राहत कार्य – आज के आपदा पर ताज़ा अपडेट और मदद के तरीके

भारत में मौसम की अनिश्चितता और बाढ़ जैसी आपदाएं अक्सर लोगों को असहाय बना देती हैं। ऐसे में राहत कार्य का सही समय पर होना ज़रूरी है। इस पेज पर हम आपको सबसे नई राहत ख़बरें, सरकारी अलर्ट और इन परिस्थितियों में क्या करना चाहिए, ये सब बतायेंगे।

ताज़ा राहत ख़बरें

दिल्ली‑एनसीआर में 2‑5 सितंबर तक लगातार बारिश होने वाली है, तापमान 29‑34 डिग्री के बीच रहेगा और कई इलाकों में तेज बौछारें पड़ सकती हैं। इस दौरान यात्रा कठिन हो सकती है, इसलिए सड़क यात्रा से पहले मौसम विभाग के अलर्ट देखें।

बिहार में बाढ़ की स्थिति बिगड़ रही है। 24 जिलों में 17 लाख लोग प्रभावित हैं, 8 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी है और 10 प्रमुख नदियां खतरे के पार बह रही हैं। राहत टीमों ने already कई गाँवों में आवश्यक सामान पहुंचा दिया है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में मदद की जरूरत है।

पूर्वोत्तर भारत और राजस्थान में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी है, जहाँ राजस्थान में रेड अलर्ट लगा है। अगर आप इन इलाकों में हैं तो जल स्तर और हवा की गति पर नजर रखें।

राहत कार्य में कैसे मदद कर सकते हैं?

अगर आपके पास थोड़ा समय या पैसा है, तो स्थानीय NGOs या सरकारी राहत शिविरों को दान कर सकते हैं। खाने‑पीने का सामान, कपड़े और बुनियादी दवाएँ सबसे अधिक मांगी जाती हैं।

स्वयंसेवक बनकर आप बचाव दलों को मनोवैज्ञानिक समर्थन या बचाव कार्य में मदद कर सकते हैं। बस अपने शहर के राहत संगठनों से संपर्क करें और उपलब्ध शिफ्ट में काम करने की पेशकश करें।

साथ ही, सोशल मीडिया पर सही जानकारी साझा करना भी बड़ी मदद है। गलत खबरें पैनिक पैदा करती हैं, इसलिए आधिकारिक स्रोतों जैसे IMD, मौसम विभाग और स्थानीय सरकार की साइट से ही अपडेट लें।

याद रखें, राहत कार्य सिर्फ बड़ी संस्थाओं का काम नहीं, आम लोग भी छोटे‑छोटे कदमों से बड़ी मदद कर सकते हैं। अपने आस‑पास की जरूरतमंदों की पहचान करके, तुरंत कार्रवाई करके हम सभी मिलकर आपदाओं की मार को कम कर सकते हैं।

वायनाड भूस्खलन: मृतकों की संख्या 190 तक पहुंची; राहत कार्य अभी भी जारी

2 अगस्त 2024

केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण मृतकों की संख्या 190 तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने चल रहे बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर जोर दिया है। राजस्व मंत्री के राजन ने अतिरिक्त शवों की डीएनए जांच की आवश्यकता की घोषणा की है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने चूरलमाला, वायनाड में भूस्खलन स्थल का दौरा किया।

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