जब 5paisa ने 30 सितंबर 2025 को सिल्वर कीमतें ₹151‑₹151,000 प्रति किलोग्राम घोषित कीं, तो बाजार में हलचल मच गई। उसी दिन BankBazaar ने दिल्ली में कीमतें ₹161/ग्राम बताईं, जो पिछले दिन के ₹160 से एक रुपये ऊपर थी। Moneycontrol ने 10 ग्राम के लिए ₹1,610 की दर दिखाayi, जबकि Financial Express ने 999 पीयुरिटी सिल्वर के लिए ₹127.06‑₹129.81/ग्राम की रेंज दी। सिल्वर कीमतें इस हफ्ते लगातार बढ़ रही हैं, और यह प्रवृत्ति निवेशकों के लिए एक बड़ा संकेत बन गई है।
विकास की कहानी कुछ इस तरह है: 26 सितंबर को 5paisa ने ₹143/ग्राम रिपोर्ट किया, 27‑28 सितंबर को यह स्थिर रहकर ₹149‑₹150 तक पहुँचा, और 29‑30 सितंबर को लगातार दो दिन ऊपर की ओर गया। इस दौरान देशभर में कीमतें न्यूनतम ₹135/ग्राम से ऊपर रही, जो पिछले सप्ताह के औसत से लगभग 5 % अधिक है।
दिल्ली और मुंबई में दरों में अंतर स्पष्ट था। दिल्ली ने 10 ग्राम के लिए ₹1,268.50 का स्तर दिखाया, जबकि मुंबई पर वही वजन ₹1,270.60 पर था – लगभग दो रुपये का अंतर। यह अंतर मुख्यतः स्थानीय डीलरों की इन्वेंट्री और शिपिंग लागतों पर निर्भर करता है।
वित्तीय विश्लेषक राजेश खत्री, वित्तीय विश्लेषक ने बताया, “वैश्विक मार्केट में सिल्वर की कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं, खासकर जब संयुक्त राज्य में मुद्रास्फीति के संकेत मजबूत होते हैं। भारत के घरेलू बाजार में डिमांड‑सप्लाई गैप भी इस बढ़ोतरी को समर्थन देता है।” उन्होंने यह भी कहा कि सिक्का या बार के रूप में निवेश ऊपर‑नीचे होने वाले ज्वेलरी कीमतों से कम जोखिम वाला विकल्प है।
एक और कारण है फिजिकल गोल्ड और सिल्वर के बीच वैकल्पिक निवेश के रूप में सिल्वर को देखना। फाइनेंसिंग एजेंसियों के अनुसार, 2024‑25 में सिल्वर की औसत मांग 12 % बढ़ी, जबकि उत्पादन में 5 % की गिरावट आई। इससे कीमतों में प्राकृतिक “संकट” का असर स्पष्ट हुआ।
यदि आप इस रुझान को देखते हैं, तो आपके पास तीन विकल्प हैं:
ध्यान रखें, सिल्वर बार या सिक्के अक्सर ज्वेलरी की तुलना में अधिक स्थिर रिटर्न देते हैं, क्योंकि उनका पुनर्विक्रय मूल्य शुद्धता पर निर्भर करता है, न कि डिज़ाइन या फैशन पर।
विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर वैश्विक रुपा‑वित्तीय नीतियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया, तो सिल्वर कीमतें अगले दो‑तीन महीनों में 5‑7 % तक और बढ़ सकती हैं। हालांकि, छोटे‑छोटे झटके, जैसे कि यूएस फ़ेड का अचानक दर वृद्धि, तुरंत कीमतों में गिरावट ला सकते हैं। इसलिए निवेशकों को “रिस्क मैनेजमेंट” के साथ ही “लंबी अवधि” की रणनीति अपनानी चाहिए।
सिल्वर एक हेजिंग एसेट है जो महंगाई से बचाव करता है, और बार या सिक्के की शुद्धता के कारण पुनर्विक्रय पर तेज़ रिटर्न देता है। ज्वेलरी की तुलना में इसे सुरक्षित स्टोरेज में रखना आसान है।
हाँ, 30 सितंबर को दिल्ली में ₹161/ग्राम की दर राष्ट्रीय औसत ₹151/ग्राम से लगभग 6 % ज्यादा थी। यह regional demand‑supply mismatch और ट्रांसपोर्ट लागतों के कारण हुआ।
वैश्विक बाजार में मुद्रास्फीति, यूएस डॉलर की ताकत, खनन लागत, और भारत में आयात‑निर्यात नीति प्रमुख कारक हैं। साथ ही, घरेलू निवेशकों की खरीदारी की प्रवृत्ति भी कीमतों को ढालती है।
बैंक उच्च शुद्धता प्रमाणपत्र और बीमा प्रदान करता है, पर दरें ज्यादा हो सकती हैं। ऑनलाइन एजेंट तेज़ डिलीवरी देते हैं, लेकिन भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्म चुनना ज़रूरी है; पक्षों के रेटिंग और ग्राहक प्रतिक्रिया देखनी चाहिए।
यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर्स की स्थिरता बनी रहती है और भारत में आयात शुल्क में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं होती, तो कीमतें 5‑7 % तक और बढ़ सकती हैं। अचानक नीति बदलाव या आर्थिक शॉक कीमतों को उलट भी सकते हैं।
deepika balodi
सितंबर 30, 2025 AT 19:58दिल्ली में कोटिया सुबह 30 सितंबर को ₹161/ग्राम पर तय हुई, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।