गुडिसन पार्क का अंतिम मर्सीसाइड डर्बी फुटबॉल प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय बन गया। एवर्टन और लिवरपूल के बीच खेला गया यह मुकाबला न केवल अव्यवस्था से भरपूर था, बल्कि यह खेल के उच्चतम स्तर पर भावनाओं की चिंगारी भी था। खेल के अंत तक स्कोर 2-2 पर था, लेकिन यह केवल स्कोर तक सीमित नहीं था।
एवर्टन के खेल के अंतिम क्षणों में जेम्स टारकोवस्की ने 98वें मिनट में एक शानदार वॉली मारकर स्कोर सबके दिलों में दस्तक दी। यह गोल इतना असरदार था कि एवर्टन के समर्थकों ने पिच पर जश्न मनाना शुरू कर दिया। हालांकि, इस गोल के लिए एक विवाद छिड़ गया। लिवरपूल के पक्ष से यह दावा किया गया कि गोल से पहले बेटो ने इब्राहिमा कोनाटे पर फाउल किया था। वीडियो असिस्टेंट रेफरी (VAR) ने इसे सही ठहराया और गोल को मंजूरी दी।
खेल के बाद के घटनाक्रम में चार रेड कार्ड जारी किए गए, जिससे मैच का माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। लिवरपूल के मैनेजर अर्ने स्लॉट और उनके सहायक कोच सिपके हुलसहॉफ को रेफरी के साथ विवाद के बाद रेड कार्ड दिखाया गया। वहीं, लिवरपूल के मिडफील्डर कर्टिस जोन्स और एवर्टन के अब्दुलाये दुकुरे को भी पोस्ट-मैच विवाद के चलते दूसरे पीले कार्ड के बाद बाहर कर दिया गया।
इस खेल में रेफरी माइकल ओलिवर ने आठ पीले कार्ड भी जारी किए। लिवरपूल के कप्तान वर्जिल वैन डाइक ने दुकुरे द्वारा गोल के बाद किए गए जश्न को भड़काऊ कहा, जबकि एवर्टन के मैनेजर डेविड मोयस ने अपनी टीम के साहस की सराहना की।
गुडिसन पार्क में 131 साल लंबे डर्बी की यह आखिरी भिडंत रही, जिसमें एवर्टन ने लिवरपूल के खिलाफ हार को टाल दिया। इस मैच के परिणामस्वरूप, लिवरपूल प्रीमियर लीग की खिताब दौड़ में सात अंक आगे है, जबकि एवर्टन अब भी निर्वासन की स्थिति में है। दोनों क्लबों को आने वाले मैचों में निलंबित खिलाड़ियों और स्टाफ का सामना करना पड़ेगा।