भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली पर सवाल उठाने के आरोप
बीजेपी सांसद और प्रसिद्ध अभिनेता मनोज तिवारी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है। तिवारी ने राहुल गांधी पर भारतीय लोकतंत्र को अपमानित करने का आरोप लगाया है। यह विवाद राहुल गांधी के उस बयान के बाद शुरू हुआ जो उन्होंने लंदन में दिया था।
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। इस बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने उनकी जमकर आलोचना की है। मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी का ये बयान देश की जनता और लोकतांत्रिक प्रणाली का अपमान है।
राहुल गांधी की माफी की मांग
मनोज तिवारी ने राहुल गांधी से उनके इस बयान के लिए माफी मांगने को कहा है। तिवारी का मानना है कि गांधी के बयान में पार्टी की मानसिकता झलकती है, जो हमेशा से देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश में लगी रही है।
तिवारी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने कभी भी लोकतांत्रिक norme और संस्थाओं का सम्मान नहीं किया है। उन्होंने राहुल गांधी के लोकतंत्र की समझ पर भी सवाल उठाया।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच तीखी बहस
राहुल गांधी के इस बयान के बाद से बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक नई बहस शुरू हो गई है। बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें भारतीय लोकतंत्र का अपमान करने वाला बताया है।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के बयान का बचाव करते हुए कहा है कि यह देश के लिए एक रियलिटी चेक है। कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी ने जो कहा है वह सच्चाई है और देश की जनता को इसे स्वीकार करना चाहिए।
लोकतंत्र पर हमले के आरोप
राहुल गांधी ने जब लंदन में भारतीय लोकतंत्र पर हमला होने की बात कही तो यह बयान तेजी से वायरल हो गया। बीजेपी नेताओं ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा और उनसे पूछा कि वह किस आधार पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान कहीं न कहीं उनके और उनकी पार्टी के लोकतंत्र विरोधी रुख का प्रतीक है। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश करती आई है।
समाज में प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान को लेकर समाज में भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कई लोग इसे देश के लिए अपमानजनक मान रहे हैं।
कई समाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि राहुल गांधी का बयान देश की सच्चाई को दर्शाता है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह के बयान से देश की छवि को नुकसान पहुँच सकता है।
लोकतंत्र की सही परिभाषा
लोकतंत्र की सही परिभाषा क्या है? इसे समझने की आवश्यकता है। अधिकांश लोगों का मानना है कि लोकतंत्र की परिभाषा लोगों की भागीदारी, समानता, स्वतंत्रता और न्याय पर आधारित है। इन सिद्धांतों के पालन के बिना लोकतंत्र का अस्तित्व नहीं हो सकता।
राहुल गांधी का यह बयान कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, कई लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। क्या यह बयान वाकई में सच्चाई को दर्शाता है या यह केवल राजनीति का एक हिस्सा भर है? यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है।
भविष्य की राजनीति पर प्रभाव
राहुल गांधी के इस बयान का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह समय ही बताएगा। यह बयान उन्हें समर्थकों के बीच और भी मजबूती दिला सकता है, या फिर उनके विरोधियों के हाथों में एक नया हथियार बन सकता है।
मनोज तिवारी और अन्य बीजेपी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि राहुल गांधी के बयान को गंभीरता से लिया जा रहा है। अब देखने की बात यह होगी कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और यह राजनीतिक जंग किस दिशा में बढ़ती है।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद से भारतीय राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है। यह बहस किस ओर मोड़ लेगी, यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा। लेकिन एक बात निश्चित है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा सुर्खियों में बना रहेगा।
Anand Itagi
जुलाई 3, 2024 AT 23:33अगर आवाज़ दबा दी जाए तो वो लोकतंत्र नहीं बल्कि भावनाओं का शोषण होता है
राहुल गांधी ने जो कहा वो सच है और इसे नकारने की कोशिश करना बस डर का इज़हार है
हम सब जानते हैं कि आज कल कुछ संस्थाएं बहुत ढीली हो गई हैं
कोई न्यायालय है जो अपने फैसलों को राजनीति के आधार पर बदल देता है
कोई चुनाव आयोग है जिस पर संदेह है
कोई मीडिया है जो एक तरफ़ की बात ही चलाती है
इसलिए जब कोई बोलता है कि लोकतंत्र पर हमला हो रहा है तो उसे अपमान नहीं बल्कि चेतावनी मानो
अगर तुम्हारी आवाज़ नहीं सुनी जा रही तो तुम लोकतंत्र के भीतर नहीं हो
इसे समझो न कि इसे रोको
हम सब एक ही देश में रहते हैं और अगर एक तरफ़ बोलने की आज़ादी नहीं तो दूसरी तरफ़ भी तुम्हारी आवाज़ बंद हो जाएगी
ये सिर्फ़ राहुल की बात नहीं ये हम सबकी बात है
हमें इसे एक बात के तौर पर नहीं बल्कि एक समस्या के तौर पर लेना होगा
नहीं तो आगे चलकर हम सब अपने आप को अजनबी महसूस करेंगे
कोई नहीं बचेगा
Sumeet M.
