घुटने की चोट – कारण, लक्षण और तुरंत राहत के टिप्स

क्या आप अक्सर घुटने में दर्द या सूजन महसूस करते हैं? अक्सर ऐसा तब होता है जब घुटना चोटिल हो जाता है। चाहे खेल के दौरान मोच लग जाए या रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी गिरावट से असहज हो, सही जानकारी और त्वरित उपचार से दर्द को काफी घटाया जा सकता है। इस लेख में हम घुटने की चोट के आम कारण, लक्षण और घर पर कर‑सकने वाले आसान उपायों के बारे में बात करेंगे।

घुटने की चोट के प्रमुख कारण

घुटने का जो बड़ा जोड़ है, वह कई तरह की हलचल को सहन करता है. इसलिए चोट लगना आम बात है। नीचे सबसे ज़्यादा देखी‑जाने वाली वजहें दी गई हैं:

  • अचानक मोड़ या घूमना: फुटबॉल, बास्केटबॉल या खड़े‑बैठे खेलों में तेज़ दिशा‑बदलाव घुटने की लिगामेंट को खींच सकता है।
  • ऊँची छलांग और लैंडिंग: दाव से ज़मीन पर गिरने से पेटी या पैनकी चोट लग सकती है।
  • वजन घटाने वाले व्यायाम में गलत फॉर्म: स्क्वाट या लंजिंग गलत ढंग से करने से घुटना ओवरलोड हो जाता है।
  • पुरानी जॉइंट पैन: उम्र बढ़ने या आर्थराइटिस के कारण घुटना पहले से कमजोर हो सकता है, जिससे छोटी‑सी चोट भी बड़ी समस्या बनती है।
  • सपोर्ट का अभाव: सही जूते न पहनना या एर्गोनोमिक सपोर्ट न मिलना अक्सर चोट का कारण बनता है।

इन कारणों को समझकर आप अपनी रोज़मर्रा की आदतों में छोटे‑छोटे बदलाव कर सकते हैं, जिससे चोट लगने की संभावना काफी कम हो जाएगी।

घुटने की चोट से राहत पाने के आसान उपाय

एक बार चोट लगने के बाद तुरंत क्या करें? यहाँ कुछ सरल, घर पर लागू होने वाले स्टेप‑बाय‑स्टेप उपाय हैं:

  1. आराम (Rest): दर्द बढ़े तो तुरंत गतिविधि बंद कर दें। घुटने को ज़्यादा न चलाएँ, ताकि लिगामेंट या टेंडन को समय मिल सके ठीक होने का।
  2. बर्फ़ लगाएँ (Ice): 15‑20 मिनट के लिए बर्फ़ पैक या फ्रीज़र में रखी थैली रखें। यह सूजन को कम करता है और दर्द को शांत करता है।
  3. कम्प्रेशन (Compression): लाइट़ एलीस्टिक बैंडेज से घुटने को लपेटें। यह स्थिरता देता है और रक्त के रास्ते को नियंत्रित करता है।
  4. ऊँचा रखें (Elevation): बीजिंग में बिस्तर पर या कुर्सी पर पैर को दिल की स्तर से ऊपर रखें। इससे रक्त जमा नहीं होगा।
  5. हल्के स्ट्रेच और व्यायाम: दर्द कम होने के बाद, फ़िज़ियोथैरेपी या डॉक्टर की सलाह से हल्के स्ट्रेच जैसे कोरॉफ़्ड हामस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स स्ट्रेच करें। इससे माँसपेशियों की लचीलापन बढ़ेगा।
  6. दर्द निवारक दवाएँ: यदि दर्द तेज़ है तो पैरासिटामोल या इबुप्रोफ़ेन 400‑600 mg ले सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

इन बेसिक कदमों से अधिकांश मामूली घुटने की चोटें ठीक हो जाती हैं। लेकिन अगर दर्द दो‑तीन दिन में घट नहीं रहा, या सूजन बढ़ रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।

अंत में, घुटना स्वस्थ रखने के लिए कुछ दैनिक आदतें अपनाएँ: नियमित स्ट्रेच, सही जूते, वजन नियंत्रण और तेज़ी से उठने‑बैठने से बचें। यह न केवल चोट को रोकता है, बल्कि आपके पूरे शरीर की फिटनेस में भी मदद करता है।

तो अगली बार जब घुटने में दर्द महसूस हो, इन आसान टिप्स को फॉलो करें और दर्द को जल्दी से दूर करें। स्वस्थ घुटने, सक्रिय जीवन का राज़ है!

कैरोलिना मारिन घुटने की चोट के कारण पेरिस ओलंपिक बैडमिंटन सेमीफाइनल से बाहर

4 अगस्त 2024

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