों में 108 मिमी बारिश: 14 साल का जुलाई का रिकॉर्ड टूटा

2 अगस्त 2024
दिल्ली में 24 घंटों में 108 मिमी बारिश: 14 साल का जुलाई का रिकॉर्ड टूटा

दिल्ली में 14 वर्षों का जुलाई का सबसे बड़ा बारिश रिकॉर्ड दर्ज

हाल ही में दिल्ली ने एक अभूतपूर्व बारिश अनुभव की है, जिसमें सिर्फ 24 घंटों के भीतर 108 मिमी बारिश हुई है। पिछले 14 वर्षों में जुलाई के महीने में यह सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इस भारी बारिश के कारण राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे वहाँ की दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस भारी बारिश के पीछे बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में इसी तरह की बारिश जारी रहेगी। इससे पहले दिल्ली में भीषण गर्मी का दौर चल रहा था, जिससे लोगों को अब कुछ राहत मिलने वाली है।

प्रभाव और समस्याएँ

हालांकि, इस भारी बारिश ने राजधानी के विभिन्न हिस्सों में जलभराव की समस्या इजाद कर दी है। विभिन्न इलाकों में पानी जमा हो जाने से सड़कों पर गाड़ियों का आवागमन बेहद कठिन हो गया है। लोगों को यातायात जाम और बिजली कटौती जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की टीमें स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए दिन रात कठिन परिश्रम कर रही हैं।

स्थिति नियंत्रण में लाने के प्रयास

स्थिति नियंत्रण में लाने के प्रयास

स्थानीय प्राधिकरणों ने जलभराव की समस्या को हल करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। विभिन्न इलाकों में पानी निकासी के लिए पम्प लगा दिए गए हैं और यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। लेकिन अभी भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है।

सुरक्षा और सावधानियाँ

स्थानीय प्रशासन ने निवासियों से अपील की है कि वे घर से बाहर निकलने से बचें और सुरक्षित रहने की कोशिश करें। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां जलभराव की स्थिति अधिक गंभीर है, वहाँ जाने से बचने की सलाह दी गई है। यात्रा करने वालों को भी पूरी सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।

लोगों के लिए राहत

लोगों के लिए राहत

दिल्लीवासियों को इस बारिश से कुछ राहत तो मिल रही है, क्योंकि इससे पहले दिल्ली में भयंकर गर्मी का प्रकोप था। हाल के दिनों में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा था, जिससे लोग बेहाल थे। लेकिन अब इस वर्षा से तापमान में गिरावट आई है, जिससे जीवन थोड़ा सहज हो गया है।

आगे की संभावना

IMD के अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक दिल्ली में इसी तरह की बारिश जारी रह सकती है। मानसून के इस प्रभाव ने दिल्ली को पूरी तरह से घेर लिया है और आने वाले दिनों में भी बारिश जारी रह सकती है।

आपकी जानकरी के लिए

आपकी जानकरी के लिए

यह घटना यह दर्शाती है कि मानसून किस प्रकार अप्रत्याशित हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप लोगों को अलग-अलग प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह मौसम का शक्ति प्रदर्शन है और इसे ध्यान में रखते हुए हमें और भी सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है।

17 टिप्पणि

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    Hitender Tanwar

    अगस्त 3, 2024 AT 02:40
    ये बारिश तो हर साल होती है, लेकिन हर साल नया रिकॉर्ड बनाने का शोर मचाया जाता है। असली समस्या तो सड़कों का ड्रेनेज है, जिस पर कोई काम नहीं करता।
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    pritish jain

    अगस्त 4, 2024 AT 07:50
    मानसून की इस असामान्य तीव्रता को जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में विश्लेषित किया जाना चाहिए। भारतीय वातावरणीय आंकड़े, विशेषकर दिल्ली के लिए, अत्यधिक विषमता को दर्शाते हैं।
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    Gowtham Smith

    अगस्त 5, 2024 AT 02:24
    इस बारिश को देखकर लगता है कि हमारे शहरी नियोजन का स्तर तीसरी शताब्दी का है। एक निम्न दबाव प्रणाली के आगमन से राजधानी बेबस हो जाती है? ये अपराध है, न कि प्राकृतिक आपदा।
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    Shivateja Telukuntla

    अगस्त 6, 2024 AT 10:06
    गर्मी के बाद बारिश आई तो लोग खुश हो गए। लेकिन जलभराव की समस्या अभी भी बरकरार है। शायद हम अपनी राहत के लिए बारिश को भूल गए हैं।
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    Ravi Kumar

    अगस्त 8, 2024 AT 04:59
    भाई, ये बारिश तो जैसे आसमान ने अपनी गर्मी का गुस्सा उतार दिया हो! लेकिन जब तक ड्रेनेज के लिए कोई बड़ा सपना नहीं देखेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। अब तो घर के बाहर निकलना भी एक एडवेंचर बन गया है।
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    rashmi kothalikar

