गुरु नानक जयंती सिख धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। हर साल कार्तिक महीने के पूर्णिमा को इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। अगर आप पहली बार इस त्योहारी माहौल में कदम रख रहे हैं या बस कुछ नया सीखना चाहते हैं, तो यह पढ़िए – सब कुछ सरल और स्पष्ट तरीके से बताया गया है।
गुरु नानक देव जी 1469 में सिलसिल में जन्मे थे। उन्हें सिख धर्म के पहले गुरु के रूप में माना जाता है। उनका पहला उपदेश ‘एक ओंकार’ यानी ईश्वर एक है, इस पर आधारित है। जयंती का असली मकसद उस संदेश को याद करना और लोगों में भाईचारे की भावना जगाना है। भारत के कई शहरों में इस दिन भाषण, कीर्तन और सामुदायिक लंच जैसे कार्यक्रम होते हैं।
जयंती के दिन लोग गुरुद्वारों में पंडाल लगाते हैं, भजन गाते हैं और पवित्र ग्रंथ ‘गुरु ग्रन्थ साहिब’ का पाठ करते हैं। इस दौरान ‘कोशर’ (भजन) और ‘केरन’ (भोजन) बहुत खास होते हैं – ये सब एकजुटता का प्रतीक है।
हर प्रदेश में कुछ प्रमुख स्थल हैं जहाँ जयंती का तेज़ जश्न रहता है। अमरावती (हरिमंदिर साहिब) में बड़े पैमाने पर जलाब जलाया जाता है। इस जलाब में नदी के पानी को लेकर किले के अंदर लाया जाता है और फिर सभी को पवित्र जल बांटा जाता है। इसी तरह नानक पंथ के प्रमुख गुरूद्वारों में ‘परिक्रमा’ यानी घुड़सवारी की परेड होती है।
अगर आप दिल्ली में हैं तो सरदार दरबार साहिब के पास होना मत भूलिए। यहाँ की ‘नैनक व्रत’ हर साल बहुत धूमधाम से मनायी जाती है – पूरा इलाके रोशनी और बैनर से सजे होते हैं।
वित्तर् और खंडेलवाल में भी स्थानीय लोग बड़ी उत्साह से इस दिन को मनाते हैं। यहाँ के लोग अपने घर में भी ‘शर्मा लंदन’ (भोजन) तैयार करते हैं और पड़ोसियों को आमंत्रित करते हैं। कई बार स्थानीय मीडिया भी इन कार्यक्रमों को कवरेज करता है, जिससे जागरूकता बढ़ती है।
किसी भी जिले में जयंती मनाने का सबसे आसान तरीका है: नजदीकी गुरुद्वारा ढूँढें, टाइम टेबल देखें और अपनी पसंद के अनुसार भाग लें। कई गुरुद्वारों में स्वयंसेवकों को मदद करने का मौका भी मिलता है – जिससे आपको सिख धर्म की सामाजिक भावना भी समझ में आती है।
आजकल सोशल मीडिया पर भी जयंती के वीडियो, गाने और लाइवस्ट्रीम काफी लोकप्रिय हैं। यदि आप घर से नहीं जा सकते, तो ऑनलाइन गावे, भाषण या ‘हाथीजाल’ देख सकते हैं। इस तरह आप दूर से ही इस पवित्र दिन को महसूस कर सकते हैं।
आखिर में एक छोटा टिप: यदि आप पहली बार जयंती के लिए बाहर जा रहे हैं, तो हल्का कपड़े पहनें, ढीला पैजामा या सलीके ढंग का सड़कों पर चलना आरामदायक रहेगा। साथ ही, कोई भी सार्वजनिक स्थान पर खड़े हुए इसे महत्त्वपूर्ण बनायें, ताकि आप भी इस उत्सव का हिस्सा बन सकें।
तो इस गुरु नानक जयंती को आप नहीं केवल धार्मिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी समझें। अपने परिवार और दोस्तों को साथ लेकर इस दिन को खास बनाइए और सिख धर्म के योगदान को याद रखिए।
गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर, इस लेख में उनके जीवन, शिक्षाओं और अवदानों का विस्तृत वर्णन है। उन्होंने समानता, सेवा, और ईश्वर के प्रति भक्ति का संदेश दिया। गुरु नानक जयंती को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो 2024 में 15 नवंबर को आ रहा है। यह लेख एक लाख संदेश, शुभकामनाएँ और चित्र प्रस्तुत करता है जिन्हें इस विशेष पर्व पर साझा किया जा सकता है।
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