मस्तिष्क संक्रमण यानी दिमाग में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस का अटकना. यह स्थिति अचानक भी हो सकती है और धीरे‑धीरे भी बढ़ सकती है. कई बार सिर दर्द, बुखार या उलझन जैसी आभासिक लक्षणों से शुरू होती है, इसलिए इसे अनदेखा न करना चाहिए.
सबसे पहले देखिए क्या आपके या आपके किसी जानने वाले को ये संकेत हैं: लगातार सिर दर्द जो आराम में नहीं जाता, तेज़ बुखार, उल्टी या मतली, आँखों के पीछे दबाव, शब्दों को समझने में दिक्कत, तेज़ थकान या चेतना में गिरावट. अगर इंट्रेस्टिंग बात यही है कि कभी‑कभी हल्की आवाज़ या रोशनी भी दर्द बढ़ा देती है.
इन लक्षणों में से कोई एक या दो ही दिखे तो भी डॉक्टर से मिलना बेहतर है. शुरुआती पहचान से इलाज आसान हो जाता है और दिमाग को ठीक से बचाया जा सकता है.
पहली बार जब आप डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले रहें हों, तो अपने सभी लक्षण लिखकर ले जाएँ. डॉक्टर शायद सीटी स्कैन, एमआरआई या लंबर पंक्चर कराएगा ताकि दिमाग में संक्रमण की सटीक जगह पता चले.
इन्फेक्शन के प्रकार के हिसाब से एंटीबायोटिक, एंटीवायरल या एंटिफंगल दवाएँ दी जाती हैं. अक्सर अस्पताल में इंट्रावेनस (IV) दवाओं की जरूरत पड़ती है, खासकर अगर बुखार बहुत तेज़ हो या न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ बढ़ रही हों.
साथ ही, आराम, पर्याप्त पानी और हल्का पोषक आहार रखें. बहुत ज़्यादा कैफ़ीन या शराब से बचें क्योंकि ये दिमाग की सूजन को और बढ़ा सकते हैं.
अगर डॉक्टर ने स्टेरॉयड या दिम्पिंग दवाएँ लिखी हैं, तो उनका समय पर सेवन करना जरूरी है. दवा बंद करने से पहले डॉक्टर से बात करना न भूलें, अक्सर अचानक बंद करने से रीकर्ल हो सकता है.
मस्तिष्क संक्रमण के बाद फॉलो‑अप चेक‑अप अनिवार्य है. अक्सर दो‑तीन हफ्ते में फिर से इमेजिंग करवाई जाती है ताकि पता चले कि सूजन घट रही है या नहीं.
कुल मिलाकर, जल्दी पहचान, सही दवा और नियमित फॉलो‑अप से अधिकांश मस्तिष्क संक्रमण पूरी तरह ठीक हो जाते हैं. इसलिए किसी भी असामान्य सिर दर्द या बुखार को हल्के में न लें, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.
केरल के कोझिकोड में रहने वाले 14-वर्षीय लड़के की मौत मस्तिष्क खाने वाले अमीबा Naegleria fowleri से होने वाली पहली संक्रमण से हो गई। यह राज्य में पिछले दो महीनों में ऐसा तीसरा मामला है। लड़के को 24 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस जानलेवा संक्रमण के लक्षण और इससे संबंधित जानकारी यहां पढ़ें।
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