केरल लॉटरी नियम बदलें: कौन खरीद सकता है और पुरस्कार कैसे दावा करें

5 अक्तूबर 2025
केरल लॉटरी नियम बदलें: कौन खरीद सकता है और पुरस्कार कैसे दावा करें

जब केरल स्टेट लॉटरी ने 2005 के मूल नियमों में बदलाव का एलान किया, तो लाखों लॉटरी‑प्रेमियों ने तुरंत सवाल उठाए – अब टिकट कहाँ से खरीदें, ऑनलाइन बिक्री पर पाबंदी बनी रहेगी या नहीं, और जीत के बाद पुरस्कार कैसे प्राप्त किया जाएगा?

इस बदलाव का असर तुरंत पूरे केरल में महसूस किया गया, क्योंकि नियमों का विस्तार अब असम, मेघालय, गोवा और अन्य 12 राज्यों तक हो गया है। यहाँ हम विस्तार से बताएंगे कि नवीनतम केरल लॉटरी नियम क्या हैं, टिकट खरीदने की प्रक्रिया कैसी है, और पुरस्कार क्लेम करने के लिए किन‑किन दस्तावेज़ों की जरूरत पड़ेगी।

केरल लॉटरी के मौजूदा नियमों का सारांश

2005 में जारी केरल स्टेट लॉटरी एक्ट के तहत प्रमुख तीन प्रतिबंध लगाए गए थे:

  1. कोई भी एजेंट ऑनलाइन माध्यम से लॉटरी बेच नहीं सकता; ऐसा विक्रय अवैध माना जाता है।
  2. केरल के बाहर के किसी राज्य में केरल लॉटरी के डिस्ट्रिब्यूटर को अपना एजेंट नियुक्त करने की अनुमति नहीं है।
  3. यदि कोई ऑनलाइन खरीदार (जैसे हरियाणा का निवासी) केरल एजेंट से टिकट लेता है और बाद में किसी विवाद में फँस जाता है, तो केरल सरकार कानूनी सहायता नहीं देगी।

इन नियमों की मुख्य वजह थी लॉटरी के संचालन को नियंत्रित रखना और स्थानीय वितरकों को सुरक्षित रखना। अब इन प्रतिबंधों में हल्की‑हल्की छूट आई है, लेकिन मूल सिद्धांत बरकरार रहे हैं।

टिकट कहाँ और कैसे खरीदा जा सकता है

केरल में लॉटरी टिकट खरीदने के लिए 35,000 से अधिक पंजीकृत एजेंट और 100,000 से अधिक रिटेलर मौजूद हैं। टिकटों की कीमत 30 रुपये से लेकर 300 रुपये तक है, जो गेम के प्रकार—साधारण, बंपर या विशेष ड्रॉ—पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर, बंपर लॉटरी की कीमत 100 रुपये से 300 रुपये के बीच रहती है और इसमें 12 करोड़ रुपये तक का इनाम जुड़ा हो सकता है।

टिकट खरीदते समय ग्राहक को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • एजेंट का लाइसेंस वैध हो और उसका नाम केरल लॉटरी एजेंट्स एंड सेलर्स एसोसिएशन के रजिस्ट्री में हो।
  • टिकट पर खरीदार का पूरा नाम, पता और हस्ताक्षर दर्ज होना अनिवार्य है; यही टिकट का स्वामित्व प्रमाणित करता है।
  • ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म या सोशल मीडिया से मिलने वाले 'डिस्काउंट कोड' दुर्भावनापूर्ण हो सकते हैं; ऐसे निपटान से बचें।

पुरस्कार दावा प्रक्रिया और कराधान

ड्रॉ के परिणाम घोषित होने के बाद विजेताओं को 30 दिन के भीतर अपना दावा जमा करना पड़ता है। इस अवधि के बाद दावा अस्वीकार किया जा सकता है। आवश्यक दस्तावेज़ होते हैं:

  1. पूरा किया हुआ क्लेम एप्लिकेशन फॉर्म।
  2. दो पासपोर्ट‑साइज़ फोटो।
  3. पुरस्कार राशि की रिसीट (बैंक में जमा होने के बाद)।
  4. विजेता का पहचान पत्र (आधार या पैन)।
  5. प्राधिकारी का औपचारिक पत्र और जीत का प्रमाण पत्र।

