गुरु ग्रंथ साहिब: सिख धर्म का पवित्र शास्त्र

गुरु ग्रंथ साहिब, जिसे अक्सर सिर्फ साहिब कहा जाता है, सिख धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक ग्रन्थ है। यह केवल पवित्र पुस्तक नहीं, बल्कि सिखों की जीवनशैली, नैतिक मूल्य और सामाजिक सद्भाव का बिंब है। हर सिख का मानना है कि यह ग्रन्थ ही उनकी आध्यात्मिक दिशा देता है और उनका मार्गदर्शक बनता है।

गुरु ग्रंथ साहिब के मुख्य भाग और इतिहास

साहिब में कुल 1430 श्लोक (श्लोक) हैं, जिन्हें विभिन्न बाणियों में विभाजित किया गया है। पहला भाग गुरु नानक जी द्वारा लिखा गया ‘जापज्यता’ है, उसके बाद गुरु अंगद, गुरु अमर दास और कई अन्य गुरुओं की रचनाएँ आती हैं। अंत में गुरु ग्रंथ साहिब का अंतिम भाग ‘जाप जी शहद’ है, जो गुरु गोबिंद सिंह जी ने लिखा। ये सब मिलकर एक ही आवाज़ में एकजुट होते हैं—ईश्वरीय ज्ञान का संकलन।

इस ग्रन्थ का इतिहास 1604 में शुरू हुआ, जब गुरु अर्जन देव जी ने पहली बार इसे लिखवाया। बाद में गुरु गोबिंद सिंह जी ने इसे पूरी तरह से संकलित किया और इसे ‘साहिब’ कहा, जिससे यह सभी सिखों के लिए समान रूप से उपलब्ध हो गया। हर साल गुरुवार को ‘गुरु ग्रंथ प्रतिष्ठा’ के दौरान इस ग्रन्थ को अग्नि से बचाते हुए पंक्तियों में घुमाया जाता है, जिससे इसका सम्मान और भी बढ़ जाता है।

आधुनिक समय में गुरु ग्रंथ साहिब कैसे पढ़ें और समझें

आजकल डिजिटल युग में आप गुरु ग्रंथ साहिब को ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं। कई वेबसाइटें और मोबाइल ऐप्स गीता के मूल श्लोक, उनके अनुवाद और टिका (व्याख्या) प्रदान करती हैं। अगर आप पहली बार पढ़ रहे हैं, तो सरल अनुवाद से शुरू करें और धीरे‑धीरे मूल पंजाबी में पढ़ें। रोज़ाना कुछ पंक्तियों को पढ़ना ही नहीं, बल्कि उनका अर्थ समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

समझ को गहरा करने के लिए आप गीता के साथ साथ ‘विवेचन’ (टिका) पढ़ सकते हैं। टिका में शब्दों के अर्थ, उनके सांस्कृतिक संदर्भ और धार्मिक पहलुओं की व्याख्या होती है। कई गुरुद्वारों में नियमित ‘अध्ययन वर्ग’ होते हैं, जहाँ अनुभवी पंडित गीता के हर श्लोक को समझाते हैं और सवाल‑जवाब का सत्र चलाते हैं। यह सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि आप सीधे पूछ सकते हैं और संदेह दूर कर सकते हैं।

पढ़ते समय शांति का माहौल बना रखें। कोई शांत कमरा या गुरुद्वार में बैठना, एक जल दीपक या धूप का प्रकाश और हल्का संगीत (जैसे ‘किरत’) आपके मन को केंद्रित रखने में मदद करता है। गीता को पढ़ते समय अपनी सांस पर ध्यान रखें और शब्दों को आत्म में बसने दें। जिससे पढ़ाई का अनुभव आध्यात्मिक बन जाता है, न कि सिर्फ़ एक अध्ययन सत्र।

अगर आप गुरुवार को ‘सुरक्षा शिविर’ में भाग लेना चाहते हैं, तो स्थानीय गुरुद्वारा से संपर्क करें। कई गुरुद्वारे ऑनलाइन लाइव प्रसारण भी करते हैं, जिससे आपको घर बैठे ही सामूहिक पाठ का लाभ मिल सकता है। याद रखें, गुरु ग्रंथ साहिब केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में लागू करने के लिए है। इसका संदेश दूसरों के साथ प्रेम, समानता और इमानदारी को बढ़ावा देना है।

संक्षेप में, गुरु ग्रंथ साहिब न सिर्फ़ एक धर्मग्रन्थ है, बल्कि सिखों की पहचान और उनके दैनिक जीवन का मार्गदर्शक है। इतिहास, साहित्य और आध्यात्मिक मूल्य से भरपूर यह ग्रन्थ आज भी लोगों को प्रेरित करता है। आप चाहे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से पढ़ें या पवित्र पुस्तक हाथ में लेकर, हर शब्द को समझने की कोशिश करें। यही सच्ची सराहना है।

गुरु नानक जयंती 2024: गुरु नानक देव जी के उपदेशों से प्रेरित शुभकामनाएँ, कोट्स और संदेश

16 नवंबर 2024

गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर, इस लेख में उनके जीवन, शिक्षाओं और अवदानों का विस्तृत वर्णन है। उन्होंने समानता, सेवा, और ईश्वर के प्रति भक्ति का संदेश दिया। गुरु नानक जयंती को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो 2024 में 15 नवंबर को आ रहा है। यह लेख एक लाख संदेश, शुभकामनाएँ और चित्र प्रस्तुत करता है जिन्हें इस विशेष पर्व पर साझा किया जा सकता है।

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