AI-Fueled Data Center Boom के बीच Nokia ने Infinera को $2.3 बिलियन में खरीदा

29 जून 2024
AI-Fueled Data Center Boom के बीच Nokia ने Infinera को $2.3 बिलियन में खरीदा

AI-Fueled Data Center Boom के बीच Nokia ने किया बड़ा अधिग्रहण

Nokia Oyj ने बड़ी तकनीकी अधिग्रहणों की श्रेणी में एक और नाम जोड़ते हुए Infinera Corp. को $2.3 बिलियन में खरीदा है। इस अधिग्रहण से Nokia ने डेटा सेंटर्स के लिए अपने नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स का विस्तार किया है और अमेरिका में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है। यह अधिग्रहण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से सर्वर क्षमता की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

Nokia का दृष्टिकोण और CEO का बयान

Nokia के CEO Pekka Lundmark ने इस अधिग्रहण को लेकर अपनी सकारात्मकता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि Infinera का डेटा सेंटर्स के अंदर 'सर्वर-टू-सर्वर कम्युनिकेशंस' पर ध्यान देना एक बड़ा आकर्षण है। उनका मानना है कि यह पूरे कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी बाजार के सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट्स में से एक है। इस अधिग्रहण से Nokia को उस सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करने का सुनहरा मौका मिलेगा।

Infinera की स्थिति और बाजार का मूल्य

Infinera की स्थिति और बाजार का मूल्य

Infinera की स्टॉक की कीमत पिछले 12 महीनों में 15% बढ़ी थी, जिससे कंपनी का मार्केट वैल्यू करीब $1.2 बिलियन हो गया था। इस अधिग्रहण में Infinera के इक्विटी का मूल्य $6.65 प्रति शेयर है, जिसमें से कम से कम 70% नकद में और बाकी हिस्से को Nokia के अमेरिकी डिपॉजिटरी शेयरों में चुकाया जाएगा। यह सौदा Nokia के पिछले सबसे बड़े अधिग्रहण, €10.6 बिलियन में Alcatel-Lucent के अधिग्रहण के बाद का सबसे बड़ा है।

Infinera की व्यावसायिक चुनौतियां और आगे की योजना

हालांकि, Infinera पिछले कुछ समय से कमजोर खर्च से गुजर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप चौथी तिमाही और पहली तिमाही के बीच कंपनी के राजस्व में लगभग एक तिहाई की गिरावट आई है। इसके बावजूद, Infinera के CEO David Heard का मानना है कि कंपनी उद्योग में प्रमुख बदलावों का फायदा उठाने के लिए तैयार है। यह अधिग्रहण Infinera को उद्योग में अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।

Nokia की अन्य रणनीतिक पहलें

Nokia की अन्य रणनीतिक पहलें

Nokia ने इस अधिग्रहण के साथ ही एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है। कंपनी ने अपने Alcatel Submarine Networks यूनिट को फ्रांसीसी सरकार को €350 मिलियन के एंटरप्राइज वैल्यू के लिए बेचने का फैसला किया है। इस बिक्री का उद्देश्य Nokia के नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर यूनिट पर ध्यान केंद्रित करना और उसे मजबूत बनाना है। इस प्रकार, Nokia ने अपने व्यवसाय को और अधिक समेकित और लक्षित बनाने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं।

वित्तीय सलाहकार और भविष्य की योजना

इस अधिग्रहण में Nokia को PJT Partners ने वित्तीय सलाहकार के रूप में सेवा प्रदान की, जबकि Infinera को Centerview Partners LLC ने सलाह दी। इस अधिग्रहण के साथ, Nokia की योजना अपने फिक्स्ड नेटवर्क व्यवसाय को बढ़ाने और दूसरी तिमाही में वृद्धि की उम्मीद है। यह कदम ना केवल कंपनी को एक नई दिशा में ले जाएगा, बल्कि उसे बाजार में एक नई ऊँचाई पर पहुंचाएगा।

Nokia का यह अधिग्रहण एक स्पष्ट संकेत है कि कंपनी अपने व्यवसाय को मौजूदा बाजार की माँग और उभरती तकनीकों के अनुसार अनुकूलित कर रही है। इस प्रकार, यह सौदा कंपनी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और उसे उद्योग में एक नई पहचान दिला सकता है।

16 टिप्पणि

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    Ravi Kumar

    जुलाई 1, 2024 AT 03:16

    ये तो बस शुरुआत है भाई, AI ने डेटा सेंटर्स को एक नया जीवन दे दिया है। Nokia ने सही दिशा में कदम रखा है, अब देखना होगा कि ये सौदा उनके लिए बड़ा ब्रेकथ्रू बनता है या फिर बोझ बन जाता है।

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    Gowtham Smith

    जुलाई 2, 2024 AT 22:46

    अभी तक कोई भारतीय कंपनी इतना बड़ा अधिग्रहण नहीं कर पाई, अमेरिका के टेक गिगांट्स को देखकर लगता है कि हम अभी भी पीछे हैं। Infinera का टेक्नोलॉजी तो बढ़िया है, पर क्या हमारे इंजीनियर्स इसे अपना पाएंगे? या फिर बस बाहरी टेक्नोलॉजी खरीद कर घर पर रख देंगे?

