जब Nifty50 ने सिर्फ 6.70 अंक (0.03%) की नाज़ुक बढ़त दर्ज की, और BSE Sensex के आंकड़े दो‑तीन बार उलटे‑पलटे, तो बाजार के हिरदे में एक ही सवाल घूमा – GST दर कट की खुशी कितनी देर टिकेगी?
9 सेप्टंबर 2025 की सुबह, नई दिल्ली के धूप‑से‑भरे टर्मिनल में ट्रेडिंग शुरू होते ही भारत के निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो को झकझोरते हुए, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निरंतर निकासी और अमेरिकी व्यापार नीति के तिरछे संकेतों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की।
2025 की पहली तिमाही में मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर को क्रमशः 18% से 12% और 28% से 18% तक घटाने की घोषणा की। यह कदम उपभोक्ता खर्च को बूस्ट करने, महंगाई को काबू में रखने, और त्योहारी सीजन में रिटेल बिक्री को उड़ान देने के उद्देश्य से लिया गया। पिछले साल के समान कदम ने रियल एस्टेट और रिटेल में 5‑7% के सालाना बढ़ोतरी को प्रेरित किया था, इस वजह से इस बार की उम्मीदें और भी जोशीली थीं।
नैस्डेक्स Nifty50 ने 24,826.05 से 92 अंक (0.37%) की शुरुआती छलांग लगाई, लेकिन सत्र के अंत में 24,741 पर समेटा। दूसरी तरफ, BSE Sensex ने 81,007.03 से अस्थायी गति पकड़ते हुए 289 अंक (0.36%) बढ़ी, मगर विभिन्न रिपोर्टों में मिली‑जुली बंदी के कारण अंत में 82,201.16 पर 151.48 अंक (0.18%) गिरावट दर्ज हुई।
सेक्टर‑वार देखें तो मीडिया इंडेक्स ने 3% से अधिक उछाल दिखाया, जबकि बैंक और ऑटो शेयरों में हल्की कमी रही। फार्मा, FMCG और IT ने सभी सकारात्मक रिटर्न दिया, और रियल एस्टेट ने लगभग 1% की तेज़ी दिखायी।
वोकल स्टॉक्स में Mahindra & Mahindra ने सत्र के दौरान सबसे अधिक उछाल लाया, जबकि Avenue Supermarts (DMart) ने 4% की बढ़त के साथ दो साल के शिखर पर पहुंच कर 5,300 रुपये पर समापन किया।
Siddhartha Khemka, Head of Research, Wealth Management, Motilal Oswal ने कहा, "GST सुधार उपभोक्ता मांग को तेज़ कर रहे हैं, इसलिए त्योहारी सीजन में हम कंपनियों के कमाई में सुसंगत सुधार देखेंगे।" हालांकि, वह यह भी स्वीकार करते हैं कि विदेशी फंड्स की निकासी और US‑China व्यापार तनाव अभी भी जोखिम पैदा कर रहे हैं।
दूसरी ओर, Dr. V K Vijayakumar, Chief Investment Strategist, Geojit Investments Limited ने चेतावनी दी, "बाजार ने GST समाचार को पहले ही मूल्य दिया है, और मूल्यांकन अभी भी ऊँचे स्तर पर हैं। शॉर्ट‑कवरिंग की उम्मीद पूरी नहीं हुई, इसलिए अंत में कीमतें नीचे आएँगी।"
