पद्म श्री – तेडीबॉय समाचार पर सभी नवीनतम जानकारी

हैलो! अगर आप "पद्म श्री" के बारे में जानना चाहते हैं तो आप सही जगह पर हैं। इस पेज पर हम आपको इस सम्मान की छोटी‑छोटी बातें, हाल के पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं और ताज़ा ख़बरें आसान भाषा में बताएंगे। चलिए शुरू करते हैं!

पद्म श्री क्या है?

पद्म श्री भारत सरकार का एक नागरिक सम्मान है। इसे हर साल राष्ट्रीय नागरिकों को उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक या सार्वजनिक क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1954 में हुई थी और इसका डिझाइन तीन रंगों (केसरिया, सफ़ेद, हरा) वाले पतंग जैसा होता है।

यह सम्मान कई क्षेत्रों से लोगों को मिलता है – कला, विज्ञान, खेल, सामाजिक कार्य, उद्योग आदि। मूल बात यह है कि यह उन लोगों को पहचानता है जिन्होंने देश के विकास में खास योगदान दिया है।

हाल के पद्म श्री प्राप्तकर्ता और समाचार

हर साल राष्ट्रपति द्वारा पद्म पुरस्कार समारोह में सम्मानित किया जाता है। पिछले साल के कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

  • डॉ. मनीष जैन – स्वास्थ्य देखभाल में नवाचार के लिए
  • श्रीमती रजत कपूर – सामाजिक सेवा और ग्रामीण विकास में
  • श्री अनिल शर्मा – पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए

इनकी कहानियां अक्सर हमारे टेडीबॉय समाचार में भी छपती हैं। आप इन कहानियों को पढ़कर प्रेरित हो सकते हैं, क्योंकि ऐसे लोग दिखाते हैं कि छोटे‑छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।

अगर आप किसी विशेष क्षेत्र में पद्म श्री के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो बस सर्च बॉक्स में टाइप करें – हमें आपके लिए जानकारी जुटाकर रखने में खुशी होगी।

याद रखें, पद्म श्री सिर्फ एक टाइटल नहीं, यह एक प्रेरणा है। चाहे आप छात्र हों, प्रोफेशनल या समाजसेवी, आप भी अपनी मेहनत और इरादों से इस सम्मान को अपने घर ले जा सकते हैं।

हमारा लक्ष्य है कि आप हर दिन नई और भरोसेमंद ख़बरें पढ़ें। इसलिए, इस पेज को बुकमार्क करें और आगे भी पद्म श्री से जुड़ी सभी अपडेट्स के लिए तेडीबॉय समाचार को फ़ॉलो करते रहें।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और लेखक बिबेक देबरॉय का निधन: एक विविधतापूर्ण योगदान की जीवन यात्रा

2 नवंबर 2024

भारत के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रहे बिबेक देबरॉय का निधन 69 वर्ष की उम्र में 1 नवम्बर 2024 को हुआ। देबरॉय एक शानदार अर्थशास्त्री व लेखक थे, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था, धर्मशास्त्रों और कानूनी सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने महाभारत और रामायण के अनुवाद सहित कई महत्वपूर्ण साहित्यिक और आर्थिक कृतियों को भी प्रकाशित किया।

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