अमेरिकी राजनीति में एक और नया मोड़, जहां नैतिकता और कानून का सवाल पुरजोर तरीके से उभर रहा है। पूर्व फ्लोरिडा कांग्रेस सदस्य मैट गेट्ज़ एक बार फिर से विवादों के घेरे में हैं। गवाहों के दो दर्जन से अधिक संवेदनशील जमा पत्रों की बिना अनुमति प्राप्ति के आरोप के कारण एक नया मोड़ पैदा हो गया है। 'अल्ताम बेज़ली' नामक एक हैकर ने कथित तौर पर उन गवाहों के जमा पत्रों को हासिल कर लिया है जिन्होंने गेट्ज़ के खिलाफ हो रही जांच में गवाही दी थी। इन गवाहों में से एक नाबालिग का भी शामिल है, जिसे गेट्ज़ ने कथित तौर पर यौन शोषण किया था। यह जमा पत्र एक नागरिक मानहानि मामले का हिस्सा हैं जो गेट्ज़ के करीबी सॉबी लॉबीस्ट क्रिस डॉरवर्थ द्वारा दायर किया गया था।
मैट गेट्ज़ ने हमेशा सभी आरोपों का खंडन किया है। हालांकि, हाउस एथिक्स कमेटी और न्याय विभाग द्वारा गेट्ज़ की जांच की गई, लेकिन पिछली साल संघीय अभियोजन दल ने उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया। एथिक्स कमेटी ने यौन दुराचार, अवैध ड्रग उपयोग, अनुचित उपहार, और सरकारी जांच में बाधा डालने जैसे आरोपों की जांच की। इस प्रक्रिया में, पैनल ने दो दर्जन से अधिक सम्मन जारी किए और एक दर्जन से अधिक गवाहों से बात की। इस जांच का निष्कर्ष निकला कि कुछ आरोप आगे की समीक्षा के लिए उपयुक्त हैं।
मैट गेट्ज़ ने हाउस में अपनी सीट उस समय से छोड़ी जब निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अटॉर्नी जनरल के लिए चुना। इस कदम ने एथिक्स कमेटी के ऊपर से उनकी जांच का अधिकार समाप्त कर दिया। हालांकि, कानून निर्माता दोनों ओर से एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट का सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि यह रिपोर्ट गेट्ज़ की अटॉर्नी जनरल के रूप में पुष्टि को प्रभावित कर सकती है। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने चेतावनी दी है कि रिपोर्ट का रिलीज यातायात रहित सदस्यों के अधिकार क्षेत्र को समाप्त कर सकता है। जबकि नैतिकता समिति की शीर्ष डेमोक्रेट, प्रतिनिधि सुसान वाइल्ड, का मानना है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और गेट्ज़ की पुष्टि प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए सीनेट को भेजा जाना चाहिए।
जहां एक तरफ गेट्ज़ और उनके प्रतिनिधियों ने सभी आरोपों का खंडन किया है, वहीं ट्रंप की प्रस्थान टीम ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए ट्रंप प्रशासन के खिलाफ एक साजिश के रूप में देखा है। नैतिकता समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग के बीच इस लीक के कारण स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।
गेट्ज़ की नियुक्ति के विवाद ने उनको अटॉर्नी जनरल की भूमिका के लिए फिटनेस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पद के तहत हज़ारों वकील, विशेष एजेंट और अन्य स्टाफ होते हैं, जिसमें सॉलिसिटर जनरल भी शामिल है। सीनेटर जॉन कॉर्निन और डिक दुर्बिन ने गेट्ज़ की इस्तीफे के समय और नैतिकता समिति के निष्कर्षों की पारदर्शिता को लेकर चिंता व्यक्त की है। यह विवाद अभी भी विवादास्पद बना हुआ है, जहां जमा पत्रों की लीक के बीच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग जारी है। दोनों सीनेटरों का मानना है कि गेट्ज़ की पुष्टि में पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।
समाज में कानूनविदों और नैतिकता की भूमिका पर सवाल करते हुए गेट्ज़ का मामला यह दिखाता है कि राजनीतिक हलकों में आरोप और जवाबदेही किस प्रकार से भिन्न स्थान रखते हैं। अपने खिलाफ आरोपों की बढ़ती सूची के साथ, गेट्ज़ के भविष्य की विपरीत स्थितियों में, यह अनिवार्य है कि मुद्दों का न्यायसंगत समाधान निकाला जाए, जबकि निवर्तमान प्रशासन की व्यवस्थाओं का भी पालन किया जाए।