UN सभा के बारे में सब कुछ – क्या, क्यों और कैसे?

जब हम UN सभा, संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख लोकतांत्रिक मंच, जहाँ 193 सदस्य देशों के प्रतिनिधि मिलते हैं और अंतर‑राष्ट्रीय नीतियों को आकार देते हैं. Also known as संयुक्त राष्ट्र महासभा, यह मंच वैश्विक स्थिरता, आर्थिक विकास और मानवाधिकार पर बहस का केंद्र है।

UN सभा की कार्यवाही अकेले नहीं चलती; उसे सुरक्षा परिषद, पाँच स्थायी और दस अस्थायी सदस्य देशों का समूह जो अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को देखता है के समर्थन की जरूरत होती है। साथ ही आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC), विकास, स्वास्थ्य और सामाजिक नीतियों का प्रमुख मंच भी नीति‑निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन तीनों संस्थानों का मिलन UN सभा को "वैश्विक नीति‑निर्माण का बहु‑स्तरीय इकोसिस्टम" बनाता है।

मुख्य विषय जो UN सभा पर चर्चा में रहते हैं

सबसे बार-बार उठाए जाने वाले मुद्दे जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा हैं। जलवायु परिवर्तन को लेकर UN सभा में पर्यावरणीय कार्यक्रम, पेरिस समझौता और विकासशील देशों के लिए अनुदान पर बहस होती है। ये चर्चाएँ सीधे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, समुद्र‑स्तर वृद्धि और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने की अंतर्राष्ट्रीय पहल से जुड़ी नीतियों को रूप देती हैं। दूसरी ओर, मानवाधिकार के प्रावधानों पर वार्तालाप में मानवाधिकार, जीवन, स्वतंत्रता और न्याय की सार्वभौमिक गारंटी को सुनिश्चित करने के लिए नई संधियों, निगरानी तंत्र और दायित्व‑आधारित तंत्रों का प्रस्ताव किया जाता है। अंत में, सुरक्षा परिषद के अंतर्राष्ट्रीय शांति मिशनों, शस्त्र नियंत्रण समझौतों और संकट‑प्रबंधन रणनीतियों को UN सभा की निगरानी में सुधारा जाता है।

इन सबका एक सीधा संबंध है: UN सभा, सुरक्षा परिषद और जलवायु परिवर्तन सभी मिलकर "वैश्विक स्थिरता" को साकार करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि जलवायु‑संकट से उत्पन्न प्रवास के कारण प्रवासी संकट बढ़ता है, तो सुरक्षा परिषद शांति‑रक्षण मिशन तैनात कर सकती है और UN सभा आर्थिक सहायता और मानवीय मदद की दिशा तय कर सकती है। इसी तरह, मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में ECOSOC विकास कार्यक्रमों के साथ सहयोग करके संरचनात्मक सुधार लाता है। यह परस्पर जुड़ाव ही UN प्रणाली को प्रभावी बनाता है।

यह टैग पेज इन विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझने के लिए लेखों को इकट्ठा करता है। नीचे आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न देशों की नीतियों ने सुरक्षा परिषद के कार्य को प्रभावित किया, जलवायु बदलाव के उत्तर में कौन‑से नए समझौते बने, और मानवाधिकार की रक्षा में कौन‑से नवीनतम कदम उठाए गए। पढ़ते रहिए और देखें कि UN सभा के निर्णय आपके रोज़मर्रा के जीवन को कैसे बदलते हैं।

UN में भारत ने शहबाज़ शरिफ के दावों को खारिज कहा, कहा 'बेवकूफ़ी भरा नाटक'

28 सितंबर 2025

UN जनरल असेंबली में शहबाज़ शरिफ के भारत‑विरोधी बयान पर भारत ने तेज़ प्रतिक्रिया दी। न्यू दिल्ली के प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने शरिफ की कड़ियों को झुठा कर पाकिस्तान को आतंक देनहार कहा। उन्होंने मई 2025 के ऑपरेशन सिंधूर की सच्ची तस्वीर पेश की, जिसमें भारतीय वायु शक्ति ने पाकिस्तानी हवाई अड्डों को नष्ट किया। इस जवाबी बयान को भारत ने 'बेवकूफ़ी भरा नाटक' बताया।

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