तलुगु फिल्म 'सरिपोधा शनिवारम' ने सिनेमाघरों में अपनी जगह बना ली है और दर्शकों से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं बटोरी हैं। फिल्म के मुख्य कलाकार नानी और एसजे सूर्या ने एक्शन दृश्यों से सजाए गए इस ड्रामा में मुख्य भूमिका निभाई है। विवेक आत्रेय द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने अपनी कहानी और प्रदर्शन की वजह से दर्शकों का ध्यान खींचा है।
'सरिपोधा शनिवारम' एक एक्शन-ड्रामा है जिसमें नानी ने नायक की भूमिका निभाई है, जबकि एसजे सूर्या ने खलनायक की भूमिका निबाही है। फिल्म की शुरुआत से अंत तक कई तीव्र और रोमांचक क्षण हैं जिनमें नानी और एसजे सूर्या के बीच की टकराव दर्शकों को बांधे रखते हैं।
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसकी मजबूत अभिनय प्रदर्शन है। नानी और एसजे सूर्या ने अपने पात्रों को बखूबी निभाया है। दोनों के बीच के मुकाबले और टकराव के दृश्य दर्शकों को खासा पसंद आए हैं। फिल्म के इंट्रोडक्शन, इंटरवल और क्लाइमैक्स को दर्शकों ने खूब सराहा है। इन दृश्यों में दर्शकों को उच्च-ऑक्टेन का मनोरंजन मिलता है।
फिल्म के तकनीकी पहलुओं की बात करें तो इसकी बैकग्राउंड म्यूजिक और गानों की भी काफी तारीफ हो रही है। फिल्म के संगीत ने दृश्यों में जान डाल दी है। इसके साथ ही फिल्म के कॉमेडी तत्वों ने भी दर्शकों को प्रसन्न किया है।
हालांकि, फिल्म को पूरी तरह से तारीफ नहीं मिली है। कुछ दर्शकों ने इसकी लंबी अवधि और पूर्वानुमेयता की आलोचना की है। फिल्म की 2.5 घंटे की अवधि को कुछ दर्शकों ने बेवजह लंबा पाया है और सुझाव दिया है कि फिल्म को 15 मिनट कम किया जा सकता था ताकि इसका अनुभव बेहतर हो सके।
दर्शकों ने फिल्म की थकावट भरी कहानी और कथा की परिवर्तनशीलता पर भी इंगित किया है। कुछ ट्वीट्स में दर्शकों ने फिल्म को उबाऊ बताकर इसकी दूसरे भाग पर और ध्यान देने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा है कि अगर दूसरा भाग और बेहतर होता तो यह फिल्म 100 करोड़ की कमाई कर सकती थी।
'सरिपोधा शनिवारम' उन फिल्मों में से एक है जो अपने एक्शन दृश्यों और शानदार अभिनय प्रदर्शन की वजह से दर्शकों को प्रभावित करती है लेकिन इसकी लंबाई और कहानी की सामान्यता कुछ दर्शकों को निराश कर सकती है। फिल्म चाहे जैसे भी हो, इसे एक बार देखना तो बनता है। फिल्म के समर्थकों का मानना है कि यह एक मजबूत व्यावसायिक दौर का आनंद लेगी।
अंत में, 'सरिपोधा शनिवारम' एक संतोषजनक एक्शन ड्रामा है जिसमें अपने विशेष क्षण हैं। हालांकि, यह कुछ मामलों में पिछड़ती भी है। यह फिल्म एक बार देखने योग्य है और दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।