आत्महत्या अचानक नहीं आती, अक्सर यह कई छोटे‑छोटे संकेतों से शुरू होती है। अगर आप या आपका कोई करीबी इन लक्षणों को देखता है, तो जल्दी कदम उठाना जरूरी है। बात को खुलकर करना, सुनना और समझना सबसे आसान मदद हो सकती है।
1. लगातार उदास या निराश महसूस करना, जो रोज़ के काम में बाधा बनता है।
2. नींद में भारी परिवर्तन – बहुत ज्यादा सोना या पूरी रात जागना।
3. चीज़ों में रूचि खो देना, जैसे पहले पसंदीदा शौक अब आकर्षित न करना।
4. अचानक बातों में लापरवाह होना या खुद को दाग‑धक्का महसूस करना।
5. पैसे या व्यक्तिगत सामान अचानक हटाना, या फांसी, गोली आदि के बारे में बात करना।
इन संकेतों को नजरअंदाज़ न करें, क्योंकि अक्सर ये संकेत मदद के लिए हाथ बँटाते हैं। अगर दो या अधिक संकेत लगातार दिखें, तो तुरंत मदद लेनी चाहिए।
पहला कदम है बिना जजमेंट के सुनना। व्यक्ति को यह महसूस कराएँ कि आप उसकी बात को गंभीरता से ले रहे हैं। "मैं तुम्हारी मदद करना चाहता/चाहती हूँ" जैसा सरल वाक्य बहुत बड़ा फर्क डालता है।
दूसरा, पेशेवर मदद की सलाह दें। भारत में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन 1800‑599-0019 (मन) और टोल‑फ्री 9152987821 (सहारा) 24×7 उपलब्ध हैं। इन नंबरों को तुरंत कॉल करें या निकटतम मानसिक स्वास्थ्य केंद्र से मिलें।
तीसरा, किसी भरोसेमंद व्यक्ति को शामिल करें – दोस्त, परिवार या मनोवैज्ञानिक। अकेले नहीं, दो‑तीन लोग मिलकर समर्थन देना अधिक प्रभावी रहता है।
यदि स्थिति तत्काल खतरनाक है, जैसे कि आत्मघाती हथियार या दवाओं की उपलब्धता, तो तुरंत पुलिस (100) या एम्बुलेंस (102) को बुलाएँ। सुरक्षा पहले आती है।
साथ ही, खुद की देखभाल भी न भूलें। ऐसी स्थिति में मदद करने वाले लोग अक्सर थके या तनाव में आ जाते हैं। अपने लिए भी समय निकालें, परिवार या काउंसलर से बात करें।
आत्महत्या रोकथाम में छोटे‑छोटे कदम बड़े बदलाव लाते हैं। याद रखें, आपका एक शब्द, एक सीधी बात, या एक फोन कॉल किसी की जिंदगी बचा सकता है। अगर आपको किसी की मदद चाहिए, तो देर न करें – अभी कॉल करें और समर्थन प्राप्त करें।
कन्नड़ फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध निर्देशक गुरु प्रसाद की दुखद मृत्यु की खबर से यह उद्योग स्तब्ध है। उनकी मृत्यु को आत्महत्या के रूप में संदेह किया जा रहा है, और वर्तमान में जाँच चल रही है जिससे घटना के सही कारणों का पता लगाने की कोशिश जारी है। उनके निधन ने उनके प्रशंसकों के बीच शोक और समर्पण की भावना को जगाया है।
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