गिग इकोनॉमी आज के भारत में एक बड़ा ट्रेंड बन गया है। आप अगर कॉलेज में हो, नौकरी ढूँढ रहे हो, या सिर्फ़ अतिरिक्त आय चाहिए, तो ये विकल्प आपके लिए सही हो सकता है। बुनियादी तौर पर गिग इकोनॉमी का मतलब है छोटी‑छोटी अस्थायी नौकरियां, जो अक्सर ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म या ऐप के ज़रिए मिलती हैं।
सबसे प्रसिद्ध गिग जॉब्स में राइड‑शेयर ड्राइविंग, फ़ूड डिलीवरी, फ़्रीलांस लेखन, ग्राफ़िक डिज़ाइन, डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एंट्री और छोटे‑छोटे टास्क जैसे ऐप टेस्टिंग या ट्रांसक्रिप्शन शामिल हैं। इन कामों की फीस प्रति घंटा या प्रति प्रोजेक्ट तय होती है, और आपको अपना समय खुद चुनने की स्वतंत्रता मिलती है।
उदाहरण के तौर पर, ज़ोमेटो या उबर जैसी राइड‑शेयर ऐप्स में आप गाड़ी चलाकर अपनी पसंद के समय कमाई कर सकते हैं। स्विगी, ज़ोमैटो या बॉक्स़24 जैसी प्लेटफ़ॉर्म पर फ़ूड डिलीवरी करना भी एक तेज़ गिग काम है, जहाँ आप खुद तय कर सकते हैं कि कब शिफ्ट लेनी है। लेखकों और डिजाइनर्स के लिए अपवर्क, फ़्रीलांसर या कॉन्सी को कहा जाता है, जहाँ आप प्रोजेक्ट बेस पर काम पा सकते हैं।
सबसे पहले, अपने स्किल्स या रुचियों को पहचानिए। अगर आप लिखने में अच्छे हैं तो कंटेंट राइटिंग चुनें, अगर आपके पास स्मार्टफ़ोन और समय है तो राइड‑शेयर या डिलीवरी आज़माएँ। दूसरा कदम है भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्म पर साइन‑अप करना। कई ऐप्स में बेसिक वैरिफ़िकेशन (फ़ोन, ई‑मेल, फोटो) की ज़रूरत होती है, इसलिए आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें।
तीसरा, प्रोफ़ाइल को पूरी तरह भरें। आपका फोटो, अनुभव और रेटिंग पहले क्लाइंट को आकर्षित करेगी। चौथा, छोटे‑छोटे काम लेकर शुरू करें और धीरे‑धीरे बड़े प्रोजेक्ट की ओर बढ़ें। पहला कमाई अक्सर कम होती है, लेकिन जैसे‑जैसे आपका रेटिंग बढ़ेगा, वही रेट भी बढ़ेगा।
ध्यान रखें, गिग इकोनॉमी में जोखिम भी होते हैं। कोई स्थायी सैलरी नहीं, कभी‑कभी काम का ध्येय बदल सकता है, और टैक्स की जिम्मेदारी खुद को ही संभालनी पड़ती है। इसलिए हमेशा अपनी आय का रिकॉर्ड रखें और साल के अंत में टैक्स फ़ाइलिंग के लिए तैयार रहें।
अगर आप शुरू करते समय सही प्लेटफ़ॉर्म चुनते हैं और समय प्रबंधन में समझदारी दिखाते हैं, तो गिग इकोनॉमी से स्थिर अतिरिक्त आय बन सकती है। यह सिर्फ़ पैसे कमाने का तरीका नहीं, बल्कि नए स्किल्स सीखने और नेटवर्क बनाने का भी बड़ा ज़रिया है।
तो देर किस बात की? अपने मोबाइल या लैपटॉप को खोलिए, एक भरोसेमंद गिग ऐप डाउनलोड कीजिए और आज़माइए। छोटा‑छोटा काम करने से शुरू करें, और धीरे‑धीरे अपना फ्रीलांस कैरियर बनाइए।
ओला इलेक्ट्रिक ने गिग इकोनॉमी को ध्यान में रखते हुए बजट-फ्रेंडली ई-स्कूटर की नई लाइन पेश की है, जिसमें ओला गिग और गिग+ की खास विशेषताएं शामिल हैं। यह स्कूटर कर्मचारियों को शॉर्ट ट्रिप्स के लिए डिजाइन किया गया है और इसकी कीमत क्रमशः Rs 39,999 और Rs 49,999 है। कंपनी का उद्देश्य हैवी लोड झेलने वाले और लंबी दूरी तय करने वालों के लिए भी सुविधा प्रदान करना है। ओला पावरपॉड का इस्तेमाल घर की इन्वर्टर के रूप में भी किया जा सकता है।
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