पाकिस्तान ने वेस्ट इंडीज को 127 रनों से हराया, मुल्तान में पहला टेस्ट जीत

11 अक्तूबर 2025
पाकिस्तान ने वेस्ट इंडीज को 127 रनों से हराया, मुल्तान में पहला टेस्ट जीत

जब पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम को 127 रनों से हराया, तो मुल्तान के मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम में हवा का रुख बदल गया। 19 जनवरी 2025 को समाप्त हुआ पहला टेस्ट, चमकीले स्पिन बॉलिंग और दो‑तीन भीड़-भाड़ वाले ओवरों के बीच तय हुआ। यह जीत सिर्फ तीन‑तीन रनों का अंतर नहीं, बल्कि दो दशकों बाद वेस्ट इंडीज की पाकिस्तान वापसी पर एक बड़ा निशान है।

पहला टेस्ट: पृष्ठभूमि और महत्व

वेस्ट इंडीज ने 2006 के बाद पहली बार पाकिस्तान में टेस्ट खेला, इसलिए रंजन मडुगले (मैच रेफ़री) का योगदान भी खास था। दोनों टीमें ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के हिस्से के रूप में इस मिलन को लेकर पूरी तैयारी में थीं। मुल्तान की पिच, जिसे पहले दिन से ही "स्पिन‑फ्रेंडली" कहा गया, ने दोनों पक्षों को अलग‑अलग रणनीति अपनाने को मजबूर किया।

पहले दो दिवसों की घटनाएँ

पहले इन्गज़िंग ओवरों में पाकिस्तान 46/4 पर नाजुक स्थिति में था, पर सौद शाकिल (84 रन, 157 गेंद) और मोहम्मद रिज़वान (71 रन, 133 गेंद) ने धीरज से पैर जमा लिया। उनकी साझेदारी ने पाकिस्तान को 230/10 (68.5 ओवर) पर पहुंचा।

वेस्ट इंडीज की पहली पारी में जॉमल वार्रिकन ने तेज़ी दिखाते हुए 31 रन (24 गेंद) बनाकर टॉप स्कोर किया, पर कुल मिलाकर टीम 137/10 (25.2 ओवर) पर ही ठहरी। यहाँ नोमन अली ने 5 विकेट (39 रन, 11 ओवर) और सजिद खान ने 4 विकेट (65 रन, 12 ओवर) लेकर वेस्ट इंडीज को बंधक बना दिया।

तीसरे दिन का मोड़: स्पिन बॉलिंग का प्रभुत्व

तीसरे दिन का मोड़: स्पिन बॉलिंग का प्रभुत्व

दूसरी पारी में पाकिस्तान ने 109/3 पर अच्छी शुरुआत की, पर फिर अचानक 109/3 से 157 सभी आउट हो गया। शान मसूद ने 52 रन (70 गेंद) बनाकर अड़चन को थोड़ा कम किया, और मुहम्मद हुरैरा ने 29 रन (58 गेंद) जोड़ने का प्रयास किया। लेकिन जॉमल वार्रिकन का जादू काम कर गया—उन्होंनें 7 विकेट (32 रन, 18 ओवर) लेकर टीम को उलटा दिया और दो रन‑आउट्स में भी मदद की।

स्पिन का जादू जारी रहा। सजिद खान ने फिर से चार‑पांच विकेट लिए, जबकि अबरर अहमद ने बाकी विकेट संभाले। वेस्ट इंडीज को 250 का लक्ष्य दिया गया, पर पिच पर घास-भरी डॉट‑बॉल्स ने उन्हें असहाय बना दिया। अंत में टीम 123/10 (36.3 ओवर) पर समाप्त हुई, जिसमें एलिक एथानेज़ ने ही 50+ करने वाला एकमात्र बचाव किया।

खेल के प्रमुख आंकड़े और विश्लेषण

  • पाकिस्तान कुल स्कोर: 230/10 + 157/10
  • वेस्ट इंडीज कुल स्कोर: 137/10 + 123/10
  • नोमन अली: 5/39 (पहली पारी)
  • सजिद खान: 4/65 + 5/?? (दूसरी पारी)
  • जॉमल वार्रिकन: 3/69 + 7/32 (मैच के सर्वश्रेष्ठ विकेट‑टेकर)

सजिद खान ने मैच के बाद बताया कि "बॉल के साथ अटैक करो, फ़ील्डिंग से डिफेंड करो" – यही उनका प्लान था और पिच के घुमावदार पैरसेक्स ने इसे बख़ूबी समर्थन दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह जीत पाकिस्तान को ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में महत्वपूर्ण पॉइंट्स दिलाएगी, जबकि वेस्ट इंडीज को अपने स्पिन‑फ्रेंडली पिचों पर रणनीति फिर से सोचनी पड़ेगी।

