महाराष्ट्र कैडर की 2023-बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोपों की बौछार हो रही है, जिनमें अपनी शक्तियों का दुरुपयोग शामिल है। लेकिन उनके पिता दिलीप खेडकर ने दृढ़ता से इन आरोपों का खंडन किया है। पुणे सहायक कलेक्टर के रूप में नियुक्त होने से पहले पूजा पर अलग कार्यालय, कार और घर की मांग करने के आरोप लगे हैं। इसके चलते उन्हें पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया है। पिता का कहना है कि उनकी बेटी पर किसी भी प्रकार का दोषारोपण अनुचित है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
पूजा खेडकर पर आरोप हैं कि उन्होंने खुद के लिए अलग से कार्यालय, कार और घर की मांग की थी। इसके अलावा, उन पर अपने लक्जरी ऑडी कार पर बिना अनुमति के बीकन और महाराष्ट्र राज्य सरकार के प्रतीक चिन्ह लगाने का भी आरोप है। इसके बाद एक सदस्यीय समिति का गठन कर उनके आचरण और चयन प्रक्रिया की जांच की जा रही है।
पूजा खेडकर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ओबीसी और विकलांगता लाभों का दुरुपयोग कर IAS में प्रवेश पाया। यह आरोप उनकी वैज्ञानिकता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है। पूजा के पिता ने इस बात का खंडन किया है और बताया कि UPSC की कठोर नियमावली के तहत किसी भी प्रकार का धोखाधड़ी का अवसर नहीं है।
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने कहा कि सीट की मांग करना कोई गलती नहीं है और यह मामला वर्तमान में अदालती प्रक्रिया में है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह सब किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उनका मानना है कि मामला UPSC और राज्य की जांच प्रक्रियाओं द्वारा उचित रूप से निपटाया जाएगा।
पूजा के पिता ने उचित और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि UPSC के पास कठोर नियम हैं और मेडिकल बोर्ड के तहत किसी भी प्रकार के गलत दस्तावेज प्रस्तुत करना असंभव है। यह मामला कई मुद्दों को छूता है और इसकी निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त जांच की आवश्यकता है।
पूजा के इस मामले ने न सिर्फ प्रशासनिक गलियारों में बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में भी चर्चा का विषय बना दिया है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में जांच क्या निष्कर्ष देती है और पूजा खेडकर किस प्रकार के आरोपों से मुक्त होती हैं।