अगर आप भारत की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी, यानी IAS अधिकारी बनना चाहते हैं, तो सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम आसान भाषा में पूरा सफर बताएँगे – शुरुआती से लेकर अंतिम चयन तक, और साथ ही रोज़मर्रा की ज़िम्मेदारियों का खाका भी देंगे।
सबसे पहले, UPSC की सिविल सर्विसेज एग्जाम पास करनी पड़ती है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है – प्रिलिम्स (ऑफ़लाइन), मुख्य परीक्षा (ऑफ़लाइन) और इंटरव्यू (ऑफ़लाइन)। प्रिलिम्स में सामान्य अध्ययन, विकल्प प्रश्न और एक एसेसमेंट होते हैं। मुख्य में नौ पेपर होते हैं, जिनमें दो एसेज, दो वैकल्पिक और चार सामान्य अध्ययन शामिल हैं।
इंटरव्यू में आपका व्यक्तित्व, संवाद कौशल और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण देखा जाता है। इस चरण में देर तक तैयारी नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपने अनुभव और विचारों को साफ़‑साफ़ पेश करें। अक्सर सफल उम्मीदवार कहते हैं कि इंटरव्यू में समझदारी से जवाब देना, जल्दी‑जल्दी बात करने से बेहतर होता है।
तैयारी शुरू करने से पहले एक ठोस टाइम‑टेबल बनाना ज़रूरी है। एक साल में दो‑तीन बार मॉक टेस्ट देना, नोट्स बनाकर रिव्यू करना और सिलेबस को छोटे‑छोटे हिस्सों में बाँट कर पढ़ना सबसे असरदार तरीका है। याद रखें, रोज़ाना थोड़ा‑थोड़ा पढ़ना, एक साथ सब कुछ रटने से ज्यादा फायदेमंद रहता है।
भर्ती के बाद, आप जिलाधिकारी, आयुक्त या सचिव जैसी पोज़िशन पर लग सकते हैं। आपके काम में नीति बनाना, विकास परियोजनाओं को लागू करना और लोगों की समस्याओं का समाधान ढूँढ़ना शामिल है। अक्सर कहा जाता है कि IAS अधिकारी ‘जनता के दोस्त’ होते हैं, क्योंकि उनका काम सीधे लोगों के जीवन को प्रभावित करता है।
जिलाधिकारी के रूप में, आपको प्रशासनिक कार्य, कानून व्यवस्था, भूमि सुधार और सामाजिक योजनाओं की देखरेख करनी होती है। आप स्थानीय अधिकारियों, पुलिस, न्यायालय और NGOs के साथ मिलकर काम करते हैं। इसका मतलब है कि हर दिन नई मीटिंग, नई फाइल और नई चुनौती के साथ आपका दिन शुरू होता है।
जब आप उच्च स्तर की सेवा, जैसे राज्य सचिव या केन्द्र सरकार में सेक्शन दफ़्तर में होते हैं, तो नीति‑निर्धारण, बजट आवंटन और अंतर‑विभागीय समन्वय आपके मुख्य काम बन जाते हैं। इस दौरान आपको रिपोर्ट तैयार करनी होती है, चर्चा में भाग लेना होता है और संसद या राज्य सभा में उत्तर देना पड़ता है।
IAS अधिकारी के रूप में काम करते हुए आपको लगातार सीखना पड़ता है। नई नीति, नई तकनीक या नई सामाजिक समस्या पर अद्यतित रहना आवश्यक है। इसलिए कई अधिकारी ऑनलाइन कोर्स, कार्यशालाएँ और राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भाग लेते हैं।
अगर आप अब भी सोच रहे हैं कि IAS अधिकारी बनना आपकी मंजिल है या नहीं, तो एक बार अपने कष्ट‑सहिष्णुता, नेतृत्व और सामाजिक जागरूकता को आँकें। ये तीन चीज़ें इस नौकरी में सफलता की कुंजी हैं। याद रखें, मेहनत और सही रणनीति से आप इस सफ़र को और भी आसान बना सकते हैं।
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महाराष्ट्र कैडर की 2023-बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। उनके पिता दिलीप खेडकर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बिना किसी दोष के उनकी बेटी को परेशान किया जा रहा है। पूजा को पुणे से वाशिम स्थानांतरित किया गया है और उनके खिलाफ एक सदस्यीय समिति की जांच जारी है।
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