महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर असमंजस : बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को कहा धन्यवाद, कांग्रेस ने जताई विवाद की बात

28 नवंबर 2024
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर असमंजस : बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को कहा धन्यवाद, कांग्रेस ने जताई विवाद की बात

महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति

महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों उथल-पुथल में है। विधानसभा चुनावों के परिणाम के बावजूद, मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में), और अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट शामिल है, ने चुनावों में 288 में से 230 सीटों का जीत हासिल की है। इस चुनावी नतीजे के बाद से ही सभी दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। भाजपा ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए 132 सीटें जीती हैं, लेकिन पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी को लेकर कई तरह की चर्चाए हो रही हैं।

क्या एकनाथ शिंदे हो सकते हैं निर्णय के केंद्र में

एकनाथ शिंदे, जो कि वर्तमान में कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्णय को स्वीकार करने का निर्णय लिया है। शिंदे ने मोदी और शाह से मुलाकात की और कहा कि वे हीन भावनाओं से नहीं ग्रसित हैं और किसी भी पद के लिए लोभी नहीं हैं। उन्होंने साफ किया कि यदि राष्ट्रीय नेतृत्व उनसे समर्थन चाहता है, तो वे किसी बड़ी भूमिका को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।

बीजेपी का संवेदनशील निर्णय और कांग्रेस का आरोप

बीजेपी का संवेदनशील निर्णय और कांग्रेस का आरोप

बीजेपी ने शिंदे की इस जिम्मेदाराना पहल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा इसके पीछे रणनीतिक विचारों से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री पद को लेकर जल्द ही सहमति बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके विपरीत, कांग्रेस ने इस स्थिति पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि भाजपा शिंदे पर दबाव बना रही है। कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने आरोप लगाया कि इस राजनीतिक अस्थिरता के पीछे बीजेपी की रणनीति है।

अंतिम फैसले के आसार

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम निर्णय की संभावना है कि जल्द ही लिया जाएगा। खबरों के अनुसार दिल्ली में एक बैठक होने की संभावना है, जिसमें शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और अमित शाह शामिल हो सकते हैं। इस बैठक में अंतिम निर्णय लेने के लिए प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी ताकि सरकार के गठन में पारदर्शिता आ सके।

यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नई सरकार में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री होंगे। इसके साथ ही, अगले कुछ दिनों के भीतर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की योजना है, जिसमें बीजेपी के 10, शिवसेना के 6 और एनसीपी के 4 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। यह समारोह एक नई शुरुआत का संकेत हो सकता है, जिसे लेकर महाराष्ट्र की जनता और सभी राजनीतिक दलों के बीच उत्सुकता है।

15 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Shailendra Thakur

    नवंबर 28, 2024 AT 22:54

    इस सब में एकनाथ शिंदे का रवैया असली नेतृत्व का है। बिना गुस्से के, बिना दिखावे के, बस जिम्मेदारी लेने का फैसला। ऐसे लोग ही देश को आगे बढ़ाते हैं।

  • Image placeholder

    Sumeet M.

    नवंबर 29, 2024 AT 21:18

    बीजेपी ने धन्यवाद दिया? बस इतना ही? ये सब नाटक है! शिंदे को दबाव डालकर उन्हें अपना लोहा बनाने की कोशिश है! ये राजनीति नहीं, ये फ़िल्मी साजिश है!!!

  • Image placeholder

    rashmi kothalikar

    दिसंबर 1, 2024 AT 20:48

    शिंदे को धन्यवाद देना बीजेपी का एक बड़ा गलत फैसला है। इन्होंने शिवसेना को तोड़ा, अब ये उसी को सम्मान दे रहे हैं? ये देश के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। असली लोकतंत्र तो चुनाव में होता है, न कि दिल्ली के कमरों में।

  • Image placeholder

    Muneendra Sharma

    दिसंबर 3, 2024 AT 10:12

    अगर शिंदे खुद कह रहे हैं कि वो किसी पद के लिए लोभी नहीं हैं, तो ये बात सच होनी चाहिए। लेकिन अगर बीजेपी दबाव डाल रही है, तो ये सिर्फ एक नाटक है। लोग अब नाटकों से थक चुके हैं।

