जब दिल अचानक रुक जाता है, तो शरीर की सारी जरूरी प्रक्रियाएँ भी ठहर जाती हैं। इसे डॉक्टर ‘कार्डियाक अरेस्ट’ कहते हैं। यह स्थिति सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं, बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को घेर सकती है। अगर आप या आपका कोई करीबी इस लक्षण को पहचान ले, तो बचाव के मौके बढ़ जाते हैं।
लक्षण अक्सर अचानक और चौंकाने वाले होते हैं। सबसे आम संकेत है: बिना चेतना के गिरना, सांस न लेना या बहुत तेज़‑धीमी धड़कन महसूस होना। शरीर का रंग सफ़ेद या नीला दिख सकता है, और हाथ‑पैरों में झटके (टेटनेस) भी आ सकते हैं। कई बार लोगों को उल्टी, छाती में तेज़ दर्द या पेट में बेचैनी भी महसूस हो सकती है, पर ये हमेशा नहीं होते। इन संकेतों को देख कर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
सबसे महत्त्वपूर्ण कदम है तुरंत सिटि‑पी‑आर (CPR) शुरू करना। अगर आपका कोई पास है तो उसे फर्श पर सपाट रखें, गर्दन को सीधा रखें, और दोनों हाथों से胸 पर जोर‑से दबाव दें – लगभग 100 बार प्रतिमिनट। 30 दबाव के बाद दो बार सांस दें, फिर फिर से दबाव जारी रखें। यह प्रक्रिया दिल को फिर से धड़कने में मदद करती है, जब तक पेशेवर मदद नहीं पहुँचती।
CPR के साथ ही तुरंत 108 पर एम्बुलेंस बुलाना न भूलें। फोन में स्थान, उम्र और लक्षण बताकर आप एम्बुलेंस को तेज़ी से पहुँचाने में मदद कर सकते हैं। अगर डिफिब्रिलेटर (AED) उपलब्ध हो, तो उसे भी तुरंत लगाएँ – यह दिल की असामान्य धड़कन को सामान्य करने में मदद करता है।
कार्डियाक अरेस्ट के बाद पुनर्वास में डॉक्टर की देखरेख भी ज़रूरी है। दवाएँ, हार्ट मॉनिटरिंग और जीवनशैली में बदलाव, जैसे धूम्रपान छोड़ना, व्यायाम करना, और संतुलित आहार लेना, पुनः घटनाएँ रोकने में मदद करेंगे।
बहुत से लोग मानते हैं कि यह सिर्फ हृदय रोग वाले लोगों तक ही सीमित है, पर असली में तनाव, अधिक शराब, मोटापा, या अचानक शारीरिक परिश्रम से भी यह हो सकता है। इसलिए रोज़ाना की छोटी‑छोटी आदतें बदलकर आप इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
यदि आप पहली बार CPR कर रहे हैं तो घबरा न जाएँ। सही दबाव, सही गति और लगातार प्रयास ही कुंजी है। याद रखें, प्रत्येक सेकंड मायने रखता है – 4‑5 मिनट से ज्यादा देर होने पर दिमाग की क्षति शुरू होती है।
समाप्त करने से पहले, अपने घर में बेसिक फर्स्ट‑एड किट रखिए और परिवार के सभी सदस्यों को CPR की बेसिक ट्रेनिंग दे दीजिए। जब आप खुद को तैयार पाते हैं, तो आप न सिर्फ अपने, बल्कि दूसरों के जीवन की रक्षा भी कर सकते हैं।
एमर्जेंसी में शांत रहना, सही कदम उठाना और तुरंत मेडिकल मदद बुलाना ही कार्डियाक अरेस्ट को जीवित बचाने की सबसे बड़ी रणनीति है। इस गाइड को याद रखें, और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करें।
मलयालम अभिनेता और टीवी होस्ट Rajesh Keshav को कोच्चि में लाइव इवेंट के दौरान कार्डियक अरेस्ट हुआ। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और एंजियोप्लास्टी की गई। वे ICU में वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टरों ने कहा, दिल की कार्यक्षमता बेहतर है, लेकिन दिमागी कार्य प्रभावित है। अगले 72 घंटे निर्णायक बताए गए हैं। फिल्म इंडस्ट्री और फैंस दुआ कर रहे हैं।
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