जुलाई 5, 2024 AT 02:00Kisna Patil
जुलाई 6, 2024 AT 16:54राहुल गांधी ने जो कहा वो एक आंकड़ा नहीं एक भावना है
एक ऐसी भावना जो हर उस आदमी में है जो अपनी आवाज़ बुलंद करने की कोशिश करता है और उसे रोक दिया जाता है
ये बात बीजेपी के लिए भी और कांग्रेस के लिए भी एक दर्पण है
क्या हमने कभी सोचा कि जब कोई व्यक्ति अपने घर के बाहर अपनी बात रखता है तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए?
ये सवाल हमें अपने आप से पूछना चाहिए
हम लोग तो अपने राजनीतिक रंग के आधार पर ही सब कुछ देख रहे हैं
लेकिन लोकतंत्र तो रंगों से परे है
ये एक सिद्धांत है जिसे हमें समझना होगा
अगर हम इसे समझ गए तो हम अपने आप को बदल सकते हैं
अगर नहीं तो हम सिर्फ़ एक दूसरे को नीचा दिखाने में व्यस्त रहेंगे
हमें अपने देश के लिए नहीं बल्कि अपने भविष्य के लिए सोचना होगा
क्योंकि आज हम जो बोल रहे हैं वो कल हमारे बच्चों के लिए एक दर्पण बन जाएगा
क्या हम उन्हें एक ऐसा देश छोड़ना चाहते हैं जहां कोई बोले तो उसे अपमानित कहा जाए?
ये सवाल जवाब चाहता है
ASHOK BANJARA
जुलाई 7, 2024 AT 10:42अगर आप बोलते हैं तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाए, तो ये लोकतंत्र नहीं बल्कि एक डिक्टेटरशिप है।
भारत में अभी भी ऐसे लोग हैं जो बोलते हैं और उन्हें अपमानित किया जाता है।
यह एक विशेष बात नहीं है, यह एक बरकरार समस्या है।
राहुल गांधी ने बस एक तथ्य को उजागर किया है।
लेकिन आज के राजनीतिक वातावरण में तथ्य को बोलना ही अपराध हो गया है।
हमने लोकतंत्र को एक रूटीन बना दिया है: चुनाव, नारे, ट्वीट, टीवी डिबेट।
लेकिन लोकतंत्र का मतलब है आज़ादी - आज़ादी बोलने की, आज़ादी सोचने की, आज़ादी विरोध करने की।
अगर हम इसे भूल गए, तो हम अपने आप को नष्ट कर रहे हैं।
हम इतने भावुक हो गए हैं कि अब हम अपने दिमाग को बंद कर देते हैं।
हम अपने राजनीतिक दल के नाम से अपने विचारों को बदल देते हैं।
ये लोकतंत्र नहीं, ये अनुसरण है।
हमें अपने आप को फिर से जागृत करना होगा।
क्योंकि लोकतंत्र कभी भी एक पार्टी की जीत नहीं होता, ये हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है।
और अगर हम इस जिम्मेदारी को भूल गए, तो कोई नहीं बचेगा
Sahil Kapila
जुलाई 9, 2024 AT 03:51देश को बर्बाद करने के लिए अंग्रेजों के पास जाना जरूरी है क्या?
