दिल्ली गणेश: एक विजयगाथा का समापन
तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिल्ली गणेश, जिन्होंने अपने चार दशक लंबे करियर में समर्थन भूमिकाओं में अद्वितीय कौशल दिखाया, 80 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनके निधन से तमिल सिनेमा जगत में गहरा शोक व्याप्त है। गणेश का निधन 9 नवंबर, 2024 को उम्र संबंधी बीमारियों के कारण हुआ। अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को चेन्नई के रामापुरम में रखा गया है। अंतिम क्रिया 11 नवंबर को निर्धारित है।
अभिनय का सफर: भारतीय वायुसेना से फिल्मों तक
दिल्ली गणेश का अभिनेता बनने का सफर अपने आप में प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भारतीय वायुसेना में 1964-74 के दौरान की। इसके बाद उन्होंने अभिनय की ओर रुख किया। 1976 में के. बालाचंदर द्वारा निर्देशित 'पट्टिना प्रवेशम' से उन्होंने अपना फिल्मी सफर शुरू किया, जिसमें उन्हें 'दिल्ली गणेश' का प्रसिद्ध नाम भी मिला। अपने अभिनय के प्रारंभिक वर्षों में वे दिल्ली स्थित ड्रामा टोली 'दक्षिण भारत नाटका सभा' के सदस्य रहे थे।
400 से अधिक फिल्मों में चमका अभिनय
गणेश ने लगभग 400 फिल्मों में काम किया और तमिल सिनेमा के दिग्गजों जैसे राजिनीकांत और कमल हासन के साथ स्क्रीन साझा की। उनकी यादगार भूमिकाओं में 'सिंधु भैरवी' (1985), 'नायकन' (1987), 'माइकल मदना कामा राजन' (1990), 'आहा..' (1997) और 'थेनल' (2000) शामिल हैं। हर फिल्म में गणेश ने कमाल का अभिनय किया और अपने दर्शकों को प्रभावित किया। उनकी भूमिकाएं हास्य से लेकर गंभीर और नाटकीय थीं, जो उनकी अभिनय क्षमता को दर्शाती हैं।
पुरस्कार और सम्मान
दिल्ली गणेश का योगदान केवल दर्शकों के मनोरंजन तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्हें उनकी कलात्मकता के लिए कई पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हुए। उन्हें 'पासी' (1979) में उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 1994 में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता द्वारा कलाईमामणि पुरस्कार दिया गया। इन पुरस्कारों ने उनकी उपलब्धियों को और भी प्रभावशाली बना दिया।
विविध भूमिका और टेलीविज़न सफर
गणेश ने अपने अभिनय कौशल को टेलीविज़न और शॉर्ट फिल्मों में भी जारी रखा। उनकी विविध भूमिकाएं उन्हें दर्शकों के बीच प्रिय बनाती गईं। उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'व्हाट इफ बैटमैन वाज फ्रॉम चेन्नई' में अल्फ्रेड पेनीवर्थ की भूमिका निभाई, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा। 2016 की थ्रिलर 'धुरुवंगल पठिनारू' में उनका कैमियो भी चर्चा में रहा।
एक अभिनय यात्रा का अंत
दिल्ली गणेश का निधन तमिल सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी अभिनय यात्रा हमेशा जीवित रहेगी। उनके अभिनय का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। गणेश जैसे कलाकारों की बातें और उनके द्वारा निभाए गए पात्र, समय की धारा में सदैव स्थान बनाए रखेंगे, यह उनके ही जैसे महान कलाकार की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
Sahil Kapila
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