ट्रेडिंग डेटा के अनुसार, कुल 2,052 शेयर आगे बढ़े, 1,501 गिरे और 140 स्थिर रहे। यह बैलेंस शीट‑सेक्टर में थोड़ा‑बहुत असंतुलन को उजागर करता है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर विदेशी फंड्स की निकासी स्थिर रहती है, तो GST‑सेवन ड्राइवर के साथ मिश्रित सत्र जारी रह सकता है। लेकिन त्योहारी शॉपिंग, विशेषकर अक्टूबर‑नवंबर में, उपभोक्ता खर्च को नई ऊर्जा दे सकता है। इस संदर्भ में, छोटे‑केप और मिड‑केप शेयरों का 1‑2% अतिरिक्त लाभ संभावित है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि जोखिम‑सहनशीलता के अनुसार पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित रखें, और उच्च मूल्यांकन वाले टेक‑स्टॉक्स पर सावधानी बरतें। डिस्क्रीशनरी रिटेल में DMart जैसा खिलाड़ी, जो मार्जिन सुधार की उम्मीदों से बहु‑वर्षीय उच्च पर है, आकर्षक विकल्प बना हुआ है।
जब तक सरकार ने GST‑दर को घटाकर 12%‑18% की रेंज में रखा है, तब तक फूड‑एंड‑बेवरिज, एप्परेल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी दैनिक उपयोगी वस्तुओं की कीमतें नीचे जाना जारी रहेगा। यह निचले‑आयरन वर्ग के खर्च को बढ़ाएगा, जिससे निचली‑आय वाले शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता भरोसा सुधरेगा। दीर्घकाल में, यह पुनरुत्पादन‑संवर्द्धन वाला कदम स्थानीय निर्माताओं को भी फायदा पहुँचाएगा क्योंकि आयात‑ड्यूटी में गिरावट से लागत कम होगी।
कटौती से वस्तुओं की कीमतें घटेंगी, इसलिए डिस्क्रीशनरी और आवश्यक वस्तुओं के रिटेलर्स जैसे DMart, Reliance Retail को बिक्री में लगभग 4‑6% की बढ़ोतरी मिल सकती है। यह मार्जिन में सुधार और आय में बढ़त देगा।
FII की निरंतर बिक्री से इक्विटी में तरलता घटती है, जिससे बड़े‑कैप वाले शेयरों में उतार‑चढ़ाव बढ़ता है। यह जोखिम‑भरी परिस्थितियों में Nifty‑Midcap तथा Smallcap को सुरक्षित पाना आसान बनाता है।
ब्याज दरों में स्थिरता और वैश्विक ट्रेड तनाव के कारण लोन डिमांड में अस्थायी गिरावट आई। साथ ही, ऑटो में कर्ज़ लागत का दबाव बना रहा, जिससे दोनों सेक्टर में हल्की कमी देखी गई।
तीव्रता से ऊपर उठते उपभोक्ता‑सेक्टर में पोर्टफोलियो को बढ़ाएं, जबकि टेक‑स्ट्रेटेजी में सख्त स्टॉप‑लॉस रखें। साथ ही, विदेशी फंड्स की प्रवृत्ति को ध्यान में रखकर मिड‑केप में वैरायटी बढ़ाना लाभप्रद हो सकता है।
Apu Mistry
अक्तूबर 7, 2025 AT 04:52जो लोग बाजार में हल्का उछाल देख कर आशा की सुई देखते हैं, वे भूल जाते हैं कि असली ताक़त हमारे मन की शांतिवाद में है। GST कट से तुरंत खुशी मिलती है, पर यह खुशी स्थायी नहीं हो सकती जब तक विदेशी फंड्स की निकासी का साया नहीं हटता।
uday goud
अक्तूबर 13, 2025 AT 13:56GST की इस झलक को उत्सव मानना, लेकिन सतही मुस्कान के पीछे आर्थिक वास्तविकता को नज़रअंदाज़ न करना चाहिए;
Chirantanjyoti Mudoi
अक्तूबर 19, 2025 AT 23:00GST कट के बाद बाजार में हल्की उछाल देखना तो सबको आकर्षित करता है, परन्तु सच्चाई यह है कि अटल उत्साह अक्सर अल्पकालिक रैली में बदल जाता है।
