जब केरल स्टेट लॉटरी ने 2005 के मूल नियमों में बदलाव का एलान किया, तो लाखों लॉटरी‑प्रेमियों ने तुरंत सवाल उठाए – अब टिकट कहाँ से खरीदें, ऑनलाइन बिक्री पर पाबंदी बनी रहेगी या नहीं, और जीत के बाद पुरस्कार कैसे प्राप्त किया जाएगा?
इस बदलाव का असर तुरंत पूरे केरल में महसूस किया गया, क्योंकि नियमों का विस्तार अब असम, मेघालय, गोवा और अन्य 12 राज्यों तक हो गया है। यहाँ हम विस्तार से बताएंगे कि नवीनतम केरल लॉटरी नियम क्या हैं, टिकट खरीदने की प्रक्रिया कैसी है, और पुरस्कार क्लेम करने के लिए किन‑किन दस्तावेज़ों की जरूरत पड़ेगी।
2005 में जारी केरल स्टेट लॉटरी एक्ट के तहत प्रमुख तीन प्रतिबंध लगाए गए थे:
इन नियमों की मुख्य वजह थी लॉटरी के संचालन को नियंत्रित रखना और स्थानीय वितरकों को सुरक्षित रखना। अब इन प्रतिबंधों में हल्की‑हल्की छूट आई है, लेकिन मूल सिद्धांत बरकरार रहे हैं।
केरल में लॉटरी टिकट खरीदने के लिए 35,000 से अधिक पंजीकृत एजेंट और 100,000 से अधिक रिटेलर मौजूद हैं। टिकटों की कीमत 30 रुपये से लेकर 300 रुपये तक है, जो गेम के प्रकार—साधारण, बंपर या विशेष ड्रॉ—पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर, बंपर लॉटरी की कीमत 100 रुपये से 300 रुपये के बीच रहती है और इसमें 12 करोड़ रुपये तक का इनाम जुड़ा हो सकता है।
टिकट खरीदते समय ग्राहक को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
ड्रॉ के परिणाम घोषित होने के बाद विजेताओं को 30 दिन के भीतर अपना दावा जमा करना पड़ता है। इस अवधि के बाद दावा अस्वीकार किया जा सकता है। आवश्यक दस्तावेज़ होते हैं:
कर के संदर्भ में, 10,000 रुपये से अधिक के पुरस्कार पर 30 % आयकर काटा जाता है। साथ ही एजेंटों को मिलने वाले कमिशन पर भी 10 % की आयकर दर लागू होती है। यह कराधान केंद्र सरकार के ‘आयकर अधिनियम’ के अनुसार है और लेन‑देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
हाल ही में केरल सरकार ने केरल पेपर लॉटरी नियम संशोधन अधिसूचना 2024 जारी की, जिससे अब असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर, मध्य प्रदेश, पंजाब और सिक्किम में केरल लॉटरी का वैध विक्रय संभव हो गया है। हालांकि, प्रत्येक राज्य के साथ अलग‑अलग समझौते करने की प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
इन बदलावों पर लजीव विजयन, कार्यकारी अध्यक्ष, केरल लॉटरी एजेंट्स एंड सेलर्स एसोसिएशन ने कहा: "ये संशोधन एकाधिकार और बड़े कॉर्पोरेट्स की मदद के लिए तैयार किए गए हैं। छोटे डिस्ट्रिब्यूटर पहले से ही टंकियों का सामना कर रहे हैं; विस्तार से स्थिति और बिगड़ सकती है।" उनका यह बयान स्थानीय विक्रेताओं के बीच गहरा भय उत्पन्न कर रहा है, क्योंकि अब बड़े रिटेलर्स को प्राथमिकता मिल सकती है।
फिर भी, सरकार का कहना है कि यह कदम विस़ी के लॉटरी बाजार को राष्ट्रीय स्तर पर समरूप बनाने के लिए है, और इससे कर राजस्व में भी इजाफ़ा होगा।
केरल स्टेट लॉटरी ने 2023‑24 वित्तीय वर्ष में लगभग 13,582 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया। इस आकड़े में से लगभग 60 % सीधे राज्य को जाता है, जबकि शेष हिस्सा एजेंटों, वितरकों और करों के रूप में वितरित होता है। यदि नई राज्यों में बिक्री वैध हो गई, तो अनुमान है कि अगले पाँच वर्षों में यह राजस्व 30 % तक बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉटरी को डिजिटल स्वरूप में न लाने से संभावित एंटी‑फ्रॉड उपायों से वंचित रहना पड़ेगा। इसलिए, कुछ वित्तीय संस्थानों ने सुझाव दिया है कि भविष्य में एक राष्ट्रीय लॉटरी पोर्टल विकसित किया जाए, जहाँ केवल लाइसेंसधारी एजेंट ही टिकट बेच सकें, फिर भी ऑनलाइन भुगतान सुरक्षित रहेगा।
यदि इस दिशा में कदम उठाया गया, तो केरल लॉटरी के मौजूदा ‘ऑफ़लाइन‑केन्द्रित’ मॉडल से एक अधिक पारदर्शी और टैक्टिकल सिस्टम में बदलाव संभव हो सकता है।
केरल में पंजीकृत 35,000 से अधिक एजेंट और 100,000 से अधिक रिटेलर्स के पास से टिकट खरीदे जा सकते हैं। ऑनलाइन खरीद पर पाबंदी है, सिवाय उन राज्यों के जहाँ हाल ही में नियम संशोधित हुए हैं और लाइसेंस प्राप्त वितरक ने सम्मति दी है।
ड्रॉ की तारीख के 30 दिन के भीतर विजेता को क्लेम फॉर्म, दो पासपोर्ट फ़ोटो, पहचान प्रमाण, और बँक रिसीट जमा करनी पड़ती है। सभी दस्तावेज़ जमा करने के बाद, लॉटरी विभाग भुगतान प्रक्रिया शुरू करता है।
10,000 रुपये से अधिक के पुरस्कार पर 30 % आयकर लागू होता है। एजेंटों को मिलने वाले कमिशन पर भी 10 % की आयकर दर लगती है, जैसा कि आयकर अधिनियम में निर्धारित है।
असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नागालैंड, मिज़ोरम, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर, मध्य प्रदेश, पंजाब और सिक्किम अब केरल लॉटरी के वैध विक्रय के लिए अनुमति प्राप्त कर चुके हैं, बशर्ते संबंधित राज्य सरकारों के साथ समझौता हो।
वर्तमान में ऑनलाइन बिक्री पर रोक है, पर वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह पर एक राष्ट्रीय डिजिटल पोर्टल की योजना चल रही है, जहाँ लाइसेंसधारी एजेंट ही टिकट ऑनलाइन बेच सकेंगे, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।
Neha xo
अक्तूबर 5, 2025 AT 04:43केरल लॉटरी के नए नियम देख कर लगता है कि सरकार अब सीमाओं को थोड़ा ढीला कर रही है। अब असम जैसे दूर के राज्य में भी वैध एजेंट मिल जाएंगे, जिससे कई लोग सोचे रह गए थे कि टिकट कहाँ से लेंगे। फिर भी लाइसेंस चेक करना ज़रूरी है, नहीं तो बाद में दावे में दिक्कत हो सकती है। अगर आप पहली बार खरीद रहे हैं, तो एजेंट का नाम रजिस्ट्री में देखना चेक बिंदु बनाइए। अंत में, सभी दस्तावेज़ तैयार रखें, नहीं तो 30‑दिन के भीतर दावे में अड़चन आ सकती है।