भारत निर्वाचन आयोग ने वर्तमान में राजनीतिक माहौल में जम्मू और कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया है। शुक्रवार को की गई घोषणा के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया में मतदान की तारीख, नामांकन दाखिल करने की समय सीमा और परिणामों की घोषणा की तारीख शामिल हैं। यह घोषणा तब आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर में चुनाव कराने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ़ तौर पर बताया कि आयोग जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में, चुनाव आयोग के निर्देश पर जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने अपने गृह जिलों में पदस्थापित अधिकारियों का तबादला किया है, जिसमें डिप्टी कमिश्नर भी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने चुनाव तैयारियों की निगरानी के लिए जम्मू और कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया है, हालांकि महाराष्ट्र का दौरा अभी तक नहीं किया गया है।
हरियाणा और महाराष्ट्र की विधानसभाओं का मौजूदा सत्र क्रमशः 3 नवंबर और 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके मद्देनजर चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के लिए समान चुनाव चिह्न प्राप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। चुनाव की तैयारियों में प्रत्येक दो किलोमीटर पर मतदान केंद्र स्थापित करने और प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित करने जैसे कदम शामिल हैं।
चुनाव आयोग को सुरक्षा बलों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है कि वे किसी भी व्यवधान को संभालने में सक्षम हैं। राजनीतिक नेताओं ने चुनाव की तैयारी को लेकर अपने संकल्प को व्यक्त किया है, जिसमें कई पार्टियों ने चुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग की है।
यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2018 के बाद से जम्मू और कश्मीर के पास कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। चुनाव आयोग एक तटस्थ और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस माहौल में चुनाव आयोग द्वारा की गई घोषणा राजनीतिक ऊर्जा को नई दिशा देने की प्रतिज्ञा करती है। विभिन्न राजनीतिक दल चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं और जनता भी अपने नई सरकार का चुनाव करने के लिए उत्सुक है।
चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए विभिन्न तैयारी की है, जिसमें तकनीकी सहूलियत, सुरक्षा के बाबत कदम और प्रशासनिक प्रबंधन शामिल हैं। हर मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कवरेज होना यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता ना हो।
साथ ही, चुनाव आयोग का यह भी उद्देश्य है कि अधिकतम जनभागीदारी हो, इसलिए हर दो किलोमीटर पर एक मतदान केंद्र स्थापित किया जाएगा ताकि जनता के लिए मतदान करना सहज हो सके। इन सभी तैयारियों के परिणामस्वरूप, यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि चुनावी प्रक्रिया आराम और निष्पक्षता से गुजरने की उम्मीद है।
राजनीतिक दलों की तैयारियों में भाषणों, रैलियों और जनसंपर्क अभियानों का आयोजन प्रमुख रूप से शामिल है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दल अपने पार्टी के एजेंडों और चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच बना रहे हैं।
जनता की उम्मीदें और मंशाएं भी इन चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। चुनाव आयोग की यह घोषणा राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम है और निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करेगी कि यह चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।