  • Image placeholder

    Rajveer Singh

    दिसंबर 4, 2024 AT 19:39

    कांग्रेस की आवाज़ सुनकर लगता है जैसे वो अपने बाप को खो चुके हैं। जब वो सत्ता में थे तो ऐसे ही खेल खेलते रहे। अब जब दूसरे खेल रहे हैं तो वो रो रहे हैं। बस बंद करो ये नाटक।

  • Image placeholder

    Anand Itagi

    दिसंबर 5, 2024 AT 03:45

    मुख्यमंत्री का फैसला दिल्ली में हो रहा है ये बात सच है लेकिन ये तो आज के भारत का नियम है। जहां राज्य का नेता दिल्ली के नेता के हवाले होता है। ये देश का स्वभाव है।

  • Image placeholder

    Ankit Meshram

    दिसंबर 5, 2024 AT 20:57

    शिंदे बने मुख्यमंत्री। बस।

  • Image placeholder

    Kisna Patil

    दिसंबर 5, 2024 AT 21:54

    ये सब राजनीति देखकर लगता है कि हम एक बड़े घर में रह रहे हैं जहां हर कोई अपना बिस्तर बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कोई नहीं सोचता कि घर का तालाब कैसे साफ होगा।

  • Image placeholder

    Shaik Rafi

    दिसंबर 7, 2024 AT 16:44

    एकनाथ शिंदे की नीति में एक गहरा संदेश है - शक्ति का असली अर्थ अपने आप को बढ़ाना नहीं, बल्कि दूसरों को बढ़ाना है। उन्होंने अपने आप को एक व्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि एक साधन के रूप में देखा है। ये असली नेतृत्व है।

  • Image placeholder

    ASHOK BANJARA

    दिसंबर 9, 2024 AT 14:07

    इतिहास में कई बार ऐसा हुआ है कि जब एक नेता अपने पद के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए तैयार होता है, तो वो अक्सर अपने दल के लिए भी सबसे बेहतर फैसला लेता है। शिंदे अभी तक ऐसा ही कर रहे हैं। लेकिन अब देखना होगा कि बीजेपी उनकी इस नीति को जीवित रखेगी या नहीं।

  • Image placeholder

    vinoba prinson

    दिसंबर 10, 2024 AT 08:32

    महाराष्ट्र की राजनीति अब एक ओपेरा बन गई है। एकनाथ शिंदे का व्यवहार नेतृत्व का नहीं, बल्कि एक शास्त्रीय नाटक का दृश्य है - जहां नायक नहीं, बल्कि नाटककार बन गया है। भाजपा ने उन्हें एक चाल बना दिया है, और वो उस चाल के अनुसार नाच रहे हैं।

  • Image placeholder

    Ashmeet Kaur

    दिसंबर 11, 2024 AT 02:24

    महाराष्ट्र के लोगों को ये सब बहुत थका रहा है। अब तक तो बहुत सारे नेता बदल चुके हैं, लेकिन आम आदमी की ज़िंदगी में कोई बदलाव नहीं आया। हमें राजनीति की नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की जरूरत है।

  • Image placeholder

    Sahil Kapila

    दिसंबर 11, 2024 AT 04:11

    कांग्रेस जो कह रही है वो सब बकवास है। जब वो सत्ता में थे तो उन्होंने क्या किया? शिवसेना को तोड़ने का आरोप लगाना बस एक बहाना है। असली बात ये है कि बीजेपी अब इतनी मजबूत हो गई है कि उनके खिलाफ बोलना भी मुश्किल हो गया है

  • Image placeholder

    Nirmal Kumar

    दिसंबर 11, 2024 AT 09:01

    महाराष्ट्र के लोगों को अब बातों की नहीं, कामों की जरूरत है। जो भी मुख्यमंत्री बने, उसकी पहली चुनौती होगी बाढ़, बेरोजगारी और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारना। अगर वो इसे नहीं सुलझा पाया, तो अगले चुनाव में वो भी भूल जाएंगे।

  • Image placeholder

    Sharmila Majumdar

    दिसंबर 12, 2024 AT 20:00

    एकनाथ शिंदे ने अपने दल को छोड़ दिया और अब बीजेपी के साथ खेल रहे हैं। ये तो विश्वासघात है। शिवसेना के लोगों को ये कैसे भूलेंगे? ये राजनीति में अब कोई भी बात नहीं मानता।

एक टिप्पणी लिखें