पहले भी हमने देखा है कि टैक्स में छूट मिलने से निवेशकों के मन में सौगंधी आशा जगी, पर फ्यूचर में वही आशा कब तक बनी रहेगी, यह अनिश्चित रहा।
वर्तमान में विदेशी फंड्स की निकासी एक बड़े प्रश्न चिह्न की तरह मंडरा रही है, जो नकारात्मक दबाव बना सकती है।
इसी कारण से Nifty और Sensex में अनिश्चितता की लहरें साफ दिख रही हैं।
बाजार में कुछ सेक्टर जैसे मीडिया और फार्मा में अस्थायी उछाल आया, पर बैंकिंग और ऑटो का प्रदर्शन स्थिर या हल्का गिराव दिखा रहा है।
उपर्युक्त डेटा से यह स्पष्ट है कि निवेशकों को केवल GST कट को ही नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक संकेतों को भी समझना होगा।
वित्तीय विशेषज्ञों के दोहरे विचार दर्शाते हैं कि अभी भी मूल्यांकन उच्च स्तर पर हैं।
किसी भी समय अगर विदेशी संस्थागत निकासी तेज हो गई तो बाजार में संशोधन की लहरें तेज़ी से चल सकती हैं।
जब तक यह जोखिम बना रहता है, छोटे‑केप और मिड‑केप स्टॉक्स में थोड़ा‑बहुत फायदा हो सकता है।
परंतु उच्च मूल्यांकन वाले टेक‑स्टॉक्स में पोर्टफोलियो जोखिम को बढ़ाना समझदारी नहीं होगी।
डिजिटल रिटेल जैसे DMart के स्टॉक्स में अभी भी मार्जिन सुधार की संभावना दिख रही है, जो निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
आगे बढ़ते हुए, त्योहारी सीजन में उपभोक्ता खर्च में वृद्धि को देखते हुए रिटेल सेक्टर को समर्थन मिल सकता है।
फिर भी, मुख्य मुद्दा यह है कि अस्थायी उछाल को दीर्घकालिक रुझानों में बदलना कठिन है।
अंत में, मेरा सुझाव है कि निवेशकों को पोर्टफोलियो को विविध रूप से वितरित रखें, जोखिम‑सहनशीलता के अनुसार पुनर्संतुलन करें और छोटे‑केप के अवसरों का लाभ उठाएँ।
Surya Banerjee
अक्तूबर 26, 2025 AT 08:03भाई, आगे भी GST की ताजगी से देर तक नहीं चल पाएगा। नई नीति के बाद माइक्रो‑स्ट्रेटेजी अपनाओ, नहीं तो बोर हो जाओगे।
Vishal Kumar Vaswani
नवंबर 1, 2025 AT 17:06💥 देखो, ये सब जो पीपी प्ले है, असली डार्क फॉर्स पीछे से रॉड्स का इंजेक्शन कर रहा है। GST कट सिर्फ सतह पर चमक है, पर दाग़ियों की सच्ची ताक़त FII के बाहर निकलने में है। 🕵️♂️🚀
Zoya Malik
नवंबर 8, 2025 AT 02:10सच कहूँ तो, इस जुड़वां उपहार में दो तरफ़ा खांसी है। एक तरफ़ा हँसी, दूसरी तरफ़ा गहरी अनिश्चितता। घाटे को देख कर मन उदास हो जाता है।
Ashutosh Kumar
नवंबर 14, 2025 AT 11:13बाजार में धुंधली रोशनी जैसे कोई दर्पण टूट गया हो! GST को लेकर उत्साह तो आया, पर असली शत्रु तो अभी भी विदेशी पूँजी की निकासी है।
Gurjeet Chhabra
नवंबर 20, 2025 AT 20:16मैं देख रहा हूँ कि कई लोग तुरंत ही स्टॉक्स खरीदने की ओर झुकते हैं, पर थोड़ा साँस ले कर देखो, बाजार की मौसमी रूकावटें भी होती हैं, इसलिए सावधानी बरतना ज़रूरी है।