कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव एक बार फिर उफान पर है। उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया के साथ जुड़े अंतर कोरियाई सड़क मार्गों को ध्वस्त करने की तैयारी को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न हुआ है। यह चर्चा तब गर्माई जब दक्षिण कोरियाई सेना ने सूचना दी कि उत्तर कोरिया ने उन सड़कों के हिस्सों को ध्वस्त करने की योजना बनाई है जो अब उपयोग में नहीं हैं। यह कदम विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और जटिलता आ सकती है।
हालिया विवाद का आरंभ तब हुआ जब उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया कि दक्षिण कोरिया ड्रोन के जरिए उनके ऊपर प्रोपेगंडा पैम्फलेट गिरा रहा है। इन गतिविधियों ने उत्तर कोरिया में गुस्से की लहर पैदा की। उत्तर कोरिया ने यह भी साफ साफ संकेत दिया कि वह इस मामले को हल्के में नहीं लेगा और यदि ऐसी गतिविधियाँ दोबारा होती हैं तो वो बहुत सख्त जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सेना 'हर प्रकार की जवाबी कार्रवाई' के लिए तैयार है और बिना किसी पूर्व चेतावनी के प्रतिक्रिया देंगे।
इस अंतर्राष्ट्रीय तनाव का प्रभाव न केवल इन दो देशों पर पड़ेगा, बल्कि यह पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति बनाये रखना हमेशा एक चुनौती रहा है, और इस प्रकार की घटनाएं स्थिति को और भी कठिन बना देती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई परिस्थिति स्थिति को और गंभीर बना सकती है। उत्तर कोरिया ने सीमा पर 2018 की सैन्य समझौता की व्याख्या फिर से करने का फैसला किया है, जिसने तनाव को घटाने के प्रयास किए थे।
इन हालातों में, दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच यह नया तनाव न केवल दोनेां देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। ऐसे समय में, शांति और संवाद से बेहतर कोई उपाय नहीं हो सकता।