जब हम दो बार परीक्षा, किसी सरकारी, बैंक या शैक्षणिक परीक्षा को दो बार देने की प्रक्रिया और उससे जुड़ी रणनीतियों को कहते हैं, also known as पुनः परीक्षा की बात करते हैं, तो तुरंत दो चीजें दिमाग में आती हैं: पहला, कब मौका मिलता है और दूसरा, कैसे तैयार हों। आज के दौर में कई प्रतियोगी परीक्षा – जैसे IBPS RRB, बैंकिंग सेक्टर की ग्रामीण बैंक रिक्रूटमेंट परीक्षा – और शैक्षणिक पहलू जैसे आरटीई, रिकीवर्ड टॉगर यूरिकिड एंट्री के माध्यम से स्कूल में प्रवेश – दोनों ही दो बार देने का विकल्प देते हैं। इसलिए दो बार परीक्षा सिर्फ वैकल्पिक नहीं, बल्कि कई बार सबसे बेस्ट प्लान बन जाती है।
दो बार परीक्षा का मुख्य लाभ यह है कि पहली बार की गलतियों को ठीक करके बेहतर स्कोर किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, IBPS RRB 2025 की अंतिम तिथि घटाकर 28 सितंबर कर दी गई, जिससे कई ऐप्लीकेंट्स को दो बार लिखने का मौका मिला। इसी तरह, उत्तर प्रदेश में आरटीई 2026‑27 सत्र से क्रॉस‑वार्ड प्रवेश की सुविधा आ गई, जिससे अभिभावक अपने बच्चों को दो बार स्कूल बदल सकते हैं और बेहतर शिक्षा पा सकते हैं। इन दोनों मामलों में दो बार परीक्षा ने फेज़लिटी को कम करके अधिक विकल्प दिए।
सबसे पहले, अपना लक्ष्य साफ रखें – क्या आप नौकरी की सीमा बढ़ाना चाहते हैं या शैक्षणिक प्लेटफ़ॉर्म में सुधार लाना चाहते हैं? अगर आप बैंकिंग सेक्टर में काम चाहते हैं, तो IBPS RRB जैसी परीक्षा दो बार दे कर अपने तैयारी के फुसर को ठीक कर सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे को बेहतर स्कूल में दर्जा दिलाना चाहते हैं, तो आरटीई की दो बार एंट्री नीति का इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों ही मामलों में, दो बार परीक्षा का चुनाव तब समझदारी से करना चाहिए जब पहली बार में आप अपने लक्ष्य को नहीं पकड़ पाए हों, लेकिन फिर भी नियमों की सीमा के भीतर रहें।
दो बार परीक्षा की तैयारी में टाइम मैनेजमेंट सबसे बड़ा हथियार बन जाता है। एक ओर जहाँ पहली बार की तैयारी में अक्सर आलसी रूटीन बन जाता था, वहीं दूसरी बार आप अपनी कमजोरियों को पहचान कर वही हिस्से दुगुनी मेहनत से कवर कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, कई तैयारीकर्ता बताते हैं कि उन्होंने पहली बार में केवल थ्योरी पढ़ी, जबकि दूसरी बार में मॉक टेस्ट और टाइम्ड प्रैक्टिस को शामिल किया, जिससे उनका स्कोर 15‑20% तक बढ़ा। इसी तरह, शैक्षणिक पुनः प्रवेश के लिए अभिभावक स्कूल की फॉर्मेटिव एसेसमेंट को समझ कर अगले साल की एंट्री में बेहतर रणनीति बनाते हैं।
दो बार परीक्षा की सफलता में एक और अहम चीज़ है सही संसाधन चुनना। आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन टेस्ट प्लेटफ़ॉर्म, वीडियो लेक्चर और मॉक टेस्ट की भरमार है। लेकिन हर फ्री टूल आपके लिए काम नहीं करता। IBPS RRB के लिए विशेष रूप से बने गाइडबुक, पिछले सालों के प्रश्नपत्र और टेस्ट सीरीज़ का उपयोग सबसे असरदार रहता है। वहीं आरटीई के लिए राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी की गई सिलेबस और क्लास‑लेवल असाइनमेंट्स को दो बार पढ़ना लाभदायक है। फोकस को सही रखने के लिए एक ही स्रोत से ओवरलोड नहीं होना चाहिए।
दो बार परीक्षा की योजना बनाते समय आपसी समर्थन भी बहुत मददगार होता है। कई बार तैयारीकर्ता एक ग्रुप बनाकर अपने शेड्यूल, नोट्स और स्ट्रैटेजी शेयर करते हैं। इससे न केवल मोटिवेशन बना रहता है, बल्कि अलग‑अलग लोग कई बार वही सवालों पर अलग‑अलग दृष्टिकोण दे कर आपको नई समझ दे सकते हैं। इसी तरह, अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल चयन की योजना में एक दूसरे शिक्षक या एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं, जिससे दो बार प्रवेश प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है।
अब बात करते हैं संभावित चैलेंज की – दो बार परीक्षा का अतिरिक्त खर्च और समय खर्च। यह सच है कि दो बार लिखने से फीस, कोचिंग या सामग्री का खर्च दो गुना हो सकता है। लेकिन इसे निवेश मानें, क्योंकि बेहतर स्कोर से मिलने वाले नौकरी या शैक्षणिक अवसर अक्सर इस खर्च को बहुत हद तक कवर कर देते हैं। उदाहरण के तौर पर, IBPS RRB के सफल उम्मीदवार अक्सर बताते हैं कि दो बार लिखने से उनका वेतन पैकेज दो गुना भी हो गया। इसी तरह, आरटीई में प्रवेश पाने वाले छात्रों के भविष्य की पढ़ाई व जीवन स्तर में इजाफा दिखता है।
अंत में, दो बार परीक्षा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको दो मौके देता है – एक बार गिरने पर फिर उठने का. इस कारण से कई बार लोग अपनी संभावनाओं को नया रूप दे पाते हैं और आखिरकार अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं। नीचे आप देख पाएँगे कि हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर आज कौन‑से प्रमुख दो बार परीक्षा से जुड़े अपडेट, टिप्स और विश्लेषण मौजूद हैं – चाहे वह बैंकिंग भर्ती हो, शैक्षणिक प्रवेश या कोई अन्य प्रतियोगी अवसर। ये लेख पढ़कर आप अपनी अगली परीक्षा के लिए सही दिशा में कदम रखेंगे।
CBSE ने क्लास 10 और 12 के 2026 बोर्ड परीक्षा का टाइम‑टेबल प्रकाशित किया। दोनों कक्षा की परीक्षाएँ 17 फ़रवरी से शुरू होकर क्लास 10 के लिए 18 मार्च, क्लास 12 के लिए 4 अप्रैल तक चलेगी। अब क्लास 10 के लिए साल में दो टेस्ट सत्र होंगे, पहला अनिवार्य और दूसरा वैकल्पिक। 45 लाख छात्रों को यह शेड्यूल प्रभावित करेगा, परिणाम 20 जून 2026 तक घोषित किए जाएंगे। कोई भी विषय एक ही दिन नहीं लिखना पड़ेगा।
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