हमारे देश में तो चुनाव होते हैं और लोग वोट देते हैं तो ये लोकतंत्र है
क्या तुम्हें लगता है कि अमेरिका में चुनाव बिना झूठ के होते हैं?
हर देश में झूठ होता है लेकिन भारत अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है
इस बयान को लेकर जितना शोर हो रहा है वो सिर्फ राजनीति है
कांग्रेस अब कुछ नहीं कर पा रही तो बस इस तरह के बयानों से चर्चा बनाने की कोशिश कर रही है
मैंने भारत में अपने दोस्तों के साथ बात की और सबको लगता है कि ये बयान बेकार है
क्योंकि अगर तुम्हें लगता है कि लोकतंत्र खतरे में है तो तुम्हें खुद वोट देना चाहिए
किसी को दोष नहीं देना चाहिए
अगर तुम बाहर जाकर बोल रहे हो तो तुम अपने देश को बर्बाद कर रहे हो
हमें अपने अंदर देखना चाहिए
बाहर की बातें नहीं
Rajveer Singh
जुलाई 9, 2024 AT 05:42क्या तुम्हें पता है कि हमारे देश में अब तक कितने चुनाव हुए हैं?
कितने लोगों ने अपनी आवाज़ दी है?
कितने लोग अपने वोट से बदलाव लाए हैं?
हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में रह रहे हैं और तुम बोल रहे हो कि लोकतंत्र पर हमला हो रहा है?
ये तुम्हारा डर है न कि सच्चाई
तुम अपनी नाकामी को देश के खिलाफ़ बोलकर छिपा रहे हो
तुम्हारे पास कोई नीति नहीं है तो तुम बस बाहर जाकर देश को बर्बाद करने की कोशिश करते हो
हमारे देश में अभी भी एक आम आदमी अपने वोट से एमएलए बन सकता है
क्या अमेरिका में ऐसा होता है?
क्या ब्रिटेन में होता है?
तुम बस अपने अंदर की नाकामी को देश के खिलाफ़ बोल रहे हो
और इसलिए तुम्हें देश से निकाल देना चाहिए
तुम्हारी बातों से देश को नुकसान हो रहा है
Ankit Meshram
जुलाई 10, 2024 AT 09:45Shaik Rafi
जुलाई 10, 2024 AT 13:38राहुल गांधी ने जो कहा वो एक तथ्य है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि भारत बर्बाद है
लोकतंत्र एक जीवित प्रक्रिया है जो हर दिन बदलती है
कभी ये ज़बरदस्ती चलती है, कभी धीरे-धीरे
हमें इसे नियंत्रित करने की जगह इसे समझना चाहिए
जब कोई बोलता है कि लोकतंत्र पर हमला हो रहा है तो उसका मतलब यह नहीं कि चुनाव नहीं हो रहे
बल्कि यह कि आवाज़ दब रही है
जब कोई अपनी बात बोलने की कोशिश करता है और उसे अपमानित किया जाता है
जब कोई विपक्षी दल को गिरफ्तार किया जाता है
जब कोई मीडिया को दबा दिया जाता है
तो ये लोकतंत्र का अपमान है
ये नहीं कि चुनाव हो रहे हैं
हमें इसे समझना होगा
और अगर हम इसे समझ गए तो हम अपने आप को बदल सकते हैं
क्योंकि लोकतंत्र कभी भी एक पार्टी का नहीं होता
ये हर नागरिक का होता है
Ashmeet Kaur
जुलाई 10, 2024 AT 14:32कभी-कभी बारिश में, कभी-कभी रात में
वो वोट देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे कुछ बदलेगा
लेकिन जब वो वोट देते हैं तो कोई उनकी बात नहीं सुनता
उनके गांव में पानी नहीं, स्कूल नहीं, अस्पताल नहीं
लेकिन वो अभी भी वोट देते हैं
राहुल गांधी का बयान उनके लिए है
उनके लिए जो अपनी आवाज़ नहीं उठा पाते
हम जो बोल रहे हैं वो शहरी बातें हैं
लेकिन भारत का दिल गांवों में है
अगर हम उनकी आवाज़ नहीं सुनते तो लोकतंत्र क्या है?
