कोलकाता डर्बी: ईस्ट बंगाल FC और मोहन बागान SG के बीच रोमांचक मुकाबलों की झलकियां

20 अक्तूबर 2024
कोलकाता डर्बी: ईस्ट बंगाल FC और मोहन बागान SG के बीच रोमांचक मुकाबलों की झलकियां

कोलकाता डर्बी: भारतीय फुटबॉल में एक प्रतिष्ठित संघर्ष

कोलकाता डर्बी ईस्ट बंगाल FC और मोहन बागान SG के बीच किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित मैच है, जो भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े रोमांचक मुकाबलों में से एक माना जाता है। यह मुकाबला न केवल दोनों टीमों के खिलाड़ियों बल्कि देशभर के फुटबॉल प्रशंसकों का ध्यान भी आकर्षित करता है। यह डर्बी अपने आप में एक विशेष विरासत और इतिहास समेटे हुए है, जिसमें दो सबसे सफल टीमों के बीच वर्षों से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता दिखाई देती है।

2023-24 सीज़न: बड़े मुकाबले के लिए कमर कसते हुए

आईएसएल 2023-24 सीज़न में, ईस्ट बंगाल FC और मोहन बागान SG के मुकाबले उन्हीं उत्तेजना और जोर-शोर से लड़े गए जैसे कि हमेशा से होते आए हैं। इन मैचों ने न केवल हमारे फुटबॉल खिलाड़ियों को बल्कि खेल के प्रति हमारे जुनून और प्रेम को भी बखूबी ठहराया है। दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने मैदान पर न केवल अपनी स्किल्स दिखाईं, बल्कि दर्शकों को भी जोड़े रखा।

3 फरवरी 2024 के एक मुकाबले में, मोहन बागान SG और ईस्ट बंगाल FC ने 2-2 की बराबरी पर मैच समाप्त किया। यह मुकाबला किसी भी दर्शक के लिए उबाऊ साबित नहीं हुआ क्योंकि अंत के मिनटों में दिमित्री पेट्राटोस ने एक महत्वपूर्ण गोल कर मोहन बागान के लिए मैच बचा लिया। दर्शक इस नाटकीय मोड़ पर काफी उत्साहित हुए और इसने खेल की सुंदरता को और भी बढ़ा दिया।

मोहन बागान की निर्णायक जीत: 3 मार्च 2024

3 मार्च 2024 को, एक और रोमांचक मुकाबला हुआ जिसमें मोहन बागान SG ने एक निर्णायक जीत 3-1 से ईस्ट बंगाल FC के खिलाफ हासिल की। पहले ही हाफ में, कुमिंग्स, लिस्टन और पेट्राटोस के शानदार गोलों ने मोहन बागान को एक ठोस बढ़त प्रदान की। इस दौरान, उनकी टीम की रणनीति और आक्रामक रवैया स्पष्ट देखने को मिला, जिसने उनके जीत के रास्ते को सुगम बना दिया। हालांकि, दूसरे हाफ में, ईस्ट बंगाल FC ने कुछ साहसिक प्रयास किए लेकिन किसी भी तरह से वे अंतर को पाट नहीं सके।

अंतिम टाई-ब्रेकर: 1 सितंबर 2024 की पेनल्टी शूटआउट

एक अन्य सुपर रोमांचक मैच 1 सितंबर 2024 को हुआ, जब दोनों टीमों की भिड़ंत 1-1 पर समाप्त हुई। इस मुकाबले की खास बात यह थी कि यह पेनल्टी शूटआउट में जाकर अपने निर्णायक परिणाम पर पहुँचा। पेनल्टी शूटआउट में, मोहन बागान SG ने एक बार फिर अपने अनुभव और कौशल का परिचय देते हुए जीत हासिल की। ईस्ट बंगाल FC ने कुछ महत्वपूर्ण पेनल्टी किक्स गँवा दिए, जो कि उनके हार का कारण बने।

इन मैचों में दिखने वाला जुनून और जोश, यह बतलाता है कि कोलकाता डर्बी सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि दोनों क्लब्स के समर्थकों के लिए भावनाओं का एक प्रिय पर्व है। हर मैच के बाद, दोनों टीमों के खिलाड़ी और प्रशंसक भविष्य की मुकाबलों के लिए तैयार होते हैं, यह देखने लिए कि कौनसी टीम अगले पायदान पर विजय पताका फहराएगी।

14 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Kisna Patil

    अक्तूबर 20, 2024 AT 22:25

    कोलकाता डर्बी का मैच देखकर लगा जैसे कोई भारतीय सिनेमा का एक्शन सीन चल रहा हो - बिना किसी डायलॉग के, बस गोलों की आवाज़ और भीड़ का शोर। पेट्राटोस का वो गोल? वो तो फिल्म का क्लाइमैक्स था।

  • Image placeholder

    ASHOK BANJARA

    अक्तूबर 22, 2024 AT 20:26

    इन मैचों में जो भावनाएँ दिखती हैं, वो सिर्फ फुटबॉल नहीं - ये तो एक सामाजिक विरासत है। ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के बीच का तनाव, जिसमें शहर की पहचान, वर्ग, और इतिहास घुले हुए हैं, वो किसी सामान्य लीग मैच से कहीं अधिक गहरा है। ये डर्बी एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति है।

