जम्मू और कश्मीर तथा हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा

16 अगस्त 2024
जम्मू और कश्मीर तथा हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा

जम्मू और कश्मीर तथा हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित

भारत निर्वाचन आयोग ने वर्तमान में राजनीतिक माहौल में जम्मू और कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया है। शुक्रवार को की गई घोषणा के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया में मतदान की तारीख, नामांकन दाखिल करने की समय सीमा और परिणामों की घोषणा की तारीख शामिल हैं। यह घोषणा तब आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर में चुनाव कराने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ़ तौर पर बताया कि आयोग जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में, चुनाव आयोग के निर्देश पर जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने अपने गृह जिलों में पदस्थापित अधिकारियों का तबादला किया है, जिसमें डिप्टी कमिश्नर भी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने चुनाव तैयारियों की निगरानी के लिए जम्मू और कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया है, हालांकि महाराष्ट्र का दौरा अभी तक नहीं किया गया है।

विधानसभा के सत्र का समाप्ति

विधानसभा के सत्र का समाप्ति

हरियाणा और महाराष्ट्र की विधानसभाओं का मौजूदा सत्र क्रमशः 3 नवंबर और 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके मद्देनजर चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के लिए समान चुनाव चिह्न प्राप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। चुनाव की तैयारियों में प्रत्येक दो किलोमीटर पर मतदान केंद्र स्थापित करने और प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित करने जैसे कदम शामिल हैं।

चुनाव आयोग को सुरक्षा बलों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है कि वे किसी भी व्यवधान को संभालने में सक्षम हैं। राजनीतिक नेताओं ने चुनाव की तैयारी को लेकर अपने संकल्प को व्यक्त किया है, जिसमें कई पार्टियों ने चुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग की है।

जम्मू और कश्मीर में चुनाव का महत्व

यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2018 के बाद से जम्मू और कश्मीर के पास कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। चुनाव आयोग एक तटस्थ और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

इस माहौल में चुनाव आयोग द्वारा की गई घोषणा राजनीतिक ऊर्जा को नई दिशा देने की प्रतिज्ञा करती है। विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं और जनता भी अपने नई सरकार का चुनाव करने के लिए उत्सुक है।

चुनावी प्रक्रिया और तैयारियां

चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए विभिन्न तैयारी की है, जिसमें तकनीकी सहूलियत, सुरक्षा के बाबत कदम और प्रशासनिक प्रबंधन शामिल हैं। हर मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कवरेज होना यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता ना हो।

साथ ही, चुनाव आयोग का यह भी उद्देश्य है कि अधिकतम जनभागीदारी हो, इसलिए हर दो किलोमीटर पर एक मतदान केंद्र स्थापित किया जाएगा ताकि जनता के लिए मतदान करना सहज हो सके। इन सभी तैयारियों के परिणामस्वरूप, यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि चुनावी प्रक्रिया आराम और निष्पक्षता से गुजरने की उम्मीद है।

राजनीतिक दावेदारों की तैयारी

राजनीतिक दलों की तैयारियों में भाषणों, रैलियों और जनसंपर्क अभियानों का आयोजन प्रमुख रूप से शामिल है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दल अपने पार्टी के एजेंडों और चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच बना रहे हैं।

जनता की उम्मीदें

जनता की उम्मीदें और मंशाएं भी इन चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। चुनाव आयोग की यह घोषणा राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम है और निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करेगी कि यह चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।

17 टिप्पणि

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    Shailendra Thakur

    अगस्त 17, 2024 AT 10:26
    ये चुनाव असल में दोनों राज्यों के लिए एक नया आयाम लेकर आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 6 साल के बाद डेमोक्रेसी की वापसी हो रही है, और हरियाणा में लोग बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
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    Sumeet M.

    अगस्त 17, 2024 AT 20:59
    अगर ये चुनाव अच्छे से नहीं हुए तो फिर किसी को भी यकीन नहीं होगा कि भारत में लोकतंत्र काम करता है! अधिकारियों का तबादला तो बस एक धोखा है, असली बात तो ये है कि सुरक्षा बलों को असली ताकत दो!
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    pritish jain

    अगस्त 18, 2024 AT 20:16
    चुनाव आयोग की तकनीकी तैयारियाँ अच्छी हैं, लेकिन वास्तविक चुनौती यह है कि जनता को विश्वास दिलाना है कि ये सीसीटीवी और मतदान केंद्रों का नियम असल में निष्पक्षता के लिए हैं, न कि किसी के नियंत्रण में।
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    Rajveer Singh

    अगस्त 19, 2024 AT 05:15
    2018 के बाद से जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं थी ये बात तो सच है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोगों ने भारत को भूल दिया है। अब ये चुनाव उनकी भावनाओं का एक नया दर्पण होंगे।
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    Muneendra Sharma

