अगर आप भारतीय फ़िल्मों में रुचि रखते हैं तो तमिल सिनेमा, यानी कोलट्टा इंडस्ट्री, जरूर देखनी चाहिए। यह इंडस्ट्री सिर्फ दक्षिण भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में फैंस का दिल जीत लेती है। यहाँ हम आपको बतायेंगे कि तमिल सिनेमा इतना खास क्यों है और अभी कौन‑सी फ़िल्में देखनी चाहिए।
तमिल सिनेमा का आरम्भ 1916 में हुआ जब पहला शॉर्ट फ़िल्म ‘ராஜா’ (Raja) बन गया। इसके बाद 1930‑40 के दशक में सीमित बजट के बावजूद बड़ी हिट हुईं, जैसे ‘சிலபை’ (Silappathikaram) और ‘அலர்’ (Alai). 1990‑2000 के दशक में मार्विन दासन और रजिनीकांत जैसे सितारा उभरे, जिससे इंडस्ट्री ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनायी। अब ‘पार्टी’ (Master), ‘कोइटराख’ (K.G.F) जैसी फ़िल्में बॉक्स‑ऑफ़िस पर रिकॉर्ड बना रही हैं।
एक और बड़ी बात है, तमिल सिनेमा ने संगीत को बहुत महत्व दिया। इलेकट्रॉनिक, डांस और क्लासिकल मिक्स से बनते गाने फैंस को गानों के साथ ही सिनेमाघर में खींचते हैं। ए.आर. रहमान, इलैयर गरु और तानुज कार्लिकर जैसे संगीतकार इस धुन को नया रूप देते हैं।
2024‑2025 में तमिल सिनेमा में कई नई चीज़ें देखी जा रही हैं:
अगर अभी देखना चाहें तो त्रिविक्रम, वर्सा और यूवॉन्टेड फ़िल्में शुरुआत के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। इनमें आकर्षक कहानी, दमदार अभिनय और साउंड ट्रैक का सही मिश्रण है।
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समाप्ति में, तमिल सिनेमा सिर्फ फ़िल्म नहीं, बल्कि एक संस्कृति है। इसमें भावनाओं, संगीत और तकनीक का समन्वय है जो हर दर्शक को जोड़ता है। तो अगली बार जब फ़िल्म देखनी हो, तो कोलट्टा की नई रिलीज़ को चेक ज़रूर करें – आप निराश नहीं होंगे।
तमिल सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता दिल्ली गणेश का निधन 80 वर्ष की आयु में हुआ। उन्होंने 400 से अधिक फिल्मों में अपने बहुमुखी अभिनय से दर्शकों का दिल जीता। राजिनीकांत और कमल हासन के साथ अभिनय कर चुके गणेश ने अपने करियर की शुरुआत के. बालाचंदर की फिल्म पट्टिना प्रवेशम से की थी। उनकी मृत्यु के पश्चात अंतिम संस्कार 11 नवंबर को चेन्नई में होगा।
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