घरेलू हिंसा सिर्फ शारीरिक चोट नहीं, बल्कि शब्दों, आर्थिक दबाव और मानसिक दबाव भी हो सकते हैं। बहुत से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, अक्सर इसलिए कि उन्हें नहीं पता कि यह अपराध है या मदद के लिए कौनसे उपाय हैं। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस समस्या से जूझ रहा है, तो सही जानकारी और कदम बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
घरेलू हिंसा कई रूप लेती है। शारीरिक हिंसा में मारपीट या धक्का शामिल है। मौखिक हिंसा में गाली‑गलौज, ताने‑माने या अपमानजनक बातें शामिल होती हैं। आर्थिक हिंसा के तहत पैसे को रोकना, नौकरी से निकालना या बैंक अकाउंट बंद कर देना आता है। मानसिक या भावनात्मक हिंसा में डराना, सीमित करना, या लगातार आलोचना करना शामिल है। इन सबको पहचानना पहला कदम है, क्योंकि अक्सर लोग सिर्फ एक‑दूसरे से ‘ज्यादा नहीं’ समझ कर नजरअंदाज़ कर देते हैं।
अगर आपको या आपके परिचित को घरेलून हिंसा से परेशानी है, तो तुरंत मदद लें। सबसे पहले फौरन 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचित करें। भारत में महिलाओं के लिए महिलाओं हेल्पलाइन 181 भी उपलब्ध है, जहाँ से आप भरोसेमंद सलाह और सहायता पा सकते हैं। कई NGOs और सिविल सोसाइटीज भी शेल्टर, काउंसलिंग और कानूनी मदद देती हैं।
कानून के हिसाब से, घरेलून हिंसा एख्टर (डीवीए) 2005 ने पीड़ित को सुरक्षा आदेश देने की शक्ति है। इसका मतलब है कि अदालत आपका घर से बचाव कर सकती है और अपराधी को घर से बाहर निकाल सकती है। साथ ही, पीड़ित को आर्थिक सहायता, बाल संरक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार भी मिलता है।
साथ ही, अपने अधिकारों को जानना जरूरी है। हर महिला को अपने जीवन, स्वास्थ्य और स्वतंत्रता का अधिकार है। अगर आपका कोई रिश्तेदार लगातार आपको मारता‑पीटता या मानसिक रूप से दबाव डालता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि यह ‘परिवारिक बात’ है। यह एक अपराध है और इसके खिलाफ आप कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
किसी भी स्थिति में, खुद को सुरक्षित रखने के लिए एक प्लान बनाएं। निकटतम शेल्टर या दोस्त के घर का पता रखें, आपातकालीन नंबरों की लिस्ट बनाएं और अपने फोन में फास्ट‑डायल सेट कर रखें। अगर आप घर से बाहर नहीं जा पा रहे, तो पुलिस के पास रजिस्टर्ड डिस्ट्रेस कॉल का उपयोग कर सकते हैं।
कई बार पीड़ित के आसपास के लोग भी मदद कर सकते हैं। अगर आपका परिवार या दोस्त घरेलून हिंसा देख रहा है, तो उन्हें बिना टोकटोक के समर्थन दें। कभी‑कभी एक छोटा शब्द भरोसा दिला सकता है और मदद का पहला कदम बन सकता है।
याद रखें, आप अकेले नहीं हैं। सरकार, NGOs और कई सामाजिक मंच इस समस्या को हल करने में जुटे हैं। मदद लेने में झिझक न रखें, क्योंकि आपकी सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सही कदम उठाने से ही आप या आपका कोई जानने वाला फिर से सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सकेगा।
उगांडा की ओलंपियन रेबेका चेप्टेगी का निधन हो गया है, उन्हें उनके पूर्व प्रेमी ने लड़ाई के दौरान आग के हवाले कर दिया था। चार दिनों तक जली अवस्था में रहने के बाद नैरोबी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना ने घरेलू हिंसा के खिलाफ गहरी चिंता और नाराजगी को जन्म दिया है। रेबेका का खेल जगत और उनके देश के लिए यह बड़ी क्षति है।
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