क्या आप भारत की अर्थव्यवस्था को समझना चाहते हैं? तो सही जगह पर आए हैं – यहाँ हम उन प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्रियों की बात करेंगे जिनके विचार नीति, निवेश और रोज़मर्रा की जिंदगी पर असर डालते हैं। चाहे आप छात्र हों, व्यवसायी हों या सिर्फ जिज्ञासु पाठक, इस पेज से आपको उपयोगी जानकारी मिलेंगी।
अक्सर नाम सुनते हैं – रघुर्म राजन, अमरतीश सिंह, कृष्णा मोहन दत्त। रघुर्म राजन ने पिछली बार कुछ महीनों में भारतीय ब्याज दरों को कैसे घटाया, इसका बखाना किया। उन्होंने कहा कि अगर महंगाई को काबू में लाना है तो वित्तीय नीति को लचीला रखना पड़ेगा। इस पर कई मीडिया चैनलों ने विस्तार से रिपोर्ट किया, और हमारी साइट पर भी उनका पूरा इंटरव्यू उपलब्ध है।
अमरतीश सिंह, जो अभी भारत रिज़र्व बैंक के गवर्नर हैं, उन्होंने हाल ही में बैंकों के डिजिटल लेन‑देन को बढ़ावा देने की योजना का समर्थन किया। उनका मानना है कि डिजिटल भुगतान से ग्रामीण क्षेत्र तक वित्तीय पहुँच आसान होगी, जिससे गरीबी में गिरावट आएगी।
कृष्णा मोहन दत्त ने हाल के आर्थिक सर्वे में बताया कि छोटे और मध्यम उद्यम (SME) को सरकार की नई कर राहत से लाभ होगा। उनका तर्क है कि अगर टैक्स का बोझ घटेगा तो व्यापारियों को विस्तार करने में आसानी होगी, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा।
आर्थिक नीतियों का असर सीधे आम लोगों की जेब पर पड़ता है – चाहे वो फसल का दाम हो, घर का लोन हो या नौकरी में वेतन वृद्धि। जब अर्थशास्त्री इन मुद्दों पर गहरी रिसर्च और डेटा‑ड्रिवन विश्लेषण पेश करते हैं, तो नीति निर्माता उनके इनपुट को ध्यान में रखते हैं। इसलिए ये आवाज़ सुनना आपके वित्तीय फैसलों को समझदारी से करने में मदद कर सकता है।
उदाहरण के तौर पर, जब अस्सी राजन ने ग्रामीण बैंकों की लिक्विडिटी पर रिपोर्ट दी, तो कई राज्य सरकारों ने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग करके ग्रामीण बैंकों को मजबूत किया। इस तरह के केस स्टडी पढ़कर आप देख सकते हैं कि एक अर्थशास्त्री की राय कैसे वास्तविक बदलाव लाती है।
हमारी साइट पर आप इन सभी अर्थशास्त्रियों के ताज़ा लेख, इंटरव्यू और विश्लेषण पढ़ सकते हैं। प्रत्येक लेख को आसान भाषा में लिखा गया है, ताकि आप बिना किसी जटिल शब्दावली के समझ सकें कि क्या हो रहा है और क्यों।
अगर आप अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते हैं या निवेश के लिए सही अवसर खोजना चाहते हैं, तो इन विशेषज्ञों के विचारों को फॉलो करना फायदेमंद रहेगा। हमारे पास एक विशेष सेक्शन भी है जहाँ आप विभिन्न आर्थिक सूचनाओं को चार्ट और ग्राफ के साथ देख सकते हैं – इससे आंकड़े समझना आसान हो जाता है।
हमारी टीम नियमित रूप से नए लेख अपडेट करती है, इसलिए इस पेज को बुकमार्क कर रखें। हर हफ्ते यहाँ नए भारतीय अर्थशास्त्री के विश्लेषण, नीति अपडेट और बाजार ट्रेंड आेंगे। जुड़े रहें, पढ़ते रहें, और अपने वित्तीय फैसले समझदारी से लें।
भारत के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रहे बिबेक देबरॉय का निधन 69 वर्ष की उम्र में 1 नवम्बर 2024 को हुआ। देबरॉय एक शानदार अर्थशास्त्री व लेखक थे, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था, धर्मशास्त्रों और कानूनी सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने महाभारत और रामायण के अनुवाद सहित कई महत्वपूर्ण साहित्यिक और आर्थिक कृतियों को भी प्रकाशित किया।
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