प्रभात जयसूर्या: 127 साल पुराना क्रिकेट रिकॉर्ड तोड़ने के कगार पर

28 सितंबर 2024
प्रभात जयसूर्या: 127 साल पुराना क्रिकेट रिकॉर्ड तोड़ने के कगार पर

प्रभात जयसूर्या: 127 साल पुराना क्रिकेट रिकॉर्ड तोड़ने के कगार पर

श्रीलंका क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के स्पिनर प्रभात जयसूर्या इस समय क्रिकेट जगत में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। वे अपने शानदार प्रदर्शन से 127 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के बहुत करीब हैं। जॉर्ज लोहमान का रिकॉर्ड, जो उन्होंने 1896 में बनाया था, सबसे तेज़ 100 टेस्ट विकेट लेने का है। जयसूर्या उक्त उपलब्धि से केवल 6 विकेट दूर हैं।

शानदार आंकड़े और प्रभावशाली प्रदर्शन

प्रभात जयसूर्या ने अपने क्रिकेट करियर में अब तक कुल 15 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 88 विकेट हासिल किए हैं और उनका औसत 29.27 है। उन्होंने भी दो वनडे मैच खेले हैं लेकिन अब तक उस फॉर्मेट में विकेट नहीं ले पाए हैं। जयसूर्या ने अपना वनडे डेब्यू दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किया था और अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2022 में खेला था। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अब तक 9 बार पांच विकेट लिए हैं, जो किसी भी गेंदबाज के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन

चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ उनका प्रदर्शन अत्यंत प्रभावशाली रहा है। पहले इनिंग में जयसूर्या ने केवल 42 रन देकर 6 विकेट लिए थे जिससे न्यूजीलैंड की टीम को बड़ा झटका लगा। इस टेस्ट में नये खिलाड़ी निसान पेरिस ने भी अहम योगदान दिया और तीन विकेट लिए। न्यूजीलैंड की टीम अब 511 रनों का भारी-भरकम लक्ष्य के सामने है, जो टर्निंग गॉल पिच पर असंभव जैसा प्रतीत हो रहा है।

श्रीलंका की उम्मीदें और जयसूर्या के लिए संभावनाएं

अगर न्यूजीलैंड इस मैच में हारती है तो श्रीलंका 2009 के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीत दर्ज करेगी। क्रिकेट प्रेमियों की नजरें अब प्रभात जयसूर्या पर टिकी हैं क्योंकि अगर वे अगले कुछ विकेट ले लेते हैं, तो वे जॉर्ज लोहमान के रिकॉर्ड की बराबरी या उसे पार कर सकते हैं।

पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन

नेकेथ गेदारा रोशन प्रभात जयसूर्या, जो आमतौर पर प्रभात जयसूर्या के नाम से जाने जाते हैं, श्रीलंकाई क्रिकेट के उभरते हुए सितारे हैं। उनकी मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता ने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचाया है कि वे रिकॉर्ड तोड़कर इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज करा सकते हैं। उनका क्रिकेट में योगदान न केवल उनके देश के लिए गर्व का विषय है बल्कि उनसे आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।