  • Image placeholder

    Sahil Kapila

    अक्तूबर 24, 2024 AT 17:59

    मोहन बागान के खिलाफ ईस्ट बंगाल कभी नहीं जीत पाया यार ये सब बकवास है अब तक जितने भी मैच हुए वो सब मोहन बागान के नाम हैं अगर तुम्हें लगता है कि ईस्ट बंगाल की टीम बेहतर है तो तुम बस अपने दिमाग से खेल रहे हो

  • Image placeholder

    Rajveer Singh

    अक्तूबर 25, 2024 AT 13:27

    हमारे फुटबॉल में ये डर्बी ही एकमात्र चीज है जो देश को एक साथ लाती है। बाकी सब फेक है - IPL, बैडमिंटन, क्रिकेट के लिए तो बाहर जाकर खेलो। ये दो क्लब असली भारतीय खेल की आत्मा हैं। कोई और टीम ये जुनून नहीं दे सकती।

  • Image placeholder

    Ankit Meshram

    अक्तूबर 25, 2024 AT 23:26

    बस यही कहना है - जीत या हार, ये मैच जीत गए हैं।

  • Image placeholder

    Shaik Rafi

    अक्तूबर 27, 2024 AT 20:34

    क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों टीमों के बीच का विरोध किसी जनजातीय या सामाजिक विभाजन का परिणाम हो सकता है? ईस्ट बंगाल के समर्थक अक्सर शहर के उत्तरी भाग से आते हैं, जबकि मोहन बागान के लोग दक्षिणी इलाकों से - ये सिर्फ टीमों का विरोध नहीं, ये शहर के दो अलग दिलों का टकराव है।

  • Image placeholder

    Ashmeet Kaur

    अक्तूबर 28, 2024 AT 07:19

    मैंने 2023 के मैच को एक छोटे से कैफे में देखा था - बिना किसी टीवी के, सिर्फ फोन पर स्ट्रीमिंग। जब पेट्राटोस ने गोल किया, तो पूरा कैफे चिल्लाया। उस पल में मुझे लगा - ये खेल हमारे दिलों में बसा है। ये कोई खेल नहीं, ये जीवन है।

  • Image placeholder

    Nirmal Kumar

    अक्तूबर 28, 2024 AT 18:53

    ये मैच देखकर लगता है कि भारत में फुटबॉल के लिए अभी भी बहुत कुछ बाकी है। न सिर्फ टीमों की बात है, बल्कि स्टेडियम की व्यवस्था, युवाओं को ट्रेनिंग, और लोकल लीगों का विकास। कोलकाता डर्बी तो जीवित है, लेकिन क्या भारतीय फुटबॉल का भविष्य भी उतना ही जीवित है?

  • Image placeholder

    Sharmila Majumdar

    अक्तूबर 30, 2024 AT 10:09

    मैंने देखा कि ईस्ट बंगाल के डिफेंस ने तीसरे मैच में काफी धीमे रिएक्शन दिए - वो लिस्टन के गोल के बाद बिल्कुल बेकाबू लग रहे थे। और अगर तुम बात कर रहे हो पेनल्टी शूटआउट की तो उनके दूसरे किकर का एक्शन बिल्कुल अनुभवहीन था - वो बस गेंद को नहीं देख रहे थे।

  • Image placeholder

    amrit arora

    अक्तूबर 31, 2024 AT 13:08

    इन सभी मैचों को देखकर एक बात स्पष्ट होती है - भारत में फुटबॉल का भविष्य अगर बनना है तो ये डर्बी जैसे मैचों को बस एक बार नहीं, बल्कि हर सीज़न में एक तरह से संरक्षित करना होगा। ये न सिर्फ टीमों का नहीं, बल्कि देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। हमें इन भावनाओं को नियमित रूप से बढ़ावा देना होगा - न कि उन्हें बस एक बार देखकर भूल जाना।

  • Image placeholder

    Ambica Sharma

    नवंबर 1, 2024 AT 21:22

    मैंने तीनों मैच एक साथ देखे - पहले मैच में रोती थी, दूसरे में चिल्लाई, और तीसरे में बस चुप रही। ये डर्बी मेरे दिल का हिस्सा बन गया है। अगर आज ये मैच न होता, तो मैं शायद अभी तक जीवित न होती।

  • Image placeholder

    Hitender Tanwar

    नवंबर 2, 2024 AT 09:57

    ये सब बकवास है। असली फुटबॉल तो यूरोप में खेला जाता है। ये डर्बी सिर्फ एक बड़ा शो है जिसमें भीड़ बहुत ज्यादा भावुक हो जाती है।

  • Image placeholder

    pritish jain

    नवंबर 3, 2024 AT 15:20

    मोहन बागान के तीन गोल के बाद ईस्ट बंगाल के बैकफुट का फॉर्मेशन अस्थिर हो गया था। लिस्टन के गोल के बाद उनका लेफ्ट बैक दो बार गलत दिशा में बदल गया - ये रणनीतिक त्रुटि जीत का निर्णायक कारण बनी।

  • Image placeholder

    Kisna Patil

    नवंबर 4, 2024 AT 11:12

    तुम लोग ये सब विश्लेषण कर रहे हो, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि इन खिलाड़ियों के दिल में क्या चल रहा होगा? एक आदमी जो अपने शहर के लिए खेल रहा है - वो सिर्फ गोल नहीं मारता, वो अपनी ज़िंदगी भी मारता है।

एक टिप्पणी लिखें