    अगस्त 19, 2024 AT 17:13
    मुझे लगता है कि हर दो किमी पर मतदान केंद्र लगाना बहुत अच्छा विचार है। दूर के गाँवों के लोग अब बिना बहुत दूर जाए वोट डाल पाएंगे। बस ये ध्यान रखना होगा कि ये केंद्र वाकई में सुरक्षित रहें।
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    Ankit Meshram

    अगस्त 21, 2024 AT 09:43
    ये चुनाव बहुत जरूरी हैं। बस अच्छा होगा।
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    Shaik Rafi

    अगस्त 23, 2024 AT 07:17
    इस तरह की व्यवस्था में तकनीक का इस्तेमाल तो जरूरी है, लेकिन याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र की शक्ति उस व्यक्ति में होती है जो अपना वोट डालता है, न कि उस सीसीटीवी कैमरे में जो उसे देख रहा है।
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    Kisna Patil

    अगस्त 24, 2024 AT 16:24
    इतनी बड़ी तैयारी के बाद अगर भी कोई अनियमितता आ गई तो ये देश के लिए एक बड़ा झटका होगा। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम इसे शांति से और जिम्मेदारी से देखें। ये चुनाव देश के भविष्य का निर्णय हैं।
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    Ashmeet Kaur

    अगस्त 24, 2024 AT 20:07
    हरियाणा में तो बहुत सारे किसान आंदोलनों के बाद लोगों के विश्वास को बहाल करना होगा। जम्मू-कश्मीर में तो ये चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि एक सामाजिक ठीक होने का संकेत है।
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    amrit arora

    अगस्त 26, 2024 AT 18:26
    मुझे लगता है कि ये चुनाव एक नए युग की शुरुआत हैं। लोगों को ये समझना होगा कि वोट देना सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। चुनाव आयोग की तैयारियाँ तो अच्छी हैं, लेकिन अब जनता को भी इसके लिए तैयार होना होगा। अगर हम सब जिम्मेदार बनेंगे तो ये चुनाव दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सकते हैं।
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    Sharmila Majumdar

    अगस्त 28, 2024 AT 05:28
    मुझे लगता है कि चुनाव आयोग को अभी तक महाराष्ट्र का दौरा नहीं किया गया ये एक बड़ी गलती है। क्योंकि वहाँ भी चुनाव आने वाले हैं और ये देरी लोगों को असुरक्षित महसूस करा रही है।
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    Anand Itagi

    अगस्त 30, 2024 AT 01:59
    सीसीटीवी अच्छा है लेकिन अगर उसकी रखरखाव नहीं हुई तो फिर वो क्या फायदा। और दो किमी पर मतदान केंद्र लगाना तो बहुत अच्छा है लेकिन अगर वो केंद्र बर्फ में डूब गए तो क्या होगा
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    Ambica Sharma

    अगस्त 31, 2024 AT 03:29
    मुझे लगता है कि ये चुनाव बहुत बड़ी बात हैं लेकिन क्या होगा अगर लोग वोट नहीं देंगे? क्या होगा अगर कोई बाहर जाकर वोट नहीं करेगा? मैं तो बस डर रही हूँ।
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    Sahil Kapila

    सितंबर 1, 2024 AT 07:42
    अब तो सब चुनाव की बात कर रहे हैं लेकिन क्या कोई ये बताएगा कि अगर एक पार्टी जीत गई तो क्या वो सच में बदलाव लाएगी? या फिर ये सब बस एक नाटक है जो दिखाने के लिए किया जा रहा है?
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    Hitender Tanwar

    सितंबर 3, 2024 AT 01:08
    ये सब तो बस धोखा है। जम्मू-कश्मीर में तो अब तक कुछ नहीं हुआ। ये चुनाव भी बस एक बहाना है।
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    Nirmal Kumar

    सितंबर 3, 2024 AT 05:39
    मैंने जम्मू-कश्मीर के एक दोस्त से बात की थी, उसने कहा कि गाँव के बुजुर्ग अब बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि ये पहली बार है जब उन्हें लग रहा है कि उनकी आवाज सुनी जा रही है। ये चुनाव सिर्फ राजनीति नहीं, ये उनकी आत्मा की आवाज है।
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    amrit arora

    सितंबर 4, 2024 AT 06:15
    वास्तव में, ये चुनाव एक ऐसा अवसर है जो केवल एक राजनीतिक बदलाव के लिए नहीं, बल्कि एक सामाजिक रिश्ते के पुनर्निर्माण के लिए भी है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लंबे समय तक अपने अधिकारों के लिए लड़ा है, और अब वो अपनी आवाज देने का मौका पा रहे हैं। ये वोट उनके दर्द का प्रतिनिधित्व करता है, और हर वोट एक नई शुरुआत का संकेत है। अगर हम इसे सिर्फ एक निर्वाचन घटना के रूप में देखेंगे, तो हम उस गहरे अर्थ को खो देंगे जो इसके पीछे छिपा है। ये चुनाव देश के लिए एक आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।

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