डेटा सेंटर वो जगह है जहाँ सर्वर, स्टोरेज और नेटवर्किंग उपकरण एक साथ रखे जाते हैं। इन उपकरणों में आपकी वेबसाइट, ऐप, क्लाउड सेवा या कंपनी के डेटा का सब कुछ चलता है। अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ कंप्यूटर पर फ़ाइलें रखना ही पर्याप्त है, तो आप बड़े गलती कर रहे हैं। डेटा सेंटर की सही सेट‑अप आपके बिजनेस को तेज, सुरक्षित और 24x7 चलाने में मदद करती है।
पहला सवाल: लोकेशन। निकटता से लेटेंसी कम होती है, यानी आपकी वेबसाइट तेज़ लोड होगी। दूसरा, पावर बैकअप। बिजली कटने पर भी आपका सिस्टम चालू रहना चाहिए, इसलिए ड्यूप्लेक्स पावर और जनरेटर जरूरी है। तीसरा, सिक्योरिटी। फिजिकल एंट्री कंट्रोल, CCTV, और बायो‑मेट्रिक स्कैनिंग जैसी सुविधाओं से डेटा चोरी रोकते हैं। चौथा, स्केलेबिलिटी—भविष्य में अगर ट्रैफ़िक बढ़े तो अतिरिक्त सर्वर आसानी से जोड़ सके। आखिरी लेकिन महत्वपूर्ण, कॉस्ट। रैक स्पेस, बैंडविड्थ और सपोर्ट सर्विसेज के दरों को कुल मिलाकर देखें, ताकि बजट के भीतर रह सकें।
आजकल हाइपरकन्वरज्ड डेटा सेंटर और एज कंप्यूटिंग काफी ट्रेंड में हैं। हाइपरकन्वरज्ड सॉल्यूशंस सॉफ्टवेयर‑डिफाइंड स्टोरेज और कंप्यूट को एक ही बॉक्स में लाते हैं, जिससे मैनेजमेंट आसान हो जाता है। एज़ कंप्यूटिंग डेटा को यूज़र के नजदीक प्रोसेस करता है, जिससे लेटेंसी घटती है और रियल‑टाइम एप्लिकेशन बेहतर काम करते हैं। साथ ही, ग्रीन डेटा सेंटर में सोलर पावर, AI‑ऑप्टिमाइज़्ड कूलिंग और ऊर्जा‑एफ़िशिएंट हार्डवेयर का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इन तकनीकों को अपनाने से ऊर्जा खर्च घटता है और पर्यावरण फ़्रेंडली बनते हैं।
डेटा सेंटर की मेंटेनेंस भी अक्सर नजरअंदाज़ हो जाती है। नियमित हार्डवेयर चेक‑अप, फ़र्मवेयर अपडेट और नेटवर्क मॉनिटरिंग करना चाहिए। अगर सबकुछ सही रहे तो डाउntime कम रहेगा और आपका ग्राहक अनुभव बेहतर होगा।
अंत में, एक भरोसेमंद डेटा सेंटर पार्टनर चुनना आपके बिजनेस की लंबी उम्र तय करता है। टेडीबॉय समाचार में हम अक्सर डेटा सेंटर, क्लाउड सर्विसेज और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी ताज़ा खबरें लाते हैं। इनके अपडेट्स को पढ़ते रहें और अपने कंपनी को आज के डिजिटल युग में आगे रखें।
Nokia Oyj ने Infinera Corp. को $2.3 बिलियन में अधिग्रहित किया है, जिससे उसने डेटा सेंटर्स के लिए अपने नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स का विस्तार किया और अमेरिका में अपनी उपस्थिति को बढ़ाया है। इस अधिग्रहण के पीछे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से सर्वर क्षमता की बढ़ती मांग है। यह अधिग्रहण Nokia का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है, जिससे उसकी फिक्स्ड नेटवर्क व्यवसाय में वृद्धि होगी।
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