सितंबर 2025 में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित एशिया कप 2025 ने एक दिलचस्प विवाद को जन्म दिया है। बांग्लादेश क्रिकेट टीम को समूह चरण में दो लगातार मैच खेलने का शेड्यूल मिला है, जो पहली बार नहीं, लेकिन इस बार अंतराल बहुत कम है—केवल दो दिन। ऐसी योजना ने खिलाड़ियों, कोच और प्रशंसकों में सवाल उठाए हैं कि क्या इस गति को बनाए रखना संभव है।
टूर्नामेंट का कैलेंडर पहले ही घोषणा किया जा चुका था। जमैका, भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसी टीमें समूह A में शामिल हैं। बांग्लादेश का पहला मैच 10 सितम्बर को दुबई में खेलने के बाद, उन्हें तुरंत 12 सितम्बर को दूसरे मैदान में खेलना पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने बताया कि इस तरह का अंतराल कभी‑कभी टुर्नामेंट की लॉजिस्टिक जरूरतों के चलते तय किया जाता है, पर यह टीमों की फिटनेस और खेल शैली पर असर डाल सकता है।
बांग्लादेश के मुख्य कोच ने कहा, “हम 48 घंटे में दो उच्च तनाव वाले वनडे मैच खेलेंगे, जिससे खिलाड़ियों की थकान बढ़ेगी। चोट लगने का खतरा भी कम नहीं है।” इस बात को देखते हुए कई विशेषज्ञों ने कहा कि दो लगातार मैचों से बॉलिंग यूनिट पर विशेष दबाव पड़ेगा, जबकि बैटिंग लाइन‑अप को रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा।
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने तुरंत एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि वे शेड्यूल पर पुनर्विचार का अनुरोध करेंगे और यदि संभव हो तो एक दिन का आराम दिन जोड़ने की मांग करेंगे। कुछ खिलाड़ी, जैसे कि अमीर शॉफ़ी और मौसुम खान, ने सामाजिक मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाया, कहे कि “टीम को उचित विश्राम मिलना चाहिए, नहीं तो प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।”
कुल मिलाकर, बांग्लादेश की स्थिति इस बात की याद दिलाती है कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शेड्यूलिंग केवल लॉजिस्टिक नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की भलाई और खेल की क्वालिटी से भी जुड़ी होनी चाहिए। अगले हफ्तों में BCB और ICC के बीच बातचीत के परिणामों पर नज़र रखनी होगी, क्योंकि यह निर्णय न केवल बांग्लादेश की जीत की संभावनाओं को, बल्कि पूरे टुर्नामेंट की प्रतिस्पर्धात्मक भावना को भी प्रभावित करेगा।