क्वाड शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण विचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में एक जोरदार सम्बोधन किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में क्वाड गठबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका है। मोदी ने कहा कि दुनिया इस समय तमाम संघर्षों और चुनौतियों से घिरी हुई है और ऐसे में क्वाड गठबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह गठबंधन किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य शांति, स्थिरता, और मानवता का समर्थन करना है।
वैश्विक चुनौतियों के समाधान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य नेताओं के साथ बैठक के दौरान, उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान तभी संभव है जब सभी राष्ट्र मिलकर कार्य करें। इसमें सुरक्षा, आर्थिक विकास, और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे शामिल हैं। मोदी ने सभी उपस्थित नेताों को बताया कि क्वाड का लक्ष्य स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
क्वाड शिखर सम्मेलन: सदस्य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना
क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेता शामिल हुए। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच विभिन्न मोर्चों पर सहयोग को मजबूत करना है, जिसमें सुरक्षा, व्यापार और जलवायु परिवर्तन प्रमुख हैं। मोदी की अमेरिका यात्रा इस बात को दर्शाती है कि भारत बहुपक्षवाद के लिए प्रतिबद्ध है और वैश्विक नीतियों को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
क्वाड का सकारात्मक एजेंडा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में क्वाड के सकारात्मक एजेंडा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है और क्वाड इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि क्वाड का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है। क्वाड शिखर सम्मेलन ने नेताओं को वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
क्वाड गठबंधन ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न मुद्दों पर सहमति और सहयोग को दर्शाया है। ये सदस्य देश न केवल आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, बल्कि सुरक्षा सहयोग और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी मिलकर कार्य कर रहे हैं। तीनों देशों ने वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों पर भी आपसी सहयोग को स्वीकार किया है, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की महत्ता
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की महत्ता को भी प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में रेखांकित किया। यह क्षेत्र न केवल भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए सभी सदस्य देशों का समन्वय आवश्यक है, और क्वाड इसका एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने बताया कि भारत इस क्षेत्र में अपनी भूमिका को निभाने के लिए तैयार है और सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्वाड शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातें
क्वाड शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
- क्वाड गठबंधन का उद्देश्य शांति, स्थिरता, और मानवता का समर्थन करना है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर.
- स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बढ़ावा देना।
- सदस्य देशों के बीच विभिन्न मोर्चों पर सहयोग को मजबूत करना।
- वैश्विक चुनौतियों का मिलजुलकर सामना करना।
इस शिखर सम्मेलन से यह स्पष्ट हो गया कि सदस्य देश वैश्विक मुद्दों को लेकर न केवल जागरूक हैं, बल्कि उनका समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं। क्वाड का यह शिखर सम्मेलन ने न केवल भू-राजनीतिक संतुलन को संरक्षित करने पर जोर दिया, बल्कि वैश्विक स्थिरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने की भी बात कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सम्बोधन ने भारत के वैश्विक दृष्टिकोण और इसके सकारात्मक एजेंडा को एक बार फिर से मजबूत किया है। यह स्पष्ट हो गया कि भारत वैश्विक सहयोग और मानवता के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है और क्वाड जैसे गठबंधन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
Kisna Patil
सितंबर 23, 2024 AT 17:39इस क्वाड गठबंधन का मतलब सिर्फ चीन के खिलाफ नहीं है, ये तो एक ऐसा संगठन है जो शांति की बात कर रहा है। हमारे पीएम ने बिल्कुल सही कहा कि ये किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सबके लिए है। दुनिया भर में जहां तनाव बढ़ रहा है, वहां ऐसे साझा दृष्टिकोण की जरूरत है। भारत ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है - हम नियमों पर आधारित क्रम के पक्षधर हैं।
ASHOK BANJARA
सितंबर 25, 2024 AT 08:37क्वाड का असली महत्व इस बात में है कि ये एक ऐसा फ्रेमवर्क है जो बहुपक्षवाद को जीवित रखता है। अमेरिका और चीन के बीच जो द्विध्रुवीयता है, उसके बीच भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने एक तटस्थ, समावेशी मंच बनाया है। ये सिर्फ सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग का भी मामला है। हमें इसे अपनी भाषा में समझना होगा - ये हमारी स्वावलंबितता का एक नया रूप है।
Sahil Kapila
सितंबर 27, 2024 AT 05:11ये सब बातें तो बहुत अच्छी लगती हैं पर असली दुनिया में तो जो कुछ भी हो रहा है वो अलग है। जब अमेरिका भारत को टेक्नोलॉजी शेयर कर रहा है तो चीन के साथ हमारा व्यापार बढ़ रहा है। ये क्वाड तो बस एक डिप्लोमेटिक शो है। लेकिन अगर ये हमें अपने देश के लिए ज्यादा सुरक्षा और अधिकार दे रहा है तो फिर क्यों नहीं? बस अपने दिमाग से नहीं देखो, अपने बैंक बैलेंस से देखो।
Rajveer Singh
सितंबर 29, 2024 AT 02:09ये सब नरम बातें क्यों बोल रहे हो? क्वाड का मतलब है चीन को घेरना। जब तक हम चीन के खिलाफ खुलकर नहीं बोलेंगे तब तक वो हमारी सीमाओं पर घुसता रहेगा। हमारे पीएम का सम्बोधन अच्छा था लेकिन अब जरूरत है कार्रवाई की। हमारे सैनिक अभी भी हिमालय में बर्फ में खड़े हैं और यहां बातें कर रहे हो शांति की। ये नहीं चलेगा। हमें अपनी शक्ति दिखानी होगी न कि स्टेटमेंट जारी करनी।
Ankit Meshram
सितंबर 30, 2024 AT 00:52