ICC ने भारत और पाकिस्तान के यू-19 टीमों से दुबई मैच के बाद हैंडशेक की अपील की

13 दिसंबर 2025
ICC ने भारत और पाकिस्तान के यू-19 टीमों से दुबई मैच के बाद हैंडशेक की अपील की

दुबई के डब्ल्यूआईसीसी स्टेडियम में 14 दिसंबर, 2025 को होने वाले एसीसी पुरुष यू-19 एशिया कप मैच से पहले, आईसीसी ने भारत और पाकिस्तान की यू-19 टीमों से हैंडशेक करने की अपील की है। यह अपील उस समय आई है जब बीसीसीआई ने अप्रैल-मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ किसी भी उम्र की टीम के साथ हैंडशेक न करने की नीति अपना ली है। लेकिन अब आईसीसी का कहना है — क्रिकेट खेल है, राजनीति नहीं

क्यों इतना बड़ा विवाद?

यह सिर्फ एक हैंडशेक नहीं है। यह एक भावनात्मक और राजनीतिक संकेत है। भारतीय टीम के टीम प्रबंधक अनंद दत्त को बीसीसीआई ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हैंडशेक न करें। इस नीति को पहले ही एसीसी पुरुष एशिया कप 2025, आईसीसी महिला ओडीआई विश्व कप 2025 और एसीसी पुरुष टी20 एमर्जिंग एशिया कप में लागू किया जा चुका है। इस वजह से टूर्नामेंट की असली बात — क्रिकेट — भूल गए लोग। यॉर्डबार्कर ने इसे ‘हैंडशेक सागा’ कहा है।

इस बार टीम इंडिया के कप्तान आयुष भाट्रे और बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी के सामने एक बड़ा फैसला लेना है। वे अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। लेकिन जब भी उन्हें पाकिस्तानी टीम के सामने जाना होगा, तो उनके पीछे एक राष्ट्रीय नीति खड़ी है।

आईसीसी का स्पष्ट संदेश

आईसीसी के सीईओ जॉफ ऑलर्डिस की टीम ने बीसीसीआई को स्पष्ट किया है — यू-19 क्रिकेट में राजनीति की जगह नहीं है। एक अनाम स्रोत ने कहा, ‘लड़कों को कुछ नहीं बताया गया है। लेकिन बीसीसीआई ने अनंद दत्त को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। अगर भारतीय लड़के हैंडशेक नहीं करेंगे, तो मैच रेफरी को पहले से सूचित करना होगा।’

मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट, जो पहले जिम्बाब्वे के खिलाड़ी थे, अब आईसीसी के लिए काम कर रहे हैं। वे अगर भारतीय टीम ने हैंडशेक न करने का फैसला किया, तो उन्हें आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट की धारा 2.2.1 के तहत अनुचित व्यवहार का मामला दर्ज करना होगा। यह धारा कहती है — ‘क्रिकेट के हितों के खिलाफ व्यवहार’ दंडनीय है।

बीसीसीआई का झूलता फैसला

बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी और सचिव जय शाह अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दे पाए हैं। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बीसीसीआई सरकार के साथ सलाह कर रहा है — नई दिल्ली के राष्ट्रीय निर्णय इस फैसले को प्रभावित कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पर बहस जारी है। एक यूजर ‘मौनी बाबा’ का जवाब टाइम्स ऑफ इंडिया पर सबसे ज्यादा इंटरैक्ट किया गया — ‘हम पाकिस्तान के साथ हैंडशेक क्यों करें? उन्होंने हमारे बच्चों को मारा।’ दूसरी ओर, एक अन्य यूजर लिखता है — ‘खेल का मनोभाव बरकरार रखो। ये लड़के आतंकवाद के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।’

यह विवाद किस तरह आगे बढ़ेगा?

यह विवाद किस तरह आगे बढ़ेगा?

