2024 का बजट सत्र: आर्थिक सर्वेक्षण 2024 की समीक्षा
22 जुलाई, 2024 को भारतीय संसद का बजट सत्र शुरू हुआ, और इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने लोकसभा और राज्यसभा में 2024 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। यह सर्वेक्षण न केवल देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है, बल्कि आगामी वित्त वर्ष के लिए नीतियों और प्राथमिकताओं की नींव भी रखता है।
जीडीपी विकास दर और आर्थिक संभावनाएं
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, भारत की वास्तविक जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.5-7% रहने की संभावना है। यह अनुमान विश्व बैंक और अन्य प्रमुख संस्थानों के अनुमानों से सामंजस्य रखता है। सर्वेक्षण में बताया गया है कि आर्थिक सुधार के संकेतक सकारात्मक हैं, परन्तु वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते बाजार की उम्मीदें अधिक हैं।
महंगाई और मुद्रास्फीति
सर्वेक्षण में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा महंगाई दर 4.5% पर रहने की उम्मीद है, जो कि लक्षित 4% से थोड़ी अधिक है। महंगाई के संकेतक लगातार घट-बढ़ रहे हैं, जिससे आम जनता पर भी असर पड़ रहा है। वित्त मंत्री ने संकेत दिया है कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत बदलावों की आवश्यकता हो सकती है।
रोजगार और नौकरी सृजन
आर्थिक सर्वेक्षण ने रोजगार के मुद्दे पर भी व्यापक जानकारी दी है। सर्वेक्षण के मुताबिक, रोजगार सृजन की दिशा में सरकार के प्रयासों को तेज़ी लाने की जरूरत है। स्वरोजगार और छोटी-मोटी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों का सुझाव दिया गया है। सर्वेक्षण ने यह भी बताया कि डिजिटलीकरण और तकनीकी उद्यमों ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं, परंतु इसके लिए आवश्यक कौशल विकास पर जोर दिया गया है।
राजकोषीय घाटा और वित्तीय स्थिरता
सर्वेक्षण ने राजकोषीय घाटे की समस्या पर भी ध्यान केंद्रित किया है। पिछले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.4% रहा, जो सरकार के लक्ष्यों से अधिक था। इसे कम करने के लिए सरकार को उधारी कम करने और व्यय को नियंत्रित करने की सलाह दी गई है। सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने और निजी निवेश आकर्षित करने के उपायों पर जोर दिया गया है।
भविष्य की नीतियां और सुझाव
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 ने उन नीतियों और सुझावों की भी रूपरेखा प्रस्तुत की है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकें। सर्वेक्षण ने सुझाव दिया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकारी निवेश बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और छोटे व्यवसायों के लिए अनुकूल नीतियों की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।
निर्मला सीतारमन का बजट भाषण
निर्मला सीतारमन, जो कि लगातार सातवीं बार बजट पेश कर रही हैं, का भाषण इस बार भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए समग्र रणनीतियाँ प्रस्तुत की हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को तेज़ी से जारी रखा जाएगा।
निष्कर्ष
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो आगामी वित्त वर्ष के बजट के लिए नींव तैयार करता है। इसमें प्रस्तुत आंकड़े और सुझाव सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करने में मदद करते हैं। देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाने के लिए सर्वेक्षण ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन इस पर कैसे अमल करती हैं।
Shailendra Thakur
जुलाई 24, 2024 AT 06:18Sumeet M.
जुलाई 25, 2024 AT 09:47vinoba prinson
जुलाई 26, 2024 AT 12:53Muneendra Sharma
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जुलाई 30, 2024 AT 19:50ASHOK BANJARA
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