आगामी टेस्ट और सीजन पर प्रभाव

आगामी टेस्ट और सीजन पर प्रभाव

इस जीत से पाकिस्तान ने सीरीज में 1‑0 की बढ़त हासिल की। अगले टेस्ट का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ, पर उम्मीद है कि वह भी मुल्तान या लाहौर जैसे स्पिन‑सपोर्टिंग स्थलों पर होगा। वेस्ट इंडीज को अब अपनी टीम कॉम्बिनेशन, विशेषकर पहले क्रम के ओपनर, को स्थिर करना होगा, क्योंकि उनका शुरुआती झटका बहुत गंभीर रहा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पहला टेस्ट कब और कहाँ खेला गया?

यह पहला टेस्ट 17 जनवरी 2025 को मुल्तान के मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम में शुरू हुआ और 19 जनवरी को समाप्त हुआ।

वेस्ट इंडीज इस सीरीज में कौन से खिलाड़ी सबसे अधिक प्रभावशाली रहे?

जॉमल वार्रिकन ने दोनों पारी में कुल 10 विकेट लिए (3/69 और 7/32), जिससे वह इस मैच के सर्वश्रेष्ठ बॉलर बने। एलिक एथानेज़ का 50‑रन का इन्सफर्ट भी उल्लेखनीय रहा।

पाकिस्तान के लिए इस जीत का क्या महत्व है?

यह जीत Pakistan को ICC World Test Championship में महत्वपूर्ण अंक दिलाती है और टीम के स्पिन‑बॉलिंग डिपार्टमेंट की ताकत को सिद्ध करती है, जिससे आगे के टेस्टों में मनोबल बढ़ेगा।

अगले टेस्ट में क्या बदलाव की संभावना है?

विश्लेषकों का मानना है कि वेस्ट इंडीज अपनी टॉप ऑर्डर को स्थिर करने के लिए नई ओपनर जोड़ी पर विचार करेंगे, जबकि पाकिस्तान अपने स्पिनर‑केंद्रित प्लान को जारी रखेगा, संभवतः मुल्तान की घुमावदार पिच का फिर से उपयोग करेंगे।

मैच में कौन से आधिकारिक árbitर थे?

ऑन‑फ़ील्ड árbitर रिचर्डेट्टलबरो (इंग्लैंड) और रॉड टकर (ऑस्ट्रेलिया) थे। थर्ड árbitर पॉल रीफेल और रेफ़री रंजन मदुगले ने मैच का संचालन किया।

20 टिप्पणि

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    Jyoti Bhuyan

    अक्तूबर 11, 2025 AT 04:05

    वाह! पाकिस्तान ने वेस्ट इंडीज को इतनी साफ़ हरा दिया, यह सच में उत्साहजनक है। टीम की स्पिन बॉलिंग ने पूरी स्टेडियम को झकझोर कर रख दिया!

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    kuldeep singh

    अक्तूबर 11, 2025 AT 05:29

    कब तक ये वेस्ट इंडीज के लिए पीड़ादायक हारा-जीत चलती रहेगी? आज का मैच तो उनका बर्ची नहीं रहा, हाहा!

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    Pravalika Sweety

    अक्तूबर 11, 2025 AT 06:52

    मुल्तान की पिच के लिए धन्यवाद, स्पिन‑फ्रेंडली होने के कारण यह मैच एक शानदार दर्शनीय बन गया। इस जीत से दोनों देशों के क्रिकेट संबंध और मजबूत होंगे।

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    anjaly raveendran

    अक्तूबर 11, 2025 AT 08:15

    जॉमल वार्रिकन की बॉलिंग तो जादू जैसी थी, 7 विकेट लेकर विरोधी की योजना को ध्वस्त कर दिया। हालांकि, नोमन अली की शुरुआती पारी में 5 विकेट ने पाकिस्तान को बचाया। यह दिखाता है कि स्पिन और फ़ास्ट बॉल दोनों का संतुलन जीत का मूल मंत्र है।

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    Danwanti Khanna

    अक्तूबर 11, 2025 AT 09:39

    क्या शानदार मैच था!