    अगस्त 9, 2024 AT 22:13
    ये सब तो बाहरी शक्तियों की साजिश है। जो लोग हमारे शहर को बर्बाद करना चाहते हैं, वो इस बारिश को भी अपना हथियार बना रहे हैं। हमें अपने नेताओं को अधिक सख्ती से जिम्मेदार ठहराना चाहिए।
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    vinoba prinson

    अगस्त 10, 2024 AT 15:55
    विज्ञान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव प्रणाली का उद्भव जलवायु असंतुलन का परिणाम है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली के नगरीय अपवाह प्रणाली का डिज़ाइन बहुत पुराना है, जिसे 1980 के दशक के स्तर पर छोड़ दिया गया है।
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    Shailendra Thakur

    अगस्त 11, 2024 AT 19:10
    हम सब इस बारिश को एक राहत के रूप में देख रहे हैं, लेकिन इसके पीछे बहुत सारे लोग दर्द में हैं। जिनके घर पानी में डूब गए हैं, जिनकी दुकानें बंद हो गई हैं। हमें बस राहत के बारे में नहीं, बल्कि सहानुभूति के बारे में भी सोचना चाहिए।
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    Anand Itagi

    अगस्त 12, 2024 AT 14:23
    अगर इतनी बारिश हो रही है तो फिर बारह महीने में एक बार भी पानी की कमी क्यों हो रही है ये सवाल तो कोई नहीं पूछता क्योंकि लोगों को तो बारिश आई तो खुशी हो गई
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    Sumeet M.

    अगस्त 12, 2024 AT 18:18
    इस बारिश को देखकर लगता है कि हमारी सरकार ने न तो नियोजन किया, न ही निर्माण किया, न ही नियंत्रण किया! ये सब बेकार की चर्चा है। बारिश हुई, तो देखो क्या हुआ? बस इतना ही? ये असमर्थता का नाम है!
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    Kisna Patil

    अगस्त 12, 2024 AT 20:15
    हम जब बारिश की बात करते हैं, तो याद रखें कि ये प्रकृति का दिया हुआ उपहार है। हमने अपने नगरों को इतना अव्यवस्थित बना दिया है कि अब ये उपहार भी दुख बन गया। लेकिन हम अभी भी बदल सकते हैं।
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    ASHOK BANJARA

    अगस्त 12, 2024 AT 22:00
    जलवायु विज्ञान के अनुसार, भारतीय मानसून की अस्थिरता बढ़ रही है। यह बारिश केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक बड़े ट्रेंड का हिस्सा है। हमें जल संग्रहण, भूजल पुनर्भरण और नगरीय अपवाह प्रणाली में निवेश करने की जरूरत है। नहीं तो अगली बारिश भी इसी तरह बर्बादी लेकर आएगी।
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    Sahil Kapila

    अगस्त 13, 2024 AT 07:21
    इतनी बारिश आई तो लोग खुश हो गए और अब बार-बार रिकॉर्ड का नाम लेने लगे लेकिन जिनके घर में पानी भर गया उनकी आवाज़ कहाँ है क्योंकि ये बारिश तो सिर्फ खबरों के लिए बनी है
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    Rajveer Singh

    अगस्त 14, 2024 AT 11:30
    इस बारिश के बाद भी हमारे नेता अपने वादों को भूल गए। जब तक हम अपने शहरों को अपने हाथों से बनाएंगे, तब तक ये सब बेकार की बातें होती रहेंगी। अब तो बारिश के लिए भी हमें बाहरी शक्तियों को दोष देना होगा!
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    Ankit Meshram

    अगस्त 14, 2024 AT 19:36
    राहत मिली। अब बस ठीक कर दो।
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    Shaik Rafi

    अगस्त 15, 2024 AT 15:06
    हम सब बारिश को एक घटना के रूप में देखते हैं, लेकिन यह एक संकेत है। एक ऐसा संकेत जो हमें अपने जीवनशैली, नियोजन और सामाजिक जिम्मेदारी के बारे में फिर से सोचने के लिए मजबूर करता है। यह बारिश नहीं, हमारी अनदेखी है जो समस्या है।
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    Ashmeet Kaur

    अगस्त 16, 2024 AT 16:48
    मैं बिहार से हूँ, वहाँ भी ऐसी ही बारिश हुई थी। लेकिन वहाँ लोगों ने अपने घरों के आसपास बारिश के पानी को जमा करके जल संचयन का अभ्यास किया। दिल्ली में भी ऐसा करना चाहिए। बारिश को बर्बादी नहीं, एक अवसर बनाया जा सकता है।

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