अगर भारत इस यू-19 मैच में हैंडशेक करता है, तो यह संकेत होगा कि फरवरी-मार्च 2026 में कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में होने वाले सीनियर टी20 विश्व कप मैच में भी वही नीति लागू हो सकती है। वह मैच दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट विरोधों में से एक है।

इस बीच, पाकिस्तानी टीम ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन उनके खिलाड़ियों के बीच एक अनौपचारिक बात है — ‘हम तैयार हैं। हम हैंडशेक करेंगे। हम खेल को सम्मान देते हैं।’

क्या यह खेल का इतिहास बदल देगा?

इससे पहले भी भारत-पाकिस्तान के बीच हैंडशेक का मामला उठा था — 2007 टी20 विश्व कप में भारत ने हैंडशेक नहीं किया था। लेकिन वह एक अस्थायी विवाद था। इस बार यह एक नीति बन चुकी है। और अब यह यू-19 टीमों तक पहुँच गई है।

यह एक नए युग की शुरुआत हो सकती है — जहाँ खेल के बाहर की भावनाएँ खिलाड़ियों के लिए एक बोझ बन गई हैं। क्या एक छोटा सा हैंडशेक इतना बड़ा हो सकता है? हाँ। खासकर जब यह एक राष्ट्र के दिल को छू रहा हो।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या भारतीय यू-19 टीम को हैंडशेक करना अनिवार्य है?

नहीं, यह एक अपील है, अनिवार्य नहीं। लेकिन अगर भारतीय टीम हैंडशेक नहीं करती है, तो मैच रेफरी आईसीसी को तुरंत सूचित करेंगे। इससे खिलाड़ियों पर दंड की संभावना है — जैसे जुर्माना या टूर्नामेंट से निलंबन।

पाकिस्तान ने इस नीति का जवाब क्या दिया है?

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन अनौपचारिक रूप से उनके खिलाड़ियों ने कहा है कि वे हैंडशेक के लिए तैयार हैं और खेल को सम्मान देना चाहते हैं। उनकी टीम ने पिछले तीन मैचों में हैंडशेक किया है, भले ही भारत ने न किया हो।

यह विवाद भारत-पाकिस्तान के अन्य खेलों पर कैसे प्रभाव डाल रहा है?

इस विवाद ने टेनिस, हॉकी और बैडमिंटन में भी खिलाड़ियों के बीच बातचीत को प्रभावित किया है। कुछ टूर्नामेंट में दोनों टीमों के बीच सामान्य अभिवादन भी नहीं हो रहा। यह एक नए राजनीतिक नॉर्म की शुरुआत हो सकती है — जहाँ खेल की न्यूट्रलिटी खत्म हो रही है।

यू-19 टीमों के लिए यह दबाव क्यों खास है?

ये लड़के अभी 17-19 साल के हैं। उन्हें राष्ट्रीय नीतियों का बोझ नहीं उठाना चाहिए। वे अभी सीख रहे हैं कि खेल कैसे जीवन सिखाता है — सम्मान, शारीरिक और भावनात्मक साहस। यह विवाद उनके लिए एक बड़ा शिक्षण अवसर बन सकता है — या एक दुर्भाग्यपूर्ण अवसर।

क्या यह भारतीय सरकार के निर्णय पर निर्भर करता है?

हाँ। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि वे सरकार के साथ सलाह करेंगे। यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति का मामला बन चुका है। अगर सरकार कहे कि हैंडशेक न करें, तो बीसीसीआई को उसका पालन करना होगा।

अगला बड़ा मैच कब और कहाँ होगा?

फरवरी-मार्च 2026 में कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच टी20 विश्व कप का मैच होगा। वहाँ का वातावरण इस यू-19 मैच के निर्णय पर निर्भर करेगा। अगर हैंडशेक हुआ, तो वहाँ भी शांति का संकेत मिल सकता है।

1 टिप्पणि

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    Divyanshu Kumar

    दिसंबर 13, 2025 AT 12:53

    ye handshake ka sawal sirf cricket ka nahi, ye toh humari soch ka sawal hai. hum apne bachon ko marne wale logo ke saath haath milane ki aadat kyun banayein? agar hum yeh karenge toh kya hum apne martyrs ko dhokha de rahe hain?

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