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    harshit malhotra

    अक्तूबर 11, 2025 AT 11:02

    पहले तो कहूँगा कि यह जीत हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है।
    पाकिस्तान ने न सिर्फ विजयी होकर निकला, बल्कि अपनी स्पिन बॉलिंग की शक्ति को फिर से सिद्ध किया।
    नोमन अली के पाँच विकेट ने शुरुआती क्षणों में प्रतिद्वंद्वी को झकझोर दिया।
    सजिद खान की दो पारी में ली गई कुल नौ विकेट ने विरोधी टीम को असीम हताशा में डाल दिया।
    जॉमल वार्रिकन की बेहतरीन बॉलिंग ने वेस्ट इंडीज को परेशान किया, लेकिन अंत में वह भी हार मान गया।
    ऐसे मैच में टीम का मनोबल बहुत ऊँचा रहता है, और खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भी।
    पिच की स्थिति की बात करें तो मुल्तान का ग्राउंड स्पिन‑फ्रेंडली था, जिससे हमारी रणनीति सफल रही।
    वेस्ट इंडीज की टॉप स्कोरर, एलिक एथानेज़, ने 50‑रन का उल्लेखनीय प्रयास किया, पर वह पर्याप्त नहीं रहा।
    यह जीत हमारे लिए एक बड़ा मोड़ है, विशेषकर ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में।
    आगे के टूर में हमें इस फॉर्म को कायम रखना होगा, नहीं तो अंक बस हवा में उड़ जाएंगे।
    सेलेक्शन कमेटी को अब अपने स्पिनरों को और भी भरोसा देना चाहिए, क्योंकि वे इस श्रृंखला में प्रमुख हथियार साबित हुए हैं।
    कोचिंग स्टाफ ने भी खिलाड़ियों को सही दिशा दी, जिससे वे दबाव में भी शांति बनाए रख सके।
    एक बात और, इस जीत से हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी कि वे मेहनत करके अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक सकते हैं।
    यह मैच दर्शाता है कि टीम वर्क, रणनीति और सही पिच चयन से बड़े विरोधियों को भी हराया जा सकता है।
    आशा है कि अगला टेस्ट भी इसी तरह रोमांचक और विजयी हो।

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    Ankit Intodia

    अक्तूबर 11, 2025 AT 12:25

    स्पिन बॉलिंग की कारीगरी को अगर एनीयाग्राम की तरह देखूँ तो यह एक ब्रह्मांडीय संतुलन की तरह है, जहाँ प्रत्येक घुमाव जीवन के चक्र को प्रतिबिंबित करता है।

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    Madhav Kumthekar

    अक्तूबर 11, 2025 AT 13:49

    यदि आप स्पिन बॉल के गुर सीखना चाहते हैं तो इस मैच की डायलॉग सुनें: "बॉल को घुमाओ, लेकिन डॉट‑बॉल को मत भूलो"।
    सरल भाषा में, बॉल को पिच की घुमावदार सतह पर कैसे चलाना है, इसका अभ्यास यही से शुरू हो सकता है।

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    Anand mishra

    अक्तूबर 11, 2025 AT 15:12

    मुल्तान की इस पिच पर दो मुख्य तत्वों ने खेल को निर्धारित किया: स्पिन का घुमाव और बॉलर की बौद्धिक रणनीति।
    पहले दिन में पाकिस्तान ने अपने स्पिनर को मुक्त कर दिया, जिससे उन्होंने विरोधी की सॉविंग शक्ति को भंग किया।
    दूसरी ओर, वेस्ट इंडीज ने तेज़ बॉलिंग पर भरोसा किया, जो इस पिच पर लगभग अप्रभावी साबित हुआ।
    ऐसे में टीम का माइंडसेट और फील्ड प्लेसमेंट भी अहम रहे।
    पिच की टॉप ग्रॉविटी ने फ़ील्डर्स को अतिरिक्त मौके दिए, जिससे कैच पैसेंजर में वृद्धि हुई।
    कुल मिलाकर, यह मैच दर्शाता है कि तकनीकी और मनोवैज्ञानिक दोनों पहलुओं पर ध्यान देने से जीत की संभावना बढ़ती है।

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    Sreenivas P Kamath

    अक्तूबर 11, 2025 AT 16:35

    ओह, वेस्ट इंडीज ने फिर से अपना “क्लासिक” फॉर्म नहीं दिखाया, हार पर एक पेपर बैग की तरह ग्रास कर रहे हैं।

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    Swapnil Kapoor

    अक्तूबर 11, 2025 AT 17:59

    ज्योति का उत्साह सही दिशा में है, इस जीत से भारतीय प्रशंसकों भी बहुत प्रेरित होंगे।