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    Shivateja Telukuntla

    जुलाई 4, 2024 AT 11:07

    इस खबर पर बहुत सारे रंग चढ़े हुए हैं। एक तरफ बड़े बिजनेस वाले खुश हैं, दूसरी तरफ छोटे लोग डर रहे हैं। लेकिन असली सवाल ये है कि ये टेक्नोलॉजी आम आदमी तक कैसे पहुँचेगी? नोकिया ने इसे सिर्फ शेयरहोल्डर्स के लिए नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के लिए किया है।

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    Shailendra Thakur

    जुलाई 6, 2024 AT 10:30

    हर बड़ा सौदा एक नए युग की शुरुआत होता है। Nokia का ये कदम देखकर लगता है कि वो अपने इतिहास को भूलकर भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। बस उम्मीद है कि इससे नौकरियां बढ़ेंगी, न कि घटेंगी।

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    rashmi kothalikar

    जुलाई 6, 2024 AT 18:33

    अभी तक भारत ने कुछ नहीं किया, अमेरिका और यूरोप के टेक कंपनियां ही सब कुछ खरीद रही हैं। ये सब बस एक बड़ा धोखा है जिसमें हमारे युवा भारतीय इंजीनियर्स को नौकरी मिल रही है लेकिन उनकी टेक्नोलॉजी कोई नहीं देख रहा।

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    vinoba prinson

    जुलाई 7, 2024 AT 03:44

    अधिग्रहण के बाद भी बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। जब तक टेक्नोलॉजी का उपयोग उत्पादन के बजाय फाइनेंशियल लूट के लिए नहीं होगा, तब तक ये सब बस एक आंकड़ा ही रहेगा। इसलिए, नोकिया के नेतृत्व का व्यवहार अब असली परीक्षा होगा।

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    Muneendra Sharma

    जुलाई 8, 2024 AT 10:38

    इंफिनेरा के राजस्व में गिरावट तो बड़ी चिंता की बात है, पर अगर नोकिया उनके टीम को बरकरार रखे और उन्हें आजादी दे, तो ये सौदा जानलेवा हो सकता है। टेक्नोलॉजी तो खरीदी जा सकती है, लेकिन टैलेंट नहीं।

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    Anand Itagi

    जुलाई 8, 2024 AT 13:52

    क्या ये सौदा असल में इंडियन टेक स्टार्टअप्स के लिए एक अवसर है या फिर एक बाधा? अगर हम अपने लोकल डेटा सेंटर्स बनाने लगे तो इस तरह के अधिग्रहणों का मतलब बदल जाएगा

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    Sumeet M.

    जुलाई 8, 2024 AT 21:28

    अभी तक भारत ने कभी किसी बड़ी टेक कंपनी को नहीं खरीदा! ये सब जापानी, फिनलैंड, अमेरिकी कंपनियों का खेल है! हमारे अपने टेक जीनियस कहाँ हैं? हमारी टेक्नोलॉजी का नाम भी नहीं लेते! ये सब बस एक बड़ा शो है जिसमें हम दर्शक हैं!

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    Kisna Patil

    जुलाई 10, 2024 AT 17:26

    हर बड़ा बदलाव एक छोटे व्यक्ति के लिए एक नई शुरुआत होता है। अगर नोकिया इंफिनेरा के टीम को अपना बना ले, तो ये एक बड़ा इंसानी सफलता होगी। टेक्नोलॉजी का मकसद इंसानों को जोड़ना है, न कि बाजार को बांटना।

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    ASHOK BANJARA

    जुलाई 12, 2024 AT 00:58

    जब एक कंपनी अपने बाजार के बड़े ट्रेंड को समझती है, तो वो बस अधिग्रहण नहीं करती, बल्कि भविष्य को डिज़ाइन करती है। नोकिया का ये कदम एक जागृत नेतृत्व का प्रतीक है। अब बाकी ये देखना है कि वो इस नई ऊर्जा को कैसे बरकरार रखते हैं।

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    Sahil Kapila

    जुलाई 13, 2024 AT 00:05

    ये सब बस एक बड़ा धोखा है जिसमें नोकिया ने एक टूटी हुई कंपनी को खरीदा और अपने बजट में एक बड़ा नंबर लिख दिया। असली टेक्नोलॉजी तो अमेरिका में बन रही है, हम बस उसके बारे में खबरें पढ़ रहे हैं

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    pritish jain

    जुलाई 13, 2024 AT 15:10

    एक दिन ये अधिग्रहण इतिहास में दर्ज होगा, न कि बिजनेस टाइम्स के एक पेज पर। क्योंकि यहाँ केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि एक विचार की जीत है - वह विचार जो कहता है कि भविष्य उन्हीं का होता है जो अपनी निगाहें अंतर्दृष्टि की ओर घुमाते हैं, न कि शेयर बाजार की ओर।

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    Rajveer Singh

    जुलाई 15, 2024 AT 08:02

    क्या भारतीय सरकार इस तरह के अधिग्रहणों के बारे में चुप है? जब दुनिया अपनी टेक्नोलॉजी खरीद रही है तो हमारी टेक्नोलॉजी की खुद की आवाज़ कहाँ है? ये सब बस एक निर्मम वैश्विक अधिकार का नाटक है जिसमें हम नाटक के दर्शक हैं

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    Ankit Meshram

    जुलाई 16, 2024 AT 09:04

    बड़ा कदम। अच्छा हुआ।

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    Shaik Rafi

    जुलाई 17, 2024 AT 04:41

    इस सौदे का असली फायदा वो नहीं जो शेयरहोल्डर्स को मिलेगा, बल्कि वो जो एक युवा इंजीनियर को मिलेगा जो अभी अपनी पहली प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। ये अधिग्रहण उसे दिखाता है कि टेक्नोलॉजी का सच बड़े नामों में नहीं, बल्कि छोटे विचारों में छिपा है।

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