यन्निक सिनर ने शंघाई मास्टर्स जीता, नोवाक जोकोविच का 100वां खिताब जीतने का इंतजार बढ़ाया

13 अक्तूबर 2024
यन्निक सिनर ने शंघाई मास्टर्स जीता, नोवाक जोकोविच का 100वां खिताब जीतने का इंतजार बढ़ाया

शंघाई मास्टर्स में यन्निक सिनर की ऐतिहासिक जीत

यन्निक सिनर ने शंघाई मास्टर्स के फाइनल में नोवाक जोकोविच को पराजित करके टेनिस जगत में हलचल मचा दी है। इस मुकाबले में सिनर ने शानदार खेल दिखाते हुए 7-6(4) 6-3 से जीत दर्ज की। सिनर की इस जीत ने उन्हें इतिहास के सबसे कम उम्र के शंघाई मास्टर्स चैंपियन बना दिया है। मात्र 23 वर्ष की आयु में, सिनर ने टेनिस प्रेमियों का दिल जीत लिया और सभी की नजरें अपनी ओर खींच ली।

फाइनल का रोमांचक मुकाबला

फाइनल मैच शंघाई के क्यू झोंग स्टेडियम में खेला गया, जहां दर्शकों की भारी भीड़ थी। मैच का पहला सेट प्रतिस्पर्धा से भरा हुआ था, जिसे आखिरकार सिनर ने टाईब्रेकर में जीत लिया। दूसरे सेट में सिनर ने और भी अधिक आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए जोकोविच की सर्विस तोड़ दी और 3-1 की लीड बना ली। अंततः मैच का समापन एक जोरदार एस के साथ हुआ, और सिनर ने महज एक घंटे 37 मिनट में जीत हासिल कर ली।

सिनर की टेनिस में उल्लेखनीय प्रगति

यह वर्ष यन्निक सिनर के लिए असाधारण रहा है। इस वर्ष सिनर ने सात एटीपी खिताब जीते, जिनमें ऑस्ट्रेलियन ओपन और यू.एस. ओपन शामिल हैं। उन्होंने इस जीत के साथ पहले ही सप्ताह में वर्षांत नंबर एक रैंकिंग सुनिश्चित कर ली थी। यह जीत इस वर्ष सिनर का तीसरा एटीपी मास्टर्स 1000 खिताब है और उनकी कुल चौथी एटीपी मास्टर्स 1000 जीत है। सिनर की इस सफलता ने उन्हें एक महत्वपूर्ण स्थान दिला दिया है और उन्हें आने वाले समय में बड़ी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है।

जोकोविच की तारीफ

दिग्गज खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने सिनर के खेल की खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस दिन सिनर "बहुत अच्छा, बहुत मजबूत, और बहुत तेज" खेला। जोकोविच ने स्वीकार किया कि सिनर का यह साल अद्वितीय रहा है। दर्शकों में टेनिस के महान खिलाड़ी रोजर फेडरर और कार्लोस अलकाराज़ भी मौजूद थे, जिससे जाेकोविच पर एक विशेष प्रकार का दबाव था।

आंकड़ों पर एक नज़र

सिनर की इस जीत के बाद उनकी जोकोविच के खिलाफ हेड-टू-हेड रिकॉर्ड 4-4 से बराबर हो गया। सिनर अब पहले खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने लगातार दो मैचों में जोकोविच के खिलाफ एक भी ब्रेक प्वाइंट का सामना नहीं किया। इस सफलता का श्रेय सिनर ने उन कुछ अवसरों का भरपूर लाभ उठाने को दिया, जो जोकोविच ने उन्हें मिलने दिए। उन्होंने यह भी कहा कि मैदानी खेल के हर क्षण पर भरोसा करना बहुत जरूरी है।

5 टिप्पणि

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    ASHOK BANJARA

    अक्तूबर 15, 2024 AT 02:40

    यन्निक सिनर की ये जीत सिर्फ एक मैच नहीं, एक नए युग की शुरुआत है। जोकोविच के खिलाफ इतनी आत्मविश्वास से खेलना, जबकि उनकी राफेल नाडाल और फेडरर के खिलाफ जीत का दबाव भी था, ये बहुत कम खिलाड़ियों के लिए संभव है। सिनर की गति, उसकी बैकहैंड स्ट्रोक, और मानसिक दृढ़ता - ये सब एक नए राजा के लिए निशानी हैं। अब ये सवाल उठता है कि क्या ये अगले दो साल में ग्रैंड स्लैम की गिनती में जोकोविच को पीछे छोड़ देगा? शायद हाँ।

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    Sahil Kapila

    अक्तूबर 16, 2024 AT 04:39

    अरे भाई ये तो बस एक टूर्नामेंट है जोकोविच का 100वां खिताब अभी टाल दिया गया बस इतना ही अब जब तक वो 100 नहीं करता तब तक ये बातें चलती रहेंगी और लोग यन्निक को भगवान बना देंगे जबकि उसका असली टेस्ट अगले साल विंबलडन में होगा

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    Rajveer Singh

    अक्तूबर 17, 2024 AT 23:12

    हमारे देश के युवा खिलाड़ियों को देखो जो बाहर जाकर भी नहीं जीत पा रहे और यहां एक यूरोपीय लड़का आ गया और जोकोविच को हरा दिया अब ये बातें क्यों कर रहे हो? ये तो भारत की टेनिस नीति की विफलता का प्रमाण है। हमारे बच्चे टेनिस के लिए नहीं बल्कि बैडमिंटन और क्रिकेट के लिए तैयार हो रहे हैं और फिर दुनिया के सामने लालची बन जाते हैं

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    Ankit Meshram

    अक्तूबर 19, 2024 AT 06:04

    सिनर ने जीता। बस।

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    Shaik Rafi

    अक्तूबर 19, 2024 AT 23:58

    अगर हम इस जीत को बस एक खिलाड़ी की जीत के रूप में नहीं देखें तो ये एक नए दृष्टिकोण की ओर इशारा करता है - जहां अनुशासन, विज्ञान और आत्म-विश्वास का मिश्रण ही वास्तविक जीत है। सिनर ने जोकोविच के खिलाफ ब्रेक पॉइंट्स नहीं दिए, बल्कि उन्हें अपने तरीके से खेलने दिया। ये शायद एक नया नियम है: जीतने के लिए दूसरे को हराना नहीं, बल्कि अपने आप को अपने अधिकतम तक ले जाना। ये टेनिस की बात नहीं, जीवन की बात है।

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