बजट सत्र 2025: क्या बदल रहा है और आपको क्या जानना चाहिए

हर साल फरवरी‑अप्रैल के बीच भारत सरकार का बजट सत्र शुरू होता है। यह वह समय है जब वित्त मंत्रालय देश की आर्थिक दिशा तय करता है, नई योजनाएँ और कर‑नीतियों की घोषणा करता है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि इस बजट में क्या नया है और इसका आपके जेब पर क्या असर पड़ेगा, तो नीचे दी गई जानकारी आपके लिए है।

बजेट सत्र की टाइमलाइन – कब, क्या और कैसे?

बजट सत्र की शुरूआत आमतौर पर फरवरी के अंतिम हफ़्ते में होती है जब वित्त मंत्री संसद में बजट का भाषण देता है। इस भाषण में कुल राजस्व, खर्चे, कर‑छूट, और नए प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी जाती है। उसके बाद विभिन्न मंत्रालयों को अपनी विशिष्ट योजना प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। अगले कुछ हफ़्तों में संसद में बजट को लेकर चर्चा होती है और वोटिंग के बाद इसे लागू किया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग दो महीने लेती है, जिससे असली असर वित्त वर्ष के आरम्भ से ही दिखता है।

2025 के बजट की प्रमुख घोषणाएँ

2025 के बजट में कुछ बड़े कदम देखे गए हैं:

  • कृषि पर बढ़ी हुई फंडिंग: छोटे किसान को सस्ती बीमा, सख्त कीमत समर्थन और नई सिंचाई परियोजनाएँ मिलेंगी।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: हाईवे, रेल, हवाई अड्डे और स्मार्ट सिटीज़ पर 2 लाख करोड़ रुपये का नया निवेश है।
  • डिजिटल इकॉनमी: स्टार्ट‑अप को टैक्स छूट, ई‑कॉमर्स में 10% रिवॉर्ड पॉइंट, और ग्रामीण इंटरनेट के लिए फंडिंग बढ़ी है।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा: आयुर्वेदिक अस्पतालों का विस्तार, स्कूलों में डिजिटल लर्निंग उपकरणों की मुफ्त डिलीवरी।
  • कर‑नीति: मध्यम आय वर्ग के लिए आयकर स्लैब में छूट, इलेक्ट्रिक वाहन पर 5% रिबेट, और रियल एस्टेट ट्रांज़ैक्शन टैक्स में हल्का कट।

इन बिंदुओं को समझने से आप यह तय कर सकते हैं कि अपनी बचत, निवेश या कर‑रिटर्न को कैसे बेहतर बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप ई‑कॉमर्स में कारोबार करते हैं, तो डिजिटल उपकरणों के लिए सरकार की मदद का फायदा उठाएं। किसान हैं तो नई कृषि बीमा स्कीम में तुरंत रजिस्टर करें।

बजट सत्र केवल सरकार के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी मौका है खुद को आर्थिक रूप से जागरूक बनाने का। अगर आप इस बजट के बारे में सही सवाल पूछें और सरकारी योजनाओं को सही दिशा में उपयोग करें, तो यह साल आपके आर्थिक लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है।

अंत में, बजट को लेकर अक्सर कहा जाता है कि यह सिर्फ कागज़ पर लिखा होता है, लेकिन वास्तविकता में यह हमारे रोज़मर्रा के खर्चों, बचत और निवेश पर गहरा असर डालता है। इसलिए, बजट सत्र की घोषणाओं को नजरअंदाज न करें। अपने मित्रों, परिवार और सहकर्मियों के साथ इस पर चर्चा करें, ताकि सभी को फायदा हो।

राज्यसभा में बीजेपी की ताकत घटी: बजट सत्र के अहम विधेयकों पर प्रभाव

16 जुलाई 2024

राज्यसभा में चार मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति के बाद बीजेपी की ताकत में कमी आई है। सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी शामिल हैं। एनडीए को सात गैर-संरेखित मनोनीत सदस्यों और सहयोगी पार्टियों का समर्थन होने के बावजूद, प्रमुख विधेयकों के पारित होने पर यह कमी असर डाल सकती है।

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