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    Harman Vartej

    अक्तूबर 11, 2025 AT 19:22

    कुल मिलाकर, कुदरती पिच ने खेल को नई दिशा दी, लेकिन टीम की तैयारी भी सराहनीय रही।

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    Chandan kumar

    अक्तूबर 11, 2025 AT 20:45

    वास्तव में, इस मैच में बॉलर की रणनीति ही सबसे ज़्यादा चमकी।

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    Amar Rams

    अक्तूबर 11, 2025 AT 22:09

    जेवाक्का की विश्लेषणात्मक लेंस से देखें तो जॉमल वार्रिकन की बॉविंग को एक कस्टम‑डिज़ाइनेड एंटरप्राइज़ सॉल्यूशन की तरह मानें, जहाँ प्रत्येक ओवर को डेटा‑ड्रिवन ऑप्टिमाइज़ेशन के साथ निष्पादित किया गया।

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    Rahul Sarker

    अक्तूबर 11, 2025 AT 23:32

    अनकिट की दार्शनिक टिप्पणी तो समझ में नहीं आती, लेकिन असली बात तो यही है कि बॉल की टर्निंग सपोर्ट को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

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    Sridhar Ilango

    अक्तूबर 12, 2025 AT 00:55

    मैदान की टेक्टिकल वैरिएबिलिटी को देखते हुए, ध्वनि की तरंग जैसे बॉल की गति में बदलाव ने इस खेल को एक अद्वितीय सिम्फनी बनादिया।

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    priyanka Prakash

    अक्तूबर 12, 2025 AT 02:19

    पाकिस्तान की जीत पर गर्व महसूस किया, लेकिन आगे भी ऐसी ही जीत की उम्मीद रखनी चाहिए।

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    Shruti Thar

    अक्तूबर 12, 2025 AT 03:42

    स्रीनिवास की व्यंग्यात्मक टिप्पणी ने माहौल हल्का कर दिया, लेकिन खिलाड़ी की मेहनत को नहीं भुलाना चाहिए।

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    Nath FORGEAU

    अक्तूबर 12, 2025 AT 05:05

    स्वापनील की टिप्पणी में उम्मीद की रौशनी है, जो टीम के भविष्य को उज्जवल बनाती है।

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    akshay sharma

    अक्तूबर 12, 2025 AT 06:29

    यह मैच मात्र एक खेल नहीं, बल्कि एक सामाजिक प्रयोग था जिसने दर्शाया कि रणनीतिक बुद्धिमत्ता और राष्ट्रीय आत्मविश्वास कैसे समग्र रूप से एक परिणाम को आकार देते हैं।
    पहला बिंदु यह है कि पिच की विशेषताओं को समझना ही नहीं, बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से उपयोग करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
    दूसरा, बॉलरों का मानसिक दृढ़ता इस जीत में अभिन्न भाग रही, क्योंकि उन्होंने लगातार दावेदारी बॉल डिलीवरी का चयन किया।
    तीसरा, फील्डिंग कोष की तरलता ने कई डॉट‑बॉल्स को बदल कर विकेट में परिवर्तित किया।
    चौथा, कोचिंग स्टाफ ने खिलाड़ियों को उचित आकलन प्रदान किया, जिससे दबाव के समय में निर्णय शक्ति बनी रही।
    पांचवां, कप्तान की लीडरशिप ने टीम को एकीकृत लक्ष्य की ओर धकेला।
    छठा, बॉलर‑बट्टर की आपसी तालमेल ने विरोधी टीम को अस्थिर किया।
    सातवां, समग्र टीम फॉर्मेशन ने स्पिन को प्रमुख हथियार के रूप में स्थापित किया।
    आठवां, इस जीत ने युवा खिलाड़ियों में आशा और प्रेरणा का पुल बनाकर रखा।
    नवां, प्रशंसकों का उत्साह और समर्थन टीम को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है।
    दसवां, मीडिया कवरेज ने खेल को एक राष्ट्रीय उत्सव बना दिया।
    ग्यारहवां, इस प्रकार के मैचों से राष्ट्रीय पहचान का पुनर्निर्माण होता है।
    बारहवां, भविष्य में इसी तरह की रणनीतिक तैयारी से और भी बड़े प्रतिद्वंद्वी को हराया जा सकता है।
    तेरहवां, इस जीत को बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक मील का पत्थर माना जा सकता है।
    चौदहवां, अंत में हम कह सकते हैं कि यह जीत सिर्फ अंकों की नहीं, बल्कि एक संकल्प की विजय है।

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