जब बात बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, भारत का सबसे पुराना और प्रमुख शेयर ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म है. इसे अक्सर BSE कहा जाता है, और यह IPO, प्राथमिक सार्वजनिक प्रस्ताव और Sensex, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मुख्य सूचकांक दोनों की निगरानी करता है। साथ ही Nifty, राष्ट्रीय स्तर का 50‑स्टॉक इंडेक्स भी निवेशकों के निर्णय को प्रभावित करता है। इसलिए कहा जा सके कि “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज” “इंडियन इक्विटी मार्केट” को “डेटा, लिक्विडिटी और रेगुलेशन” के साथ जोड़ता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर नजर रखना मतलब शेयर बाजार की ताज़ा खबरों के साथ जुड़ना है। यह संबंध हमारे टेडीबॉय समाचार के कई लेखों में दिखता है जहाँ हमने LG इलेक्ट्रॉनिक्स के IPO, GST कट के बाद बाजार के हल्के उछाल और Sensex की चाल पर चर्चा की है।
शेयर बाजार के कामकाज को समझने के लिए दो चीज़ें जरूरी हैं: “कौन ट्रेड करता है” और “कौन नियम बनाता है।” प्रमुख सिक्योरिटीज ब्रोकर, लाइसेंसधारी ट्रेडिंग फर्म निवेशकों को ऑर्डर भेजते हैं, जबकि सेबी, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया नियमों का पालन सुनिश्चित करता है। जब कोई कंपनी IPO लिस्ट करती है, ब्रोकर उस शेयर को प्राथमिक बाजार में बेचते हैं और बाद में इन शेयरों को “डिलिस्टेड” या “फ्लोटेड” कहा जाता है। इस प्रक्रिया में “केवल 10 % कॉरपोरेट गवर्नेंस” और “प्रकाशन प्रतिबंध” जैसे मानक लागू होते हैं, जो बाजार की पारदर्शिता को बढ़ाते हैं। पिछले कुछ हफ्तों में हमने देखा कि GST कट के बाद Sensex ने हल्का उछाल दिखाया, जबकि बैंकों के शेयरों में निवेशकों का रुचि बढ़ी। यह ट्रेंड दर्शाता है कि मौद्रिक नीति, कर परिवर्तन और अंतरराष्ट्रीय पूँजी प्रवाह सीधे “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज” के इंडेक्स को प्रभावित करते हैं।
अब आप तैयार हैं कि टेडीबॉय समाचार में हमारे द्वारा क्यूरेट किए गए तमाम लेखों को देखें—चाहे वह नया IPO, इंडेक्स का हल्का‑उछाल, या ब्रोकरों की रणनीति हो। नीचे दी गई सूची में इन विषयों पर विस्तृत रिपोर्ट, आंकड़े और विशेषज्ञ राय मिलेंगी, जिससे आप अपने निवेश निर्णय को confident बना सकते हैं।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 7‑9 अक्टूबर 2025 को ₹11,607 करोड़ की ऑफ़‑फॉर‑सेल IPO लॉन्च की, जिससे भारतीय टेक‑सेक्टर में नई लिक्विडिटी और निवेश अवसर उत्पन्न हुए।
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