दिल्ली में मौसम की मार: बारिश, ओले और ठंडी हवा के साथ येलो अलर्ट जारी

16 जनवरी 2025
दिल्ली में मौसम की मार: बारिश, ओले और ठंडी हवा के साथ येलो अलर्ट जारी

दिल्ली में येलो अलर्ट: बारिश और ठंडी हवाओं का प्रकोप

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से दिल्ली में पिछले सप्ताह जारी किए गए येलो अलर्ट ने लोगों को चिंतित किया है। इस अलर्ट के अंतर्गत बारिश, गरज के साथ छींटे और ठंडी हवाओं की संभावना है। इस मौसम के चलते दिल्ली-एनसीआर में लोगों का दैनिक जीवन काफी प्रभावित हुआ है। यातायात व्यवस्था, स्कूल और कार्यालयों के संचालन पर गहरा असर पड़ा है। ऐसे मौसम में स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, विशेषकर अस्थमा और हृदय रोगियों को।

दिल्ली में ठंडी और कोहरे का मिला-जुला प्रकोप

दिल्ली वासियों ने हाल ही में मौसम में अचानक बदलाव का अनुभव किया। रात भर हुई बारिश ने शहर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी भारी बारिश के रिपोर्ट सामने आए हैं। इससे आम यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा है। ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों के लिए भी यह मौसम परीक्षण से कम नहीं रहा है। कोहरे की चादर ने रेल सेवाओं की गति को धीमा कर दिया है और 29 से अधिक ट्रेनों की देरी दर्ज की गई है, जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

उड़ान संचालन पर मौसम का असर

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों में आने वाली देरी की खबरें भी सुनने को मिल रही हैं। घने कोहरे के कारण यात्रियों को अपनी उड़ान की स्थिति पहले से जांच करनी पड़ रही है। यह स्थिति वहाँ की दृश्यता कम होने के कारण उत्पन्न हुई है, जो विमान संचालन में दिक्कतें पैदा कर रही है। यात्रियों को उचित सावधानी बरतनी चाहिए और अपडेट्स के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की वेबसाइट या ऐप पर नजर रखनी चाहिए।

स्वास्थ्य पर मौसम के प्रभाव और एहतियाती उपाय

मौसम की बेधड़क शैलियों के कारण स्वास्थ्य पर भी असर देखा जा सकता है। ठंडी हवा व कोहरे के चलते नागरिकों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जैसे कि बाहर जाते समय गर्म कपड़े पहनना और भारी कोहरे में यात्रा से बचना बेहतर होगा। हृदय और फेफड़े के रोगियों को खास सतर्कता की जरूरत होती है।

एसओपी और स्कूलों में लाए जा रहे परिवर्तन

दिल्ली के स्कूल अपनी टाइम-टेबल में बदलाव ला रहे हैं। ठंड के जहां बच्चों पर स्वास्थ्य प्रभाव दिख सकते हैं, वहीं कक्षाएँ ऑनलाइन भी संचालित की जा रही हैं ताकि छात्रों को राहत मिल सके। हालांकि कुछ कक्षाओं को बहुपरतीय व्यवस्था के अंतर्गत रखा गया है जहाँ छात्रों को ऊंचे दर्जों में हाइब्रिड मोड में पढ़ाई करनी होगी। माता पिता को स्कूल प्रशासन से समन्वय बैठाकर सही समय-सारणी और आवश्यक व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

वायु गुणवत्ता को बनाए रखना: CAQM के प्रावधान

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एडवाइजरी जारी की है जिसने दिल्ली एनसीआर में वायुमंडलीय सुधार के लिए कई उपाय किए हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत यहां कार्रवाई की जा रही है। इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण पर काबू पाना और दृश्यता में सुधार करना है। न केवल बारिश और ओले, बल्कि प्रदूषण का भी आमदिनों की स्वास्थ्यगत स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और इन्हें सुधारने का यह कदम सराहनीय है।

मौसम से जुड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा

संक्षेप में, दिल्ली में चल रहे मौसम की मार से निवासियों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह यातायात की बात हो या स्वास्थ्य सुविधाओं की, लोगों को इस स्थिति से जागरूक रहने की आवश्यकता है। अपनाना पड़े तो अंतिम क्षण में यात्रा या किसी भी दैनिक गतिविधि की योजना नहीं बनाएं। स्वास्थ्य संबंधित समस्या को नजरअंदाज न करें, बल्कि चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर उचित कदम उठाएं।

6 टिप्पणि

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    rashmi kothalikar

    जनवरी 16, 2025 AT 20:31

    ये मौसम तो बस दिल्ली के लिए काफी नहीं, पूरे देश के लिए एक शर्मनाक असफलता है। सरकार ने क्या किया? कोहरे के लिए अलर्ट जारी किया, बारिश के लिए अलर्ट, ठंड के लिए अलर्ट... लेकिन इन सबके खिलाफ कोई योजना नहीं? हम तो बस रोते रह गए। ये जो एयरपोर्ट और ट्रेनों की देरी है, ये सब तो दिल्ली की अक्षमता का प्रतीक है।

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    vinoba prinson

    जनवरी 18, 2025 AT 20:30

    इस तरह के मौसमी अस्थिरता को लेकर आम जनता के बीच एक गहरी असुरक्षा का भाव है, जो शहरी विकास की अपर्याप्त योजनाओं के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान जैसे तकनीकी शब्दों का उपयोग करना तो आसान है, लेकिन जब तक हम वास्तविक बुनियादी ढांचे को नहीं सुधारेंगे-जैसे ड्रेनेज सिस्टम, शहरी हरित आवरण, और वाहन प्रदूषण नियंत्रण-तब तक ये सब केवल एक रंगीन धोखा होगा।

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    Shailendra Thakur

    जनवरी 19, 2025 AT 22:50

    मैंने आज सुबह बारिश में चलकर ऑफिस जाने की कोशिश की थी। एक बूढ़ी महिला बस स्टॉप पर खड़ी थीं, उनके पैरों में बूढ़े जूते थे, और वो बस एक चादर से खुद को ढके हुए थीं। उन्हें देखकर लगा-ये सब अलर्ट्स और रिपोर्ट्स तो बस कागज पर हैं। असली जिंदगी तो वहीं चल रही है जहां लोग बिना किसी सुविधा के बारिश में खड़े हैं।

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    Muneendra Sharma

    जनवरी 20, 2025 AT 08:05

    कोहरे के कारण ट्रेन देरी हो रही है, यह तो बहुत पुरानी बात है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि इसके पीछे एक बड़ी बात है? हमारे शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि नमी और धूल मिलकर एक ऐसा घना कोहरा बन जाता है जो बस एक तापमान की समस्या नहीं, बल्कि एक जैविक विषाक्तता है। अगर हम वास्तव में इससे निपटना चाहते हैं, तो हमें बस अलर्ट नहीं, बल्कि जीवनशैली बदलनी होगी।

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    Anand Itagi

    जनवरी 21, 2025 AT 01:34

    स्कूलों में हाइब्रिड मोड चल रहा है और ये अच्छी बात है। बच्चों को ठंड में बाहर नहीं भेजना चाहिए। लेकिन जब घरों में गर्मी नहीं होती तो ऑनलाइन क्लासेस का क्या फायदा? मेरा भाई एक गांव से है, उसके घर में बिजली भी अनियमित है। इस तरह के निर्णय शहरी लोगों के लिए बनाए जाते हैं, गांव वालों के लिए नहीं।

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    Sumeet M.

    जनवरी 22, 2025 AT 00:45

    ये सब बकवास है!

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