संयुक्त राष्ट्र के 80वें जनरल असेंबली में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरिफ ने भारत पर "बिना वजह के आक्रमण" का आरोप लगाया। शरिफ ने कहा कि ऑपरेशन सिंधूर में सात भारतीय जेट को नुकसान पहुँचा और भारतीय बलों को पराजित किया गया। इस पर भारत की स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने UN सभा में अधिकार‑प्रतिक्रिया के तहत हाली बयान दिया। गहलोत ने कहा कि शहबाज़ की बातें "बेतुकी कथा" हैं और असली तथ्य स्पष्ट हैं।
गहलोत ने बताया कि 9 मई तक पाकिस्तान ने भारत पर लगातार दाँव लगाए थे, लेकिन 10 मई को भारतीय वायु बल ने कई पाक विमानस्थलों को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना ने सीधे भारत से युद्ध बंद करने की विनती की। फोटो, वीडियो और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सबूतों में दिखाया गया कि पाकिस्तान के रनवे जलते हुए और हैंगर ध्वस्त हुए थे, जो शहबाज़ शरिफ की "जित" की दावेदारी को पूरी तरह खारिज करता है।
ऑपरेशन सिंधूर, जो मई 2025 में शुरू हुआ, उसका मकसद पाकिस्तान के घातक आतंक नेटवर्क को निशाना बनाकर उनके मिलिटरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करना था। भारत ने पूर्वी जिले के नजदीकी बेस से बज़िया‑डरवेज़ी मोड में कई हवाई हमले किए, जिससे फिजिकल डैमेज की मात्रा पहले ही रिपोर्ट में दर्ज हो गई थी। इस दौरान भारत ने न्यूनतम हानि उठाई, जबकि पाकिस्तानी पक्ष को बड़े पैमाने पर बायोटिक तथा कंवेंशन टूटने की समस्या का सामना करना पड़ा।
गहलोत ने निम्न बिंदुओं पर ज़ोर दिया:
भारत ने यह भी कहा कि वह उन देशों से सीख नहीं लेगा जो आतंक को समर्थन देते हैं। इस बात को दोहराते हुए, गहलोत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के बयानों को "बेवकूफ़ी भरा नाटक" कहा और ज़ोर दिया कि शहबाज़ शरिफ का बयान सिर्फ ताबूत‑ताबूत की गुँथी है, जिसके पीछे वास्तविक मंशा अपने ही घोटालों को छुपाना है।
यह कूटनीतिक टकराव सिर्फ दो देशों के बीच नहीं, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत‑पाकिस्तान तनाव की बहस को भड़का रहा है। अब देखना यह है कि अगले महीनों में संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंच इस मुद्दे को कैसे संभालते हैं।