SEBI के साप्ताहिक ऑप्शन्स पर प्रतिबंध का प्रभाव: विशेषज्ञ राजेश बाहेती का विश्लेषण

31 जुलाई 2024
SEBI के साप्ताहिक ऑप्शन्स पर प्रतिबंध का प्रभाव: विशेषज्ञ राजेश बाहेती का विश्लेषण

SEBI के नए नियम और उनकी संभावित प्रभाव

बहुत सारे निवेशकों और एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा का विषय इन दिनों SEBI के नए डेरिवेटिव्स नियम हैं, जिसमें साप्ताहिक ऑप्शन्स अनुबंध मात्र एक बेंचमार्क इंडेक्स तक सीमित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। Crosseas Capital के विशेषज्ञ राजेश बाहेती ने इस प्रस्ताव का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया है और उसके संभावित प्रभावों पर प्रकाश डाला है।

बाजार की मात्रा पर प्रभाव

राजेश बाहेती ने संकेत दिया कि SEBI का यह कदम बाजार की मात्रा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। वर्तमान में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) चार साप्ताहिक ऑप्शन्स अनुबंध प्रदान करता है, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दो अनुबंध प्रदान करता है। यह नई प्रस्तावित सीमा NSE और BSE दोनों के व्यापारिक वॉल्यूम को प्रभावित कर सकती है, जिससे निवेशकों की गतिविधियों में कमी आ सकती है।

परिवर्तन की आवश्यकता और समाधान

बाहेती ने प्रस्तावित किया कि SEBI को contracts की संख्या लिमिट करने के बजाय, सभी साप्ताहिक अनुबंधों के लिए एक सप्ताह में एक ही expiry day निर्धारित करना चाहिए। इससे निवेशक अलग-अलग expiry days पर एक ही पूंजी का प्रयोग करके विभिन्न अनुबंधों में छलांग लगाने से बच सकेंगे, जिससे जोखिम कम होगा और liquidity बनाए रखने में सहायता मिलेगी।

NSE की स्थिति

राजेश बाहेती का मानना है कि यह नई विनियमों से NSE, जिसने सबसे सफल F&O अनुबंध पेश किए हैं, को असमानुपातिक रूप से प्रभावित करेगा। उन्होंने अनुमान लगाया कि SEBI के नए नियमों से NSE का व्यवसाय 60-70% तक प्रभावित हो सकता है।

संपूर्ण बाजार पर प्रभाव

बाहेती ने यह भी उल्लेख किया कि IIFL के विश्लेषकों के अनुसार, इन विनियमों से समग्र बाजार वॉल्यूम्स 30-40% तक प्रभावित हो सकते हैं। यह निष्कर्ष संभावित है कि नए नियमों के कारण बाजार की गतिशीलता धीमी हो सकती है और निवेशकों का रुझान प्रभावित हो सकता है।

इंटरव्यू की मुख्य बातें

राजेश बाहेती का विस्तृत इंटरव्यू इस निर्धारित करता है कि SEBI के इस प्रस्ताव का उद्देश्य क्या हो सकता है और यह कैसे मौजूदा निवेश परिवेश को प्रभावित करेगा। बाहेती का तर्क है कि SEBI द्वारा इस तरह का कदम उठाने के पीछे हो सकता है कि बाजार में स्थिरता लाने और बेवजह के जोखिम को कम करने का प्रयास हो।

फिर भी, बाहेती ने यह स्पष्ट किया कि यदि SEBI ने सभी पक्षों की प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया तो यह नई विनियमों का प्रभाव कम हो सकता है।

आगे की दिशा

राजेश बाहेती की राय में, SEBI के इस कदम के बाद, यह आवश्यक हो जाता है कि निवेशक और व्यापारी नई परिस्थितियों के अनुरूप अपनी रणनीतियों को समायोजित करें। SEBI की ओर से किसी भी अंतिम निर्णय लेने से पहले बाजार के सभी प्रमुख सहभागियों का दृष्टिकोण लेना महत्वपूर्ण होगा।

उनका सुझाव है कि यदि सही तरीके से नियम बनाए जाते हैं और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है, तो यह बाजार की स्थिरता में सुधार ला सकता है।

9 टिप्पणि

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    Nirmal Kumar

    अगस्त 2, 2024 AT 03:03

    SEBI का ये कदम असल में बाजार की गतिशीलता को कम करने जा रहा है। हम जो चाहते हैं, वो है नियमों का बोझ नहीं, बल्कि समझदारी से बनाए गए फ्रेमवर्क। साप्ताहिक ऑप्शन्स को हटाने के बजाय, उनकी liquidity को बढ़ाने के तरीके ढूंढे जाएं।

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    Sharmila Majumdar

    अगस्त 2, 2024 AT 15:48

    ये सब बकवास है। SEBI को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए, न कि बाजार के निवेशकों को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर लोग जोखिम लेना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करने दो।

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    amrit arora

    अगस्त 3, 2024 AT 05:59

    इस प्रस्ताव के पीछे जो दर्शन है, वो बहुत गहरा है। हम एक ऐसे बाजार की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ व्यापार की जटिलता कम होकर स्थिरता बढ़े। लेकिन सवाल ये है कि क्या हम इस स्थिरता के लिए गतिशीलता की कीमत चुकाने को तैयार हैं? एक व्यापारी के लिए ऑप्शन्स का चयन करना उसकी रणनीति का हिस्सा है, और इसे सीमित करना उसकी स्वायत्तता को सीमित कर देता है।

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    Ambica Sharma

    अगस्त 4, 2024 AT 07:38

    ये सब तो बस बाजार को डरा रहे हैं! मैं तो अपने पैसे लगाकर जिंदगी बर्बाद कर रही हूँ, और अब SEBI भी इसमें हाथ डाल रहा है? बस थोड़ा आराम दो ना!

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    Hitender Tanwar

    अगस्त 4, 2024 AT 21:11

    इस प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है। सब बहुत बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन कोई भी नहीं बता रहा कि ये कैसे निवेशकों को सीधे फायदा देगा।

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    pritish jain

    अगस्त 6, 2024 AT 05:49

    एक ही expiry day का विचार बहुत स्मार्ट है। इससे निवेशकों को अलग-अलग expiry पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होगी, और liquidity भी एक जगह एकत्रित होगी। ये बाजार के लिए एक स्थायी समाधान हो सकता है।

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    Gowtham Smith

    अगस्त 7, 2024 AT 04:11

    SEBI का ये कदम बिल्कुल सही है। NSE के फैले हुए ऑप्शन्स बाजार को अनियंत्रित बना रहे हैं। लोग इसे गेमिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, न कि हेजिंग के लिए। इस तरह के व्यवहार को रोकना जरूरी है।

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    Shivateja Telukuntla

    अगस्त 8, 2024 AT 13:06

    देखो, अगर हम इसे एक नए बाजार के रूप में देखें, तो ये नियम बहुत अच्छे लगते हैं। बस एक बार इसे ट्रायल करें, और अगर कोई बड़ा नुकसान हो तो फिर वापस जा सकते हैं।

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    Ravi Kumar

    अगस्त 9, 2024 AT 16:51

    ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन अगर हम एक दिन भी अपने दिमाग को बंद कर दें और सोचें कि ये नियम किसके लिए हैं? निवेशकों के लिए? या फिर बड़े फंड्स के लिए? जब तक हम इस बात को नहीं समझेंगे, तब तक ये सब बस एक नए धोखे का नाम होगा।

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