नाम सुनते ही डर लगना स्वाभाविक है, लेकिन समझदारी से कदम उठाएँ तो इस खतरे से बच सकते हैं। मस्तिष्क खाने वाला अमीबा, वैज्ञानिक रूप से नाइगरलिया फॉलेरी कहा जाता है, एक माइक्रोऑर्गेनिज़्म है जो मीठे पानी में रहता है। जब यह एक छोटे से झरने या गर्म पानी के स्रोत से शरीर में जाता है, तो यह नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँच सकता है और जलन पैदा करता है।
नाइगरलिया फॉलेरी आमतौर पर गर्म, स्थिर और कम खनिज वाले जल में पाई जाती है। जल में उबाल, सूर्य की रोशनी या क्लोरीन के पर्याप्त स्तर से इसका विकास रोका जा सकता है। यह अमीबा दर्दनाक सिरदर्द, मतली, उल्टी, भ्रम जैसी लक्षणों को उत्पन्न करता है, और अगर समय पर उपचार नहीं किया गया तो फेफड़े और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।
भारत में इस रोग के मामले अभी बहुत कम हैं, लेकिन गर्मियों में जलक्रीडा करने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए। अक्सर लोग इस खतरे को अनदेखा कर देते हैं क्योंकि लक्षण सामान्य फ्लू जैसी दिखते हैं। इसलिए अगर जल के साथ खेलते समय अचानक गंभीर सिरदर्द या मतली महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
रोकथाम सबसे आसान है: गर्म पानी में डुबकी लगाते समय नाक को बंद रखें, या नाक के लिए नाक के टॉपिकल सॉल्यूशन इस्तेमाल करें। अगर आप जलक्रीडा या जल में स्नान कर रहे हैं, तो पानी को 1 मिनट तक उबालें या फ़िल्टर करें। झरने, जलप्रपात या गर्म गर्म पहाड़ी तालाब में जाने से पहले स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की सलाह लेनी चाहिए।
शुरुआती लक्षण अक्सर सिरदर्द, तेज़ जलन या बुखार के रूप में दिखते हैं। इन संकेतों को हल्के नहीं लेना चाहिए क्योंकि रोग जल्दी फैल सकता है। डॉक्टर द्वारा तुरंत एंटीबायोटिक और एंटिफंगल दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे उपचार सफल हो सकता है।
सारांश में, मस्तिष्क खाने वाला अमीबा बहुत ख़तरनाक है, पर सही सावधानियों से इसका खतरा काफी हद तक घटाया जा सकता है। अपने आप को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए जल की सफाई, नाक का बचाव और लक्षणों पर त्वरित कार्रवाई करें। यदि आप अभी भी इस बारे में आशंकित हैं, तो अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त जांच करवा सकते हैं।
याद रखें, जल का आनंद लेना है तो सावधानी भी लेनी होगी। यह छोटा सा कदम आपके जीवन को बचा सकता है।
केरल के कोझिकोड में रहने वाले 14-वर्षीय लड़के की मौत मस्तिष्क खाने वाले अमीबा Naegleria fowleri से होने वाली पहली संक्रमण से हो गई। यह राज्य में पिछले दो महीनों में ऐसा तीसरा मामला है। लड़के को 24 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस जानलेवा संक्रमण के लक्षण और इससे संबंधित जानकारी यहां पढ़ें।
और अधिक जानें