CBSE 2026 बोर्ड डेटाशिट जारी: क्लास 10‑12 परीक्षा 17 फ़रवरी से, दो सेशन का नया कदम

26 सितंबर 2025
CBSE 2026 बोर्ड डेटाशिट जारी: क्लास 10‑12 परीक्षा 17 फ़रवरी से, दो सेशन का नया कदम

डेटाशिट की प्रमुख तिथियों की पूरी जानकारी

CBSE ने आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर 24 सितंबर 2025 को 2026 की बोर्ड परीक्षा का CBSE 2026 डेटाशिट उपलब्ध कराया। इसमें बताया गया है कि क्लास 10 और क्लास 12 दोनों की पहली परीक्षा 17 फ़रवरी को सुबह 10:30 एएम से शुरू होगी। क्लास 10 के लिए परीक्षा 17 फ़रवरी से 18 मार्च तक फैली है, जबकि क्लास 12 की परीक्षा 17 फ़रवरी से 4 अप्रैल तक चलती है। सभी पेपर का समय समान – 10:30 एएम – रखा गया है, जिससे छात्रों को समय प्रबंधन में आसानी होगी।

शेड्यूल में विषय‑वार तिथियों की विस्तृत तालिका भी PDF में उपलब्ध है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान – प्रत्येक विषय के लिए अलग‑अलग दिन निर्धारित।
  • कोई दो विषय एक ही दिन नहीं लिखने पड़ेंगे, अर्थात् सब्जेक्ट क्लैश नहीं होगा।
  • हर परीक्षा के बीच कम से कम दो‑तीन दिन का अंतर रखा गया है, जिससे रिवीजन का समय मिल सके।
दो‑सेशन की नई नीति और इसका असर

दो‑सेशन की नई नीति और इसका असर

CBSE ने इस साल एक बड़ा बदलाव किया – क्लास 10 के छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा लिखने का विकल्प मिलेगा। परीक्षा नियंत्रक संजय भड़वाज ने बताया कि पहला सत्र अनिवार्य रहेगा, जबकि दूसरा वैकल्पिक होगा। छात्र अपना बेहतर स्कोर रख सकते हैं, चाहे वह पहला या दूसरा सत्र हो। यह कदम परीक्षात्मक तनाव को कम करने और छात्रों को अपने प्रदर्शन को सुधारने का अवसर देने के लिए लागू किया गया है।

नया सिस्टम छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए कुछ लाभ लाएगा:

  1. यदि प्रथम सत्र में अस्थायी रूप से कम अंक आएँ, तो दूसरा सत्र दोबारा सुधार का मंच प्रदान करेगा।
  2. दूसरे सत्र की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे रिवीजन अधिक केंद्रित हो सकेगा।
  3. कॉलेज प्रवेश परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) से पहले बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के कारण छात्रों को दोनों की तैयारी में संतुलन बना रहेगा।

परिणाम 20 जून 2026 तक घोषित किए जाने की संभावना है। बोर्ड ने बताया कि परिणाम जारी करने की प्रक्रिया तेज होगी, ताकि छात्रों को आगे की शैक्षणिक या करियर योजना बनाने में देरी न हो।

छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट्स चेक करें। बोर्ड ने सितंबर 2025 के अंत में एक वेबिनार का भी एन्काउंटर किया है, जिसमें नई नियमावली और परीक्षा प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

विशेषज्ञ यह सलाह दे रहे हैं कि छात्र अपने सिलेबस को परीक्षा से कम से कम एक महीना पहले पूरा कर लें, ताकि अंतिम दो‑तीन हफ्तों में केवल रिवीजन और प्रैक्टिस पेपर पर ध्यान दिया जा सके। इस तरह की योजना से तनाव कम रहेगा और सभी विषयों की अच्छी तैयारी सुनिश्चित होगी।

12 टिप्पणि

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    Shailendra Thakur

    सितंबर 28, 2025 AT 03:12
    ये दो सेशन का फैसला असल में बड़ा कदम है। पहले जो बोर्ड की तैयारी एक ही बार में होती थी, उससे बहुत तनाव रहता था। अब अगर कोई दिन बिगड़ गया तो दूसरा मौका मिल रहा है। छात्रों के लिए ये बहुत आरामदायक होगा।
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    Muneendra Sharma

