क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, ये एक ऐसी संस्कृति है जिसका हर दशक में नया मोड़ आता है। आप कभी सोचा है कि आज की बॉलिंग फ्रीक्वेंसी, तेज़ चाल और महिला टीमों की जीतें कैसे बनीं? चलिए, इस बात को समझते हैं और साथ ही देखते हैं कि बीसीसीआई की नई सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट, आईपीएल की धांसू पारी और बॉब सिम्पसन जैसे दिग्गजों ने इस सफर को कैसे आकार दिया।
बीसीसीआई ने 2024‑25 की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट जारी की, जिसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली और बुमराह जैसे खिलाड़ी टॉप पर हैं। इस लिस्ट से साफ़ झलकता है कि भारतीय क्रिकेट अब भी युवा प्रतिभा को जगह दे रहा है – श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की वापसी इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। दूसरी ओर, कुछ नाम लिस्ट से बाहर हुए, जो दिखाता है कि प्रदर्शन अब भी प्राथमिकता है। यह बदलाव युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है और खेल को लगातार ऊँचा ले जाता है।
इतिहास की किताब में बॉब सिम्पसन का नाम हमेशा रहेगा। ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज ने 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ 311 रन की पारी खेली – 13 घंटे की मेह्नत और धैर्य का अद्भुत उदाहरण। बाद में कोचिंग के दौर में उन्होंने भारतीय टीम को 1987 विश्व कप, 1989 एशेज और 1995 में वेस्टइंडीज जीत दिलाने में मदद की। सिम्पसन की कहानी यह सिखाती है कि एक खिलाड़ी का प्रभाव सिर्फ रन या विकेट तक सीमित नहीं, बल्कि महाकाव्यीय रणनीति और टीम गढ़ने में भी होता है।
महिला T20 विश्व कप में इंग्लैंड की सेमीफाइनल की राह बन रही है, जबकि स्कॉटलैंड उनका toughest अद्वितीय प्रतिद्वंद्वी है। यह मुकाबला न सिर्फ टीम की ताकत को दिखाता है, बल्कि दर्शकों को भी महिला क्रिकेट के रोमांच से जोड़ता है। इसी तरह, वेस्टइंडीज की स्टेफनी टेलर ने कप्तानी संभाली और टीम को नई उन्नति की राह पर ले गई। उनके ऑलराउंडर खेल ने भी भारतीय महिला क्रिकेट को नई दिशा दी है।
आईपीएल में भी कहानियां बिंदास बनी हुई हैं। 2025 के मैच में मिशेल स्टार्क ने एक ओवर में 30 रन दिए – यह आँकड़ा अब तक के सबसे महंगे ओवर में से एक है। फिल साल्ट की तेज़ गेंदबाज़ी ने स्टार्क की पारी को उलट दिया और मैच का रुख बदल दिया। वहीं, करुण नायर ने 89* की धमाकेदार पारी से फिर से अपनी वैधता साबित की। ये पनडुब्बी‑जैसे आँकड़े दर्शाते हैं कि आईपीएल सिर्फ शो नहीं, बल्कि एंजेल्स और नवाचार का मंच भी है।
क्रिकेट इतिहास को समझने के लिए हमें इन सभी पहलुओं को जोड़ना जरूरी है। दिग्गजों की सीख, बीसीसीआई का नीति‑परिवर्तन, महिला टीमों की बढ़ती ताकत और आईपीएल की नई पारी – सब मिलकर खेल को रोज़ नया रूप देते हैं। अगली बार जब आप स्टेडियम में या टीवी पर मैच देखें, तो इन बिंदुओं को याद रखें। शायद एक नई पारी या एक अनकही कहानी आपके दिल को छू ले।
सौरव गांगुली, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, का जन्म 8 जुलाई, 1972 को हुआ था। उन्हें 'कोलकाता के राजकुमार' और 'ऑफसाइड के भगवान' के नाम से भी जाना जाता है। गांगुली ने 1996 में लॉर्ड्स में अपने शानदार डेब्यू से क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और कई यादगार जीत दर्ज की। क्रिकेट से संन्यास के बाद, गांगुली ने क्रिकेट प्रशासन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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