ये बयान अपमान नहीं, ये एक चेतावनी है
हमें अपने आप को देखना होगा
और अगर हम इसे नहीं सुनेंगे तो आने वाली पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि हमने उन्हें चुनाव दिए लेकिन उनकी आवाज़ नहीं सुनी
Nirmal Kumar
जुलाई 10, 2024 AT 21:21ये तो बस एक तरीका है
असली लोकतंत्र तब होता है जब आपकी बात कोई सुनता है
जब आपका विरोध दर्ज होता है
जब आपका अपमान नहीं होता
अगर आप कुछ बोलते हैं और आपको देशद्रोही कह दिया जाता है
तो ये लोकतंत्र नहीं, ये डर का शासन है
राहुल गांधी ने बस एक बात कही है
कि आज भारत में आवाज़ दब रही है
और इसका जवाब ये नहीं होना चाहिए कि आप उसे अपमानित कहें
बल्कि ये होना चाहिए कि हम खुद अपने आप को देखें
क्योंकि अगर हम एक आदमी को बोलने से रोक देते हैं
तो हम अपने आप को भी रोक रहे हैं
लोकतंत्र का मतलब ये नहीं कि हम सब एक जैसे हैं
बल्कि ये है कि हम सब के लिए जगह है
Sharmila Majumdar
जुलाई 11, 2024 AT 15:30ये बयान भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए खतरनाक है
हमारे देश में लोकतंत्र बहुत मजबूत है
और इस तरह के बयानों से हमारे युवाओं को गलत समझ हो रही है
कांग्रेस को अपने नेताओं को नियंत्रित करना चाहिए
अगर ये बयान अंग्रेजी मीडिया में चल रहा है तो ये देश के खिलाफ़ एक षड्यंत्र है
हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए
और इस तरह के नेताओं को दंडित किया जाना चाहिए
amrit arora
जुलाई 12, 2024 AT 07:57राहुल गांधी ने जो कहा वो एक बयान नहीं एक आहट है
एक ऐसी आहट जो हर उस आदमी के मन में है जो अपनी आवाज़ बुलंद करने की कोशिश करता है और उसे दबा दिया जाता है
ये बात बीजेपी के लिए भी है और कांग्रेस के लिए भी
हम सब अपने राजनीतिक रंग के आधार पर सोच रहे हैं
लेकिन लोकतंत्र रंगों से परे है
ये एक सिद्धांत है जिसे हमें जीना होगा
अगर हम इसे जी नहीं पाएंगे तो हम अपने आप को नष्ट कर रहे हैं
हम अपने आप को बदलने की जगह दूसरों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं
लेकिन लोकतंत्र कभी दूसरों को बदलकर नहीं बल्कि अपने आप को बदलकर ही बचता है
हमें अपने आप को देखना होगा
हमें अपनी आवाज़ को सुनना होगा
और अगर हम इसे समझ गए तो हम अपने आप को बदल सकते हैं
क्योंकि लोकतंत्र कभी भी एक पार्टी का नहीं होता
ये हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है
और अगर हम इस जिम्मेदारी को भूल गए तो कोई नहीं बचेगा
Ambica Sharma
जुलाई 12, 2024 AT 11:14मैंने अपने दोस्त को देखा है जो एक ट्वीट के लिए जेल गया
और उसकी बात सच थी
लेकिन उसे अपमानित किया गया
हम जो बोल रहे हैं वो बाहर की बातें हैं
लेकिन असली लोकतंत्र तो घरों में शुरू होता है
अगर तुम अपने घर में अपनी बात नहीं बोल सकते तो तुम बाहर कैसे बोलोगे?
हमें अपने आप को बदलना होगा
और अगर हम नहीं बदले तो कोई नहीं बचेगा
Hitender Tanwar
जुलाई 13, 2024 AT 05:42