    सितंबर 29, 2025 AT 09:35
    अच्छा हुआ कि CBSE ने ये बदलाव किया। मैंने अपने भाई को देखा था पिछले साल, वो गणित में बहुत डर गया था एक ही शिफ्ट में। अब दो बार मौका मिलेगा तो उसकी आत्मविश्वास की बात भी बदल जाएगी। 😊
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    Anand Itagi

    सितंबर 30, 2025 AT 12:17
    दो सेशन तो अच्छा है पर क्या दूसरा सेशन भी वैसा ही कठिन होगा या आसान हो जाएगा अगर पहला अच्छा नहीं आया तो ये सवाल बाकी है
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    Sumeet M.

    अक्तूबर 1, 2025 AT 04:39
    ये बदलाव बिल्कुल गलत है! बच्चे आलसी हो रहे हैं अब दो बार मौका मिल रहा है तो वो पहले से ही लापरवाह हो जाएंगे! हमारे पीढ़ी में तो एक ही बार में जीत या हार थी, अब तो बच्चों को बचाने का खेल चल रहा है!
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    Kisna Patil

    अक्तूबर 1, 2025 AT 16:53
    ये नया सिस्टम बस एक अवसर है जिसे गलत तरीके से इस्तेमाल करने वाले लोग आलसी बन जाएंगे। लेकिन अगर छात्र सही तरीके से इसका फायदा उठाएं तो ये उनके लिए जीवन बदल देगा। ये बदलाव भारतीय शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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    ASHOK BANJARA

    अक्तूबर 1, 2025 AT 19:50
    इस दो-सेशन के फैसले के पीछे एक गहरा दर्शन छिपा है। शिक्षा का उद्देश्य बस अंक नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया है। जब छात्र को दो बार अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिले, तो वह अपनी भूलों से सीखता है। ये तो वास्तविक शिक्षा का अर्थ है।
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    Sahil Kapila

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:14
    मैंने तो सुना था कि ये सिस्टम अमेरिका में है और वहां बच्चे बहुत आलसी हो गए हैं और अब ये भारत में भी आ गया ये तो बहुत बुरा है अब तो हर बच्चा दूसरे सेशन की उम्मीद में पढ़ेगा नहीं और ये भारत की शिक्षा का अंत हो जाएगा
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    Rajveer Singh

    अक्तूबर 3, 2025 AT 22:10
    हमारे पूर्वजों ने बिना किसी दूसरे मौके के भी बहुत बड़े वैज्ञानिक बनाए थे अब तो बच्चे अपनी नौकरी के लिए दूसरा सेशन रख रहे हैं ये तो शिक्षा का अपमान है ये नए नेता बस लोगों को खुश रखने के लिए ऐसे फैसले कर रहे हैं
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    Ankit Meshram

    अक्तूबर 4, 2025 AT 02:40
    बेहतरीन। ये फैसला बच्चों के लिए जिंदगी बदल देगा।
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    Shaik Rafi

    अक्तूबर 5, 2025 AT 02:41
    इस नई नीति के पीछे शिक्षा की एक गहरी भावना है-कि असफलता अंत नहीं, बल्कि एक पुनर्मूल्यांकन का अवसर है। जब एक छात्र अपनी त्रुटियों को सुधारने का अवसर पाता है, तो वह सिर्फ अंकों का नहीं, बल्कि अपने आप को भी जानने लगता है। यह शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है।
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    Ashmeet Kaur

    अक्तूबर 5, 2025 AT 13:42
    मैंने अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में बताया और वो बहुत खुश हुई। उसके लिए हिंदी में तनाव बहुत ज्यादा था। अब वो दूसरे सेशन की तैयारी के लिए धीरे-धीरे तैयार हो रही है। ये नीति अभिभावकों के लिए भी शांति लाती है।
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    Nirmal Kumar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 13:39
    हमें इस नई नीति को बहुत सकारात्मक ढंग से देखना चाहिए। दो सेशन का फैसला न सिर्फ छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी एक नया दृष्टिकोण लाता है। अब शिक्षक भी छात्रों को लगातार रिवीजन और अभ्यास पर ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ये एक शिक्षा की नई परंपरा की शुरुआत है।

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