कर के संदर्भ में, 10,000 रुपये से अधिक के पुरस्कार पर 30 % आयकर काटा जाता है। साथ ही एजेंटों को मिलने वाले कमिशन पर भी 10 % की आयकर दर लागू होती है। यह कराधान केंद्र सरकार के ‘आयकर अधिनियम’ के अनुसार है और लेन‑देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।

नवीनतम संशोधन और विस्तार के बाद का परिदृश्य

नवीनतम संशोधन और विस्तार के बाद का परिदृश्य

हाल ही में केरल सरकार ने केरल पेपर लॉटरी नियम संशोधन अधिसूचना 2024 जारी की, जिससे अब असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर, मध्य प्रदेश, पंजाब और सिक्किम में केरल लॉटरी का वैध विक्रय संभव हो गया है। हालांकि, प्रत्येक राज्य के साथ अलग‑अलग समझौते करने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।

इन बदलावों पर लजीव विजयन, कार्यकारी अध्यक्ष, केरल लॉटरी एजेंट्स एंड सेलर्स एसोसिएशन ने कहा: "ये संशोधन एकाधिकार और बड़े कॉर्पोरेट्स की मदद के लिए तैयार किए गए हैं। छोटे डिस्ट्रिब्यूटर पहले से ही टंकियों का सामना कर रहे हैं; विस्तार से स्थिति और बिगड़ सकती है।" उनका यह बयान स्थानीय विक्रेताओं के बीच गहरा भय उत्पन्न कर रहा है, क्योंकि अब बड़े रिटेलर्स को प्राथमिकता मिल सकती है।

फिर भी, सरकार का कहना है कि यह कदम विस़ी के लॉटरी बाजार को राष्ट्रीय स्तर पर समरूप बनाने के लिए है, और इससे कर राजस्व में भी इजाफ़ा होगा।

आर्थिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ

केरल स्टेट लॉटरी ने 2023‑24 वित्तीय वर्ष में लगभग 13,582 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया। इस आकड़े में से लगभग 60 % सीधे राज्य को जाता है, जबकि शेष हिस्सा एजेंटों, वितरकों और करों के रूप में वितरित होता है। यदि नई राज्यों में बिक्री वैध हो गई, तो अनुमान है कि अगले पाँच वर्षों में यह राजस्व 30 % तक बढ़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि लॉटरी को डिजिटल स्वरूप में न लाने से संभावित एंटी‑फ्रॉड उपायों से वंचित रहना पड़ेगा। इसलिए, कुछ वित्तीय संस्थानों ने सुझाव दिया है कि भविष्य में एक राष्ट्रीय लॉटरी पोर्टल विकसित किया जाए, जहाँ केवल लाइसेंसधारी एजेंट ही टिकट बेच सकें, फिर भी ऑनलाइन भुगतान सुरक्षित रहेगा।

यदि इस दिशा में कदम उठाया गया, तो केरल लॉटरी के मौजूदा ‘ऑफ़लाइन‑केन्द्रित’ मॉडल से एक अधिक पारदर्शी और टैक्टिकल सिस्टम में बदलाव संभव हो सकता है।

Frequently Asked Questions

केरल लॉटरी के टिकट कौन कहाँ से खरीद सकता है?

केरल में पंजीकृत 35,000 से अधिक एजेंट और 100,000 से अधिक रिटेलर्स के पास से टिकट खरीदे जा सकते हैं। ऑनलाइन खरीद पर पाबंदी है, सिवाय उन राज्यों के जहाँ हाल ही में नियम संशोधित हुए हैं और लाइसेंस प्राप्त वितरक ने सम्मति दी है।

अगर मैं जीतता हूँ तो पुरस्कार कैसे क्लेम करूँ?

ड्रॉ की तारीख के 30 दिन के भीतर विजेता को क्लेम फॉर्म, दो पासपोर्ट फ़ोटो, पहचान प्रमाण, और बँक रिसीट जमा करनी पड़ती है। सभी दस्तावेज़ जमा करने के बाद, लॉटरी विभाग भुगतान प्रक्रिया शुरू करता है।

जितने पर कितनी आयकर कटती है?

10,000 रुपये से अधिक के पुरस्कार पर 30 % आयकर लागू होता है। एजेंटों को मिलने वाले कमिशन पर भी 10 % की आयकर दर लगती है, जैसा कि आयकर अधिनियम में निर्धारित है।

नए नियमों से किन राज्यों में लॉटरी वैध होगी?

असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर, मध्य प्रदेश, पंजाब और सिक्किम अब केरल लॉटरी के वैध विक्रय के लिए अनुमति प्राप्त कर चुके हैं, बशर्ते संबंधित राज्य सरकारों के साथ समझौता हो।

भविष्य में केरल लॉटरी के ऑनलाइन बिक्री की संभावना है क्या?

वर्तमान में ऑनलाइन बिक्री पर रोक है, पर वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह पर एक राष्ट्रीय डिजिटल पोर्टल की योजना चल रही है, जहाँ लाइसेंसधारी एजेंट ही टिकट ऑनलाइन बेच सकेंगे, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।

6 टिप्पणि

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    Neha xo

    अक्तूबर 5, 2025 AT 04:43

    केरल लॉटरी के नए नियम देख कर लगता है कि सरकार अब सीमाओं को थोड़ा ढीला कर रही है। अब असम जैसे दूर के राज्य में भी वैध एजेंट मिल जाएंगे, जिससे कई लोग सोचे रह गए थे कि टिकट कहाँ से लेंगे। फिर भी लाइसेंस चेक करना ज़रूरी है, नहीं तो बाद में दावे में दिक्कत हो सकती है। अगर आप पहली बार खरीद रहे हैं, तो एजेंट का नाम रजिस्ट्री में देखना चेक बिंदु बनाइए। अंत में, सभी दस्तावेज़ तैयार रखें, नहीं तो 30‑दिन के भीतर दावे में अड़चन आ सकती है।

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    Rahul Jha

    अक्तूबर 13, 2025 AT 21:03

    ऑनलाइन बैन अभी भी है 😂

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    Gauri Sheth

    अक्तूबर 22, 2025 AT 13:23

    किसी को भी लॉटरी के झंझट से बचना चाहिए, क्योंकि बोनस के पीछे अक्सर छुपे हुए जोखिम होते हैं। नियम तो बढ़िया लिखे हैं, पर लागू करने में अक्सर ढिलाई दिखती है। ऐसा लगता है कि बड़े खिलाड़ी ही इस बदलाव से फायदा उठाएँगे, जबकि छोटे एजेंट अभी भी संघर्ष कर रहे हैं।

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    om biswas

    अक्तूबर 31, 2025 AT 05:43

    ऐसे नियम जो केवल बड़े कंट्रैक्टर्स को फायदा देते हैं, बिलकुल अस्वीकार्य हैं!

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    sumi vinay

    नवंबर 8, 2025 AT 22:03

    सोचिए अगर नया पोर्टल बन जाए तो सारे लेन‑देनों में पारदर्शिता आएगी। इससे धोखाधड़ी के मौके घटेंगे और खिलाड़ी सीधे भरोसेमंद एजेंट से जुड़ेंगे। यह कदम छोटे विक्रेताओं को भी प्रोत्साहित कर सकता है, अगर सही समझौतों की बात हो। आशा है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

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    Anjali Das

    नवंबर 17, 2025 AT 14:23

    केरल लॉटरी का विस्तार अति उत्तेजक है, लेकिन इसका असर सबसे पहले छोटे वितरकों पर पड़ेगा। अब बड़े रिटेलर्स को प्राथमिकता मिल रही है, जिससे छोटे एजेंटों का काम और कठिन हो सकता है। राजस्व में बढ़ोतरी का दावा सरकार कर रही है, पर वह किस कीमत पर? अगर कर वैध रूप से बढ़ेगा तो खिलाड़ियों का खर्च भी बढ़ेगा। इसके अलावा, 30 प्रतिशत आयकर का बोझ बड़ी जीत पर भी भारी पड़ता है। नई राज्यों में बिक्री वैध हो गई है, पर समझौते अभी भी चल रहे हैं। इस बदलाव से वैधता और नियमन में अंतर की समस्या पैदा हो सकती है। अंत में, डिजिटल पोर्टल की संभावना को गंभीरता से लेना चाहिए।

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