जब बात स्वदेशी भारत, देश में निर्मित उत्पाद, सेवाएँ और तकनीक को प्राथमिकता देने की आंदोलन, भी कहा जाता है तो इसे अक्सर अत्मनिर्भर भारत कहा जाता है। यह अवधारणा स्वदेशी उद्योग, स्थानीय संसाधनों से निर्मित कंपनियां और उनके उत्पाद और स्थानीय उत्पादन, देश के भीतर सामग्री और मशीनरी का उपयोग से जुड़ी है, जबकि भारतीय स्टार्टअप, नई पीढ़ी की कंपनियां जो स्वदेशी समाधान पेश करती हैं इस लक्ष्य को तेज़ी से आगे ले जा रहे हैं। इन तत्वों का मिलन आर्थिक स्वावलंबन को सुदृढ़ करता है और विदेशी निर्भरता को घटाता है।
स्वदेशी भारत आज सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि रोज‑रोज़ के बाजार में दिखने वाला वास्तविक परिवर्तन है। चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक्स का मील का पत्थर हो या छोटे‑मोटे निर्माताओं की शाखा, हर कदम पर स्वदेशी सोच दिखती है। उदाहरण के तौर पर, हाल ही में LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 11,607 करोड़ रुपये की बड़ी IPO लॉन्च की, जिससे भारतीय टेक‑सेक्टर में नई लिक्विडिटी आई। यह सिर्फ विदेशी ब्रांड का स्थानीय प्रवेश नहीं, बल्कि घर‑घर में निर्मित तकनीक को बढ़ावा देने का संकेत है – एक ही समय में स्वदेशी उद्योग और स्थानीय उत्पादन दोनों को प्रोत्साहन मिलता है।
शिक्षा क्षेत्र में भी स्वदेशी पहल तेज़ी से आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में आरटीई में क्रॉस‑वार्ड प्रवेश की नई सुविधा छात्रों को बेहतर स्कूलों में जगह देती है, जो स्थानीय शिक्षा को गुणवत्ता के साथ जोड़ता है। इस बदलाव ने न केवल शैक्षणिक स्तर उठाया, बल्कि स्थानीय प्रशासनिक क्षमता को भी बढ़ाया – स्वदेशी भारत का एक और पहलू।
खेलों में भी स्वदेशी भावना झलकती है। भारत की महिला क्रिकेट टीम ने कोलंबो में साउथ अफ्रीका को हराया, जिससे राष्ट्रीय गर्व बढ़ा और खेल उद्योग में स्थानीय समर्थन मिला। इसी तरह, इंडियन वूमेन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओवर‑रेट जुर्माना का सामना किया, पर यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय खिलाड़ी अपनी क्षमताओं को साबित कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में देशी प्रशिक्षण संस्थानों का योगदान बढ़ रहा है।
आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो सिल्वर की कीमतों में दिल्ली में नई ऊँचाई पर पहुँचना, या निफ़्टी‑50 के हल्के उछाल के पीछे घरेलू निवेशकों की सक्रियता है। जब स्थानीय निवेशक आत्मनिर्भर कंपनियों में बँटते हैं, तो स्वदेशी उद्योगों को पूँजी मिलती है और वह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा। इस प्रकार स्वदेशी भारत, स्थानीय उत्पादन, स्वदेशी उद्योग और आर्थिक स्वावलंबन के बीच एक मजबूत बंधन बनाता है।
इन सभी कहानियों को एक साथ देखिए – तकनीक, शिक्षा, खेल और वित्त में स्वदेशी प्रयासों की लहरें। नीचे आप को स्वदेशी भारत से संबंधित विभिन्न खबरों की सूची मिलेगी, जहाँ आपको भारतीय स्टार्टअप, स्थानीय उत्पाद, और नीति‑परिवर्तन की ताज़ा जानकारी मिलेगी। इस संग्रह में हर लेख इस बड़े लक्ष्य की छोटी‑छोटी कहानी है, जिसे पढ़कर आप अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी स्वदेशी सोच का उपयोग कर सकते हैं।
अमित शाह ने 8 अक्टूबर को अपना आधिकारिक ईमेल ज़ोहो मेल पर बदल दिया, जिससे स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा और डेटा सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया।
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