भारतीय रेलवे में वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर या एसी कोच में चढ़ने वालों के लिए अब बुरा वक्त आने वाला है। 1 मई 2025 से रेलवे ने ये बिल्कुल साफ कर दिया है कि वेटिंग टिकट पर स्लीपर या एसी कोच में पैर भी नहीं रख सकते। यह नियम सभी क्लास पर लागू होगा, सिर्फ जनरल डिब्बे को छोड़कर, जहां बैठने की कोई गारंटी नहीं होती। रेलवे ने ये कड़ा कदम यात्रियों की भीड़ कम करने और सफर के दौरान होने वाली अव्यवस्था को खत्म करने के लिए उठाया है।
अक्सर देखा गया है कि कन्फर्म टिकट वालों की बर्थ पर वेटिंग टिकट वाले भी आकर बैठ जाते हैं या गलियारों में पूरी-पूरी जात्रा निकल जाती है। इससे न सिर्फ कन्फर्म यात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि कोच के अंदर अव्यवस्था भी फैलती है। रेलवे की इस नई व्यवस्था का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो हर बार काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर सफर करने की कोशिश करते थे।
रेलवे के मुताबिक, इस कदम का मकसद स्पष्ट है—कन्फर्म यात्रियों के हक की सुरक्षा करना। अक्सर लोग सोचते थे कि वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन में घुस जाओ, फिर टीटीई से सीट की जुगाड़ हो जाएगी। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। रेलवे स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई भी बिना कन्फर्म टिकट के स्लीपर/एसी कोच में पकड़ा जाता है तो या तो उसे जनरल डिब्बे में शिफ्ट कर दो या फिर फाइन मारो।
ऑनलाइन टिकट (IRCTC) के मामले में तो वेटिंग टिकट अपने आप कैंसिल हो जाते हैं, लेकिन काउंटर टिकट लेकर वेटिंग लिस्ट वालों को अभी तक ट्रेन में चढ़ने की छूट मिल जाती थी। यही वजह थी कि ट्रेन में जरूरत से ज्यादा भीड़ होती थी और कई बार सुरक्षा का सवाल भी खड़ा हो जाता था।
रेलवे नई व्यवस्था को एंड्रॉयड ऐप, वेबसाइट और SMS के जरिए यात्रियों तक पहुंचा रहा है ताकि किसी को अचानक झटका न लगे। जिनको बार-बार वेटिंग टिकट ही मिलती है, उन्हें सलाह है कि अपनी टिकट की स्थिति आखिरी वक्त तक चेक करते रहें।
रेलवे का यह फैसला हजारों-लाखों आम यात्रियों की यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने के इरादे से लिया गया है। पहली बार ऐसा कदम है जिससे ट्रेनों के Sleeper और AC कोच में कन्फर्म बर्थ वालों को सुकून मिल सकता है। अब रेल का सफर थोड़ा व्यवस्थित, थोड़ा आरामदायक—बिल्कुल वैसा